रुद्राक्ष: उद्भव एवं उत्पत्ति

रुद्राक्ष: उद्भव एवं उत्पत्ति

राजेंद्र शर्मा ‘राजेश्वर’

‘‘रुद्राक्ष’’ शब्द को अनेक भावार्थों में विवेचित किया गया है। सामान्यतः रुद्राक्ष को रुद्र$अक्ष अर्थात भगवान रुद्र (शिव) के आंसुओं से उत्पन्न एक प्रकार का कसैला, खारा फल माना गया है। रुद्र शब्द का निर्माण ‘रुत्’ से हुआ है, जिस... और पढ़ें

उपायरूद्राक्षराशिअध्यात्म, धर्म आदिमुहूर्तमंत्र

मई 2014

व्यूस: 11137

पितृदोष संबंधी अशुभ योग एवं उनके निवारण के उपाय

पितृदोष से तात्पर्य पितरों की असंतुष्टि से है। जब किसी परिजन के द्वारा अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध इत्यादि कर्म नहीं किया जाए अथवा इन कर्मों को पितरों के द्वारा नकार दिया जाए, तो पितर असंतुष्ट होकर जो हानि पहुंचाते हैं, उसे... और पढ़ें

ज्योतिषउपायज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकअध्यात्म, धर्म आदि

सितम्बर 2014

व्यूस: 11179

रुद्राक्ष की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

हमारे शास्त्रकारों ने एक मत से यह निष्कर्ष प्रस्तुत किया है कि वास्तव में भगवान् शिव ने रुद्राक्ष के रूप में एक अद्भुत उपहार हमें दिया है। न केवल इसका दर्शन सुखकर और पुण्यवर्धक होता है, बल्कि इसका गले में विद्यमान रहना भी साधक... और पढ़ें

उपायरूद्राक्षअध्यात्म, धर्म आदि

मई 2014

व्यूस: 11066

हिन्दू मान्यताओं का वैज्ञानिक आधार

अनादि काल से ही हिन्दू धर्म में अनेक प्रकार की मान्यताओं का समावेश रहा है। विचारों की प्रखरता एवं विद्वानों के निरंतर चिंतन से मान्यताओं व् आस्थाओं में भी परिवर्तन हुआ।... और पढ़ें

उपायअध्यात्म, धर्म आदिविविध

अप्रैल 2013

व्यूस: 10468

श्री यंत्र का आध्यात्मिक स्वरूप

पूर्ण विधान से श्री यंत्र का पूजन जो एक बार भी कर ले, वह दिव्य देहधारी हो जाता है। दत्तात्रेय ऋषि एवं दुर्वासा ऋषि ने भी श्री यंत्र को मोक्षदाता माना है। इसका मुख्य कारण यह है कि मनुष्य शरीर की भांति, श्री यंत्र में भी 9 चक्र होते... और पढ़ें

उपायसंपत्तियंत्रअध्यात्म, धर्म आदि

जुलाई 2013

व्यूस: 11639

श्राद्ध कर्म: कब, क्यों और कैसे?

भारतीय शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि पितृगण पितृपक्ष में पृथ्वी पर आते हैं और 15 दिनों तक पृथ्वी पर रहने के बाद अपने लोक लौट जाते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि पितृपक्ष के दौरान पितृ अपने परिजनों के आस-पास रहते ... और पढ़ें

ज्योतिषउपायभविष्यवाणी तकनीकअध्यात्म, धर्म आदि

सितम्बर 2014

व्यूस: 13473

प्रणाम या अभिवादन व्रत

प्रणाम या अभिवादन व्रत

ब्रजकिशोर शर्मा ‘ब्रजवासी’

अभिवादन सदाचार का मुख्य अंग है। इससे न केवल लौकिक लाभ ही प्राप्त होता है अपितु आध्यात्मिक पथ भी प्रशस्त हो जाता है। पुराणों में प्रणाम के बल पर दिव्य लाभों को प्राप्त करने के अनेक दृष्टांत प्राप्त होते हैं।... और पढ़ें

उपायपर्व/व्रतअध्यात्म, धर्म आदि

फ़रवरी 2010

व्यूस: 13957

लक्ष्मी प्राप्ति के लिए विभिन्न प्रयोग

प्र.-दरिद्रता दूर करने के लिए क्या करना चाहिए ? उ.- नहीं दरिद्र सम दुख जग माही। अर्थात जगत में दरिद्रता के समान कोई दुख नहीं है। यह दरिद्रता भी अनेक रूपों वाली है। बुद्धि का विकास न होना मस्तिष्क की दरिद्रता है। दया का अभाव... और पढ़ें

उपायदेवी और देवसंपत्ति

नवेम्बर 2015

व्यूस: 8059

क्या है पितृ दोष अथवा पितृ ऋण?

लोगों की मृत्यु उपरांत विभिन्न कारणों से अथवा मोह माया वश जब उनकी आत्मा बंधन मुक्त न होकर मृत्यु लोक में ही घूमती रहती है और स्वयं मुक्त न होने के कारण इन पूर्वजों का अपने परिवार पर नकारात्मक अथवा किसी न किसी रूप में... और पढ़ें

ज्योतिषउपायभविष्यवाणी तकनीकअध्यात्म, धर्म आदि

सितम्बर 2014

व्यूस: 16737

ब्रह्म सृष्टि विज्ञान

ब्रह्म सृष्टि विज्ञान

गिरजा शंकर प्रसाद

विश्व ब्रह्मांड का रहस्य कौतूहल का विषय है। आज का विज्ञान इन रहस्यों को उजागर करने में प्रयत्नशील है। सृष्टि का प्रादुर्भाव अण्ड विस्फोट से होने की जानकारी आज के वैज्ञानिकों को सन 1926-27 में हुई, जिसे बिग बैग की संज्ञा देकर उन्हो... और पढ़ें

उपायअध्यात्म, धर्म आदिखगोल-विज्ञानविविध

अकतूबर 2008

व्यूस: 15346

बच्चों को सफल बनाने के सूत्र

किस भी व्यक्ति की यह उत्कट अभिलाषा होती है की वह अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा प्रदान करे ताकि बच्चे जीवन में चहुंमुखी विकास कर सके तथा देश के सभी एवं गणमान्य नागरिकों में उनकी गिनती हो सके तो यह तभी संभव हैं।... और पढ़ें

उपायसफलताअध्यात्म, धर्म आदिबाल-बच्चे

फ़रवरी 2013

व्यूस: 16839

शाबर-मेरू-तंत्र

शाबर-मेरू-तंत्र

ब्रजकिशोर शर्मा ‘ब्रजवासी’

शाबर मंत्र साधना प्रारंभ करने से पूर्व ‘शाबर-मेरू-तंत्र’ का या ‘सर्वार्थ साधक मंत्र’ या सुमेरू मंत्र का जप अत्यंत आवश्यक है; क्योंकि यह मंत्र उच्च कोटि के गुरुओं के अभाव व साधक की आवश्यक योग्यता की पूर्णता का प्रतीक है... और पढ़ें

उपायअध्यात्म, धर्म आदिमंत्र

आगस्त 2014

व्यूस: 38422

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