वास्तु दोष निवारक जीवनदायी पौधे

वास्तु दोष निवारक जीवनदायी पौधे  

फ्यूचर पाॅइन्ट
व्यूस : 40882 | दिसम्बर 2006

प्रकृति की विभिन्न कृतियों में पौधों का स्थान सर्वोपरि है। सही अर्थ में तो ये देवता हैं, जो हमें सिर्फ देते ही हैं, हमसे लेते कुछ नहीं, आज प्रत्येक व्यक्ति जानता है कि पौधे हमारे दैनिक जीवन में कितना महत्व रखते हैं। फिर भी अनेक पौधों के गुणों से अधिकांश लोग अनभिज्ञ एवं अपरिचित रहते हैं। विभिन्न प्रकार के पौधे, वृक्ष आदि हमारी नित्य पूजा में तो सहायक होते हैं, हमें औषधि भी प्रदान करते हैं। इन्हीं वृक्षों से तांत्रिक जड़ी बूटियां हमें प्राप्त होती हैं जो लाभकारी सिद्ध होती हैं। वास्तु दोष के निवारण में भी ये पौधे, वृक्ष, लताएं आदि हमारी सहायता करते हैं।

अशोक: अशोक वृक्ष को घर के समीप लगाने से घर में लगे हुए अन्य अशुभ वृक्षों का दोष समाप्त होता है।

केला: घर की चहारदीवारी में केले का वृक्ष शुभकारी होता है। यह वृक्ष ईशान क्षेत्र में और भी शुभ होता है। केले के पास तुलसी का गमला रखने से वास्तु दोष का शमन होता है। ईशान क्षेत्र में लगे हुए केले के पौधे के नीचे अध्ययन करने से अध्ययन व्यर्थ नहीं जाता।

अश्वगंधा: घर की सीमा में स्वतः उगने वाला अवश्वगंधा का पौधा शुभ एवं वास्तु दोष निवारक होता है।

नारियल: वास्तु ग्रंथों के अनुसार नारियल का वृक्ष घर की सीमा में होना शुभ होता है। घर की सीमा में इस वृक्ष के रहने से वहां के सदस्यों के मान-सम्मान एवं उन्नति में वृद्धि होती है।

अनार: घर के अहाते में अनार का पौधा शुभ होता है। हां घर के आग्नेय अथवा र्नै त्य कोण में इसे नहीं लगाना चाहिए। कुछ स्थानों पर अनार के वृक्ष का घर में होना अशुभ कहा गया है, किंतु यह नियम केवल बंजर जाति के अनार पर लागू है।

तुलसी: तुलसी एक जीवनदायी पौधा है। हिंदु मान्यताओं के अनुसार यह लक्ष्मी का रूप है। यह प्रत्येक हिंदू घर में मिल जाता है और लोग श्रद्ध ापूर्वक इसकी पूजा करते हैं। इसे घर के भीतर रखना चाहिए। इसका पौधा घर की अशुभ ऊर्जा को दूर तथा गंदी हवा को स्वच्छ करता है।

बरगद (वट): वास्तु की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण वृक्ष है। किसी भी भवन अथवा प्रतिष्ठान के पूर्व में वट वृक्ष का होना अत्यंत शुभ होता है। इसके विपरीत वट वृक्ष का परिश्चम की तरफ होना अशुभ होता है।

जामुन: वास्तु के अनुसार जामुन के वृक्ष का घर की सीमा के दक्षिण में होना शुभ होता है। इसके अलावा अन्य दिशाओं में लगा हुआ जामुन वृक्ष समफलदायी होता है। घर के उत्तर में जामुन वृक्ष हो, तो उसे नष्ट न करें बल्कि उसके साथ अनार या आंवले का वृक्ष लगा दें, लाभ होगा।

आम: आम का वृक्ष घर की सीमा में शुभ नहीं माना गया है। फिर भी यदि यह हो, तो इसे काटना नहीं चाहिए बल्कि नित्य इसकी जड़ो में काले तिल डालकर जल चढ़ाना चाहिए, इससे उसका अशुभत्व समाप्त हो जाएगा। साथ ही निर्गंुडी का एक पौधा लगा देना चाहिए, शुभत्व प्रदान करेगा।

नीम: घर के वायव्य कोण में नीम के वृक्ष का होना अति शुभ होता है। जो व्यक्ति नीम के 7 वृक्षों का रोपण करता है, उसे मृत्योपरांत शिवलोक की प्राप्ति होती है और जो इसके 3 वृक्षों का रोपण करता है, वह सैकड़ों वर्षों तक सूर्य लोक में सुखों का भोग करता है।

बेल: बिल्व वृक्ष का घर की सीमा में होना अति शुभ होता है। वृक्षायुर्वेद में कहा गया है:

यस्तु संरोपयेद्विल्वं, शंकरं प्रीतिकारकम्।
तत्कुलेपि सदा लक्ष्मीः संतिष्टेत पुत्रपौत्रिकी।।

अर्थात भगवान शिव जी को परम प्रिय बिल्ववृक्ष जिस घर में होता है वहां धन संपदा की देवी लक्ष्मी पीढ़ियों तक निवास करती हैं।

शतावर: वास्तु गं्रथों के अनुसार शतावर की बेल का घर में होना शुभ होता है, किंतु इसे ऊपर की दिशा की ओर बढ़ाना चाहिए।

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