शनि उदासीनता, दुख, दर्द, विपŸिा एवं मृत्यु का कारक माना जाता है। ज्योतिर्विदों का कथन है कि भाव स्थित शनि भाव की वृद्धि करता है। किंतु उसकी दृष्टि भाव को दूषित जबकि गुरु की दृष्टि पुष्ट करती है, शुभ करती है।... और पढ़ें
ज्योतिषप्रसिद्ध लोगभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या