कैसे रहेंगे उमा भारती के तेवर फ्यूचर समाचारउमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री फिर से बनना चाहती थी, लेकिन संघ और भाजपा की नाराजगी के कारण पार्टी में उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया, बल्कि उनके प्रबल विरोधी शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बना दिया जिसके कारण वह भड़क उठीं और... और पढ़ेंप्रसिद्ध लोगजुलाई 2006व्यूस: 7322
आरक्षण पर प्रभावी है शनि फ्यूचर समाचारआरक्षण का मामला इन दिनों अत्यधिक गर्म है। कोई इसका समर्थन कर रहा है तो कोई विरोध। ज्योतिष में इसका कारण बिलकुल साफ है। यह बात ज्योतिष के सभी विद्यार्थी जानते है की सूर्य राजशाही का प्रतीक है और शनि प्रजातंत्र तथा निचले तबके,... और पढ़ेंदेवी और देवजुलाई 2006व्यूस: 6119
ज्योतिष के आईने में भूकंप डी.आर. उमरेभूकंप का अनुमान लगाना आज के इस वैज्ञानिक युग में भी अभी तक असंभव है। इस प्राकृतिक आपदा का रहस्य अभी तक सुलझाया नहीं जा सका है। जहां विज्ञान इसका पूर्वानुमान लगाने में असमर्थ हैं वहां ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे तथ्यों का उल्लेख... और पढ़ेंज्योतिषजुलाई 2006व्यूस: 7095
सोने-चांदी में तेजी ला रहे है गुरु और शुक्र फ्यूचर समाचारअर्थशास्त्र के प्रथम सिद्धांतों में वणिकवाद आता है। पूर्व में वणिकवादियों का नारा था सोना और अधिक सोना। वणिकवादी स्वर्ण व्यापार एवं स्वर्ण लाभ को ही अपना ध्येय एवं सिद्धांत मानते थे। यह घटना आज से ५०० वर्ष पूर्व की है पर आज इसकी... और पढ़ेंअध्यात्म, धर्म आदिजुलाई 2006व्यूस: 7608
अशून्य शयन व्रत फ्यूचर समाचारभविष्य पुराण में अशून्य शयन व्रत की मीमांशा की गई है। इस व्रत का अनुष्ठान श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की मीमांशा की गई है। इस व्रत का अनुष्ठान श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि से प्रारम्भ होता है। इस व्रत को करने से स्त्री व... और पढ़ेंअन्य पराविद्याएंजुलाई 2006व्यूस: 7907
कलह क्यों होती है फ्यूचर समाचारपरिवार रूपी रथ के पहिए है पति और पत्नी। यदि इनके मध्य वैचारिक एवं शारीरिक संबंध अच्छे नहीं होंगे तो परिवार में कलह होना निश्चित है। पारिवारिक कलह गृहस्थ सुख को नष्ट कर देती है। इसके पीछे पति-पत्नी के पारस्परिक संबंधों को अच्छा न ह... और पढ़ेंउपायजुलाई 2006व्यूस: 6869
शीघ्र विवाह के अचूक उपाय फ्यूचर समाचारज्योतिष शास्त्र जहां विवाह में विलम्ब कारक ग्रह स्थितियों का विश्लेषण करता है। वहीं शीघ्र विवाह के लिए उपायों का निर्देश भी देता है। सर्वप्रथम जन्मकुंडली का सूक्ष्म अध्ययन कर यह पता लगाना चाहिए की व्यक्ति के विवाह कराने में कौन सा... और पढ़ेंउपायजुलाई 2006व्यूस: 30313
दाम्पत्य जीवन पर राहु का दुष्प्रभाव फ्यूचर समाचारविवाह व दाम्पत्य जीवन का आकलन जन्मकुंडली के सप्तम भाव से किया जाता है। पुरुष की कुंडली में शुक्र ग्रह पत्नी व् विवाह कारक होता है तहा स्त्री की कुंडली में बृहस्पति पति तथा दाम्पत्य सुख का कारक होता है। सप्तम भाव, भावेश व् शुक्र पर... और पढ़ेंदेवी और देवजुलाई 2006व्यूस: 19006
विवाह सुख में बाधा दर्शाने वाले योग और लाल किताब द्वारा उनके उपाय फ्यूचर समाचारवैवाहिक जीवन सुखी रहे इस बात को ध्यान में रखते हुए कुंडली मिलान किया जाता है। परंतु ज्योतिषी कई बार कुछ बातों को नजारा अंदाज भी कर देते है। वैवाहिक सुख को प्रभावित करने वाली कई स्थितियां होती है। उन स्थितियों का आकलन करते हुए यहां... और पढ़ेंउपायजुलाई 2006व्यूस: 12784
पापी ग्रहों से उत्पन्न कलह का निवारण फ्यूचर समाचारआजकल प्रत्येक परिवार, चाहे वह संयुक्त हो अथवा एकल, गृह कलेश के फैले विषाक्त वातावरण के परिवार का मुखिया, परिवार का प्रत्येक सदस्य तनावग्रस्त जीवन व्यतीत करता है। गृह कलह का यह वातावरण परिवार के सदस्यों में रक्तचाप... और पढ़ेंअन्य पराविद्याएंजुलाई 2006व्यूस: 9661
वैवाहिक निर्णयों मे षड्वर्गो की महता फ्यूचर समाचारविवाह आदि का निर्णय लेते समय गुण मिलान के अतिरिक्त कुंडली में ग्रह स्थिति और भावेशों के बलाबल का ध्यान भी रखना चाहीए। केवल गुणों के आधार पर निर्णय लेना उचित नहीं। कई स्थितयों में देखा गया है की विवाहोपरांत धन की कमी उचित संतान न ह... और पढ़ेंअन्य पराविद्याएंजुलाई 2006व्यूस: 9405
उपाय किसका करें ? क्या और क्यों ? फ्यूचर समाचारसर्वप्रथम कुंडली को ध्यान से देखकर यह विश्लेषण करना अत्यंत आवश्यक है की जातक को समस्या किस ग्रह के कारण है। कई बार ऐसा होता है की समस्या कुछ और होती है और उसका वास्तविक कारण कुछ और होता है। उदाहरण के लिए यदि किसी जातक को मानासिक... और पढ़ेंअन्य पराविद्याएंजुलाई 2006व्यूस: 15522