सफल डॉक्टर के योग

सफल डॉक्टर के योग  

बालकिशन भारद्वाज
व्यूस : 16700 | अकतूबर 2013

एक सफल व प्रसिद्ध डाॅक्टर बनने के लिए आपकी कुंडली में कुछ ग्रहों का प्रभावी योगदान आवश्यक है। पर किसका और कितना? हमारे माननीय व आदरणीय विद्वानों ने समय-समय पर इसका विश्लेषण व वर्णन बड़ी सुगमता से किया है। प्रत्येक बार कुछ नया किया, क्योंकि ज्योतिष विषय ही ऐसा है कि इसमें जितना अनुसंधान किया जाए कम है। आज जरूरत है इसमें एक नई खोज की, एक नए विश्वास व प्रयास की। सफल डाॅक्टर बनने के लिए आवश्यक

1. मंगल लग्नेश, पंचमेश, व दशमेश होकर अपनी स्वराशि का हो।

2. मंगल उच्च का होकर केंद्र या त्रिकोण में हो।

3. शनि पंचमेश, दशमेश या लग्नेश हो, स्वराशि या उच्च का हो, केंद्र व त्रिकोण का स्वामी हो।

4. लग्न कुंडली में शनि या मंगल की युति हो।

5. मंगल शनि से दृष्ट हो व शनि मंगल से दृष्ट हो।

6. शनि व म ंगल का परस्पर राशि परिवर्तन हो अर्थात शनि मंगल की राशि में हो, व म ंगल शनि की राशि में हो।

7. जातक की कुंडली में बुद्धादित्य योग हो तो उसे प्रसिद्धि भी मिलेगी। ऐसा डाॅक्टर देश, विदेश में सुप्रसिद्ध होगा।

8. बुध के लग्नांे में किसी भी प्रकार से मंगल व शनि की युति हो, दोनों एक दूसरे से दृष्ट हों, राशि परिवर्तित हो व उनमें किसी भी प्रकार से संबंध हो।

9. मंगल व शनि नवमांश में वर्गोत्तमी व स्वराशि के हों तो संभावना शत-प्रतिशत बढ़ जाती है।

10. सर्वाष्टक वर्ग में मंगल व शनि ने चार या चार से उपर पंचम व दशम भावस्थ राशि में रेखा दी हो।एक सफल डाॅक्टर बनाने में सक्षम ग्रह हंै मंगल, व शनि। यह आकलन एक नहीं, दो नहीं अपितु सैकड़ों कुंडलियों के अध्ययन के पश्चात निकाला गया है जिसके कुछ प्रमाण आपके सामने हैं। उदाहरण कुंडली नं. 1 में

1. कन्या लग्न स्वामी बुध है।

2. पंचमेश शनि लाभ भावस्थ होकर लग्न मंगल को देख रहा है।

3. दशमेश व लग्नेश बुध पर च ंद्रमा की पूर्ण दृष्टि है।

4. बुधादित्य योग से प्रसिद्धि मिली। एक सफल डाॅक्टर बनाने में सक्षम ग्रह हंै मंगलए व शनि। यह आकलन एक नहींए दो नहीं अपितु सैकड़ों कुंडलियों के अध्ययन के पश्चात निकाला गया है जिसके कुछ प्रमाण आपके सामने हैं। उदाहरण कुंडली नंण् 1 में 1ण् कन्या लग्न स्वामी बुध है। 2ण् पंचमेश शनि लाभ भावस्थ होकर लग्न मंगल को देख रहा है। 3ण् दशमेश व लग्नेश बुध पर च ंद्रमा की पूर्ण दृष्टि है। 4ण् बुधादित्य योग से प्रसिद्धि मिली। उदाहरण कुंडली 2 में 1. पंचमेश शनि है व धन भाव में मित्र राशि में है।

2. लग्नेश बुध है जो कि सूर्य से राशि परिवर्तन योग में है।

3. शनि मंगल को तीसरी दृष्टि से देख रहा है।

4. लाभेश चंद्रमा पंचमेश शनि के साथ युति बना रहा है।

5. मंगल चतुर्थ भाव में शनि से दृष्ट है। उदाहरण कुंडली नं. 3 में 1. लग्नेश बुध (कन्या लग्न) व मंगल की युति।ं

2. मंगल की शनि पर पूर्ण दृष्टि।

3. पंचमेश शनि धन भावस्थ है।

4. लाभेश चंद्रमा दशम भावस्थ है।

5. मंगल पर चतुर्थेश व सप्तमेश की पूर्ण दृष्टि है। उदाहरण कुंडली नं. 4 में

1. मंगल स्वराशि का होकर भाग्य भाव में स्थित है।

2. शनि व मंगल की युति भाग्य भाव में है।

3. सूर्य लाभ में स्थित है।

4. जातक कालसर्प से पीड़ित होने के बावजूद कार्डियोलाॅजिस्ट (प्रसिद्ध) है। उदाहरण कुंडली नं. 5 में

1. शनि व मंगल का राशि परिवर्तन

2. चंद्रमा की मंगल पर पूर्ण दृष्टि

3. लग्नेश व भाग्येश की युति

4. मंगल धनेश व शनि लाभेश है। उदाहरण कुंडली 6 में

1. लग्नेश बुध है। अर्थात बुध का लग्न है।

2. मंगल व शनि की युति है।

3. बुध स्वराशि का लग्नस्थ है।

4. चंद्रमा की लग्न पर पूर्ण दृष्टि है। उदाहरण कुंडली नं. 7 में

1. बुध का लग्न (कन्या) है।

2. पंचमेश शनि दशमस्थ है।

3. मंगल की शनि पर व शनि की मंगल पर पूर्ण दृष्टि है।

4. चंद्रमा की मंगल से युति है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.