दीपावली पर किए जाने वाले अदभूत टोटके फ्यूचर समाचारआपका व्यवसाय यदि कम हो गया हो या किसी ने उसे बांध दिया हो, तो दीपावली से पूर्व धनतेरस के दिन पूजा स्थल पर लाल वस्त्र विछाकर उस पर धनदा यंत्र” को स्थापित करें और धूप, दीप, दिखाएँ, नैवेद्ध अर्पित करें। यह क्रिया करते समय मन ही मन श्... और पढ़ेंउपायनवेम्बर 2007व्यूस: 9665
परवेज मुशर्रफ और पाकिस्तान डॉ. अरुण बंसलपाकिस्तान में वहाँ के राष्ट्रपति में वहां के राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने ३ नवंबर २००७ को आपातकालीन स्थिति घोषित कर पूरे विश्व का ध्यान अपनी और खींच लिया। १२ अक्तूबर १९९९ को परवेज मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को ... और पढ़ेंज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगयशकुंडली व्याख्यादिसम्बर 2007व्यूस: 7732
भारतवर्ष कि वर्तमान स्थिति : एक विश्लेषण फ्यूचर समाचारइन दिनों हमारा देश कामयाबी कि नई-नई ऊंचाइयों को छू रहा है। वर्ल्ड कप २०-२० जीतकर हमने अपना परचम फहराया, वहीँ विदेशी सहयोग कि जोरदार सक्रियता तथा मुद्रास्फीति कि दर लगातार गिराने से शेयर मार्केट में सूचकांक १८५०० के पार बढ़ रहा है।... और पढ़ेंअन्य पराविद्याएंदिसम्बर 2007व्यूस: 10683
रुक्मिणी अष्टमी फ्यूचर समाचारपौष मास के कृष्ण पक्ष कि अष्टमी को रुक्मिणी अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत से सौभाग्य, संतान, सुख शांति एवं ऐश्वर्य कि प्राप्ति होती है। प्रात:काल अरुणोदय बेला में जागकार नित्य नैमितिक क्रियाओं को संपन्न कर हाथ में अक्षत, पु... और पढ़ेंदेवी और देवदिसम्बर 2007व्यूस: 9774
वास्तु परिचय एवं बिना तोड़ फोड के वास्तु उपाय फ्यूचर समाचारअंधक् राक्षस का वध करने के उपरांत भगवान शंकर के थकित शरीर के पसीने से उत्पन्न एक क्रूर भूखे सेवक कि उत्पति हुई जिसने अंधक राक्षस के शरीर से बहते हुए खून को पिया फिर भी उसकी क्षुधा शांत नहीं हुई तब उसने शिवजी कि तपस्या कि और भगवान... और पढ़ेंवास्तुदिसम्बर 2007व्यूस: 10774
दिशाओं का शुभाशुभ फल फ्यूचर समाचारवास्तुशास्त्र कि चार मुख्य दिशाएं-पूर्व, उतर, पश्चिम और दक्षिण। इसी तरह इसकी चार ही उपदिशाएं भी होती हैं उतर, पूर्व, उतर, पश्चिम, दक्षिण पश्चिम। वास्तु शास्त्र में ब्रहास्थल का स्थान भी महत्वपूर्ण है। वास्तुशास्त्र के अनुसार हर दि... और पढ़ेंवास्तुदिसम्बर 2007व्यूस: 13560
वास्तु में जल ऊर्जा का स्थान फ्यूचर समाचारवास्तु विचार के क्रम में जल ऊर्जा के प्रायोजित समायोजन पर विचार अपेक्षित है। जल ही जीवन है क्योकि जल के द्वारा ही प्राणी कि नित्य सभी क्रियाएं संपादित होती है, जल प्यास बुझाता है। और ताप के प्रभाव से रक्षा करता है। अस्तु,... और पढ़ेंवास्तुदिसम्बर 2007व्यूस: 9035
अपने घर को बनाएं वास्तुसम्मत फ्यूचर समाचारपर्यावरण में अनके प्रकार कि शक्तियां कार्यरत रहती है। धन आयन एवं ऋण आयन दोनों का बल समान है। स्वसन क्रिया कि एक निश्चित गति होती है। वास्तु दोष युक्त स्थान में प्रवेश करने से इसकी गति में परिवर्तन अनुभव किया जा सकता है।... और पढ़ेंवास्तुदिसम्बर 2007व्यूस: 11699
संयुक्त परिवार में कहां हो शयन कक्ष फ्यूचर समाचारवास्तु शास्त्र के अनुसार गृहस्वामी और गृहस्वामिनी को दक्षिण दिशा में शयन करना चाहिए। गृहस्वामी , गृहस्वामिनी या कोई अन्य स्त्री यदि दक्षिण दिशा में शयन व् निवास करती है। तो वह प्रभावशाली हो जाती है। अत: परिवार कि मुखिया स्त्री को ... और पढ़ेंवास्तुदिसम्बर 2007व्यूस: 9453
औद्धोगिक प्रतिष्ठानों में वास्तु का उपयोग फ्यूचर समाचारवास्तुदोष जिस भवन में स्थान बना लेते हैं उस पर सदैव दरिद्रता कि छाया और क्लेश का वातावरण बना रहाता है। सुख दूर भागते है तथा लक्ष्मी का प्रवेश बाधित होता है, अर्थात समस्याएं निरंतर आती रहती है। बड़े बड़े महलों में विषाद तथा झोंपडियों... और पढ़ेंवास्तुदिसम्बर 2007व्यूस: 8339
होटल की वास्तु व्यवस्था फ्यूचर समाचारहोटल एवं रेस्टोरेंट भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान होते है। परन्तु इनकी आतंरिक व्यवस्था अन्य दुकानों या आफिसों से बिलकुल भिन्न होती है। आधुनिक समय में होटल, रेस्टोरेंट एवं जलपान गृह का प्रचलन पहले से काफी अधिक बढ़ गया है। वर्त्तमान में आ... और पढ़ेंवास्तुदिसम्बर 2007व्यूस: 7993
अस्पताल में वास्तु नियमों का उपयोग फ्यूचर समाचारअस्पताल के माध्यम से लोगों को चिकित्सा सुविधा मिलती है। वहीँ सिनेमा हाल द्वारा लोगों का मनोरंजन होता है। उसी प्रकार होटल द्वारा खाने – पीने तथा विश्राम का साधन उपलब्ध होता है। अतएव इन तीनों औद्योगिक प्रतिष्ठानों के निर्माण के समय ... और पढ़ेंवास्तुदिसम्बर 2007व्यूस: 7003