कुछ उपयोगी टोटके कई बच्चे दूध पीने के पश्चात एकदम उल्टी कर देते है। यदि आपका बच्चा भी ऐसा करता हो, तो उसी समय उसके पास कांसे की थाली या कटोरी को चम्मच से बजा दे। मन में “ऊँ नम: शिवाय” का जप करते रहें, उल्टी तुरंत रुक जाएगी। ... और पढ़ेंसितम्बर 2008व्यूस: 28053
रुद्राक्ष से लाभ जब हम रुद्राक्ष के बारे में चिंतन करते हैं, तो भगवान शिव की प्रत्यक्ष छवि आँखों के सामने आ जाती हैं. हमारे शास्त्रों में भिन्न-भिन्न प्रकार के रुद्राक्षों का वर्णन हैं. संसार में राजसी, तामसिक और सात्विक रूप में प्रत्यक्ष फल प्रदा... और पढ़ेंअप्रैल 2012व्यूस: 14032
हस्तरेखाओं द्वारा काल निर्धारण मानव जीवन इतना जटिल और पेचीदा है, की इसे समझना सरल कार्य नहीं. यह भूतकाल से शिक्षा ग्रहण करता हुआ वर्तमान में जीता है. परन्तु यह भविष्य से सदैव आतंकित और उत्साहित रहता है. उसके मन में निरंतर एक प्रश्न कौतूहल की तर छाया रहती है....... और पढ़ेंजुलाई 2009व्यूस: 14414
सुखी दाम्पत्य के ज्योतिषीय उपाय वैदिक ज्योतिष शास्त्र में प्राचीन काल से ही विवाह से पूर्व वर-वधु का कुंडली मिलान कर दोनों के सुखी दाम्पत्य जीवन को प्रधानता दी गई है. वर-वधु की कुंडलियों से गृहस्थ जीवन का अवलोकन करने के लिए सप्तम भाव, सप्तमेष तथा शुक्र की स्थिति... और पढ़ेंजुलाई 2009व्यूस: 16809
गंडमूल नक्षत्र अश्विनी, मघा, मूल, आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती नक्षत्र गंडमूल नक्षत्र कहलाते है. इन नक्षत्रों में जन्म लेना जातक के लिए अरिष्टकारी माना जाता है. गंडमूल नक्षत्रों का जातक पर क्या प्रभाव हो सकता है. इस प्रभाव कों कौन से उपायों से दूर क... और पढ़ेंआगस्त 2011व्यूस: 48125
राहू-केतु द्वारा निर्मित कुछ योग सामान्यत: राहू-केतु का नाम सुनकर ही लोग भयभीत हो जाते है। यह सही है कि किसी कि जन्मकुंडली में राहू-केतु अशुभ प्रभाव में हों तो अपनी दशा-भुक्ति में कष्ट देते है। लेकिन शुभ प्रबहाव में होने पर ये दोनों छाया ग्रह जातक को बुलंदियों तक... और पढ़ेंआगस्त 2008व्यूस: 18954
कृष्ण जन्माष्टमी व्रत भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी, दिन बुधवार, रोहिणी नक्षत्र एवं वृषराशिस्थ चंद्रमा में हुआ था। अतः इस दिन जन्माष्टमी व्रत रखने का विधान है। इस व्रत को बाल, युवा, वृद्ध सभी कर सकते हैं। यह व्रत भारत वर्ष के ... और पढ़ेंआगस्त 2013व्यूस: 9263
नौ ग्रह शान्ति के सरल उपाय वैदिक ज्योतिष् में नौ ग्रहों की अहम भूमिका रही है. जन्मपत्री में जब कोई ग्रह अशुभ स्थिति में बैठा हो, या कोई ग्रह होने के कारण अपने सभी शुभ फल देने में असमर्थ हो तो, ऐसे में ग्रह शांति उपाय करने लाभकारी रहते है. शास्त्रों में मंत्... और पढ़ेंआगस्त 2011व्यूस: 25103
सम्मोहन उपचार इस अंक में फोबिया विषय पर बताये गये सवालों का जवाब दिया गया है। फोबिया या असामान्य डर शब्द का प्रयोग बहुत सारे लोग एक सामान्य डर या चिंता के लिए भी करते हैं जो कि सही नहीं है। डर हमारे जीवन की एक बहुत ही आवश्यक अनुभूति है। डर का क... और पढ़ेंदिसम्बर 2013व्यूस: 8747
A2 मनुष्य और कुत्ते के प्रेम का कोई सानी नहीं है। सदियों से हम ऐसी कहानियां सुनते आ रहे हैं। जिसमें कुत्ते ने अपने मालिक के प्रति वफादारी दिखाते हुए अपने प्राण दे दिए अथवा मालिक की मृत्यु के पश्चात् स्वयं भी खाना-पीना छोड़ दिया और अन... और पढ़ेंअकतूबर 2013व्यूस: 6944
श्री बगलामुखी महिमा बगलामुखी के मंत्र के जप से अनेक प्रकार की चमत्कारिक अनुभूतियां होने लगती है। आइए जानें इस वैष्णवी शक्ति की महिमा इस लेख द्वारा... और पढ़ेंमार्च 2009व्यूस: 9471
मुहूर्त क्या है इसकी उपयोगिता मुहूर्त का विचार आदि काल से होता आया श्री कृष्ण का कंस के बध हेतु उचित समय की प्रतीक्षा करना इस तथ्य को पुष्ट करते हैं।... और पढ़ेंनवेम्बर 2009व्यूस: 5261