व्यवसायिक सुधार


बैंक

बैंक

प्रमोद कुमार सिन्हा

वास्तुशास्त्र में धन रखने के लिए सबसे उपयुक्त और शुभ स्थान उतर दिशा को माना गया हैं। क्योंकि इस दिशा के स्वामी कुबेर हैं। कुबेर समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी के खजांची हैं। इसलिए बैंक को उतर में रखने की सलाह दी जाती हैं।... और पढ़ें

वास्तुभवनव्यवसायिक सुधार

मार्च 2013

व्यूस: 5425

वास्तु में कबाड़खाने का महत्व

वास्तु विज्ञान मनुष्य के चिरकालीन अनुभव का परिणाम है। यदि इसके सिद्धांतों का ठीक-ठीक पालन किया जाए तो निश्चित और तत्काल परिणाम मिलते हैं। विभिन्न वास्तु ग्रंथों में जीवन सुखी व समृद्ध बनाने के लिये घर के हर सदस्य को शयनकक्ष, भंडा... और पढ़ें

वास्तुगृह वास्तुव्यवसायिक सुधारवास्तु के सुझाव

जनवरी 2005

व्यूस: 5287

ईशान कोण को खाली रखना वैदिक भी है और वैज्ञानिक भी

हमारे ऋषि मुनि महान वैज्ञानिक थे। उनका वैज्ञानिक ज्ञान हमारे वैज्ञानिक ज्ञान की तुलना में ब्रह्मांडीय अनुपात रखता था। उन्होंने संभ्रागन सूत्रधार, मायामतम, स्थापत्य वेद, मनसा आदि में जो कुछ कहा है वह सत्य है। आवश्यकता केवल उस सत्य ... और पढ़ें

वास्तुगृह वास्तुव्यवसायिक सुधारवास्तु पुरुष एवं दिशाएं

जनवरी 2008

व्यूस: 4934

कार्यालय

कार्यालय

प्रमोद कुमार सिन्हा

प्र.- किसी भी कार्यालय के निर्माण हेतु किस तरह का भूखंड लाभप्रद होता है? उ.-किसी भी कार्यालय को विकसित करने के पूर्व भूखंड का चयन आवष्यक है। कार्यालय के लिए आयताकार या वर्गाकार भूखंड का चयन सर्वश्रेठ होता है। ईषान्य वृद्धि भूखंड प... और पढ़ें

वास्तुव्यवसायिक सुधारवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारण

आगस्त 2014

व्यूस: 4760

वास्तु सज्जा, रंग व वास्तु का सही प्रयोग

निर्माण वास्तु सम्मत होने पर भी कई बार व्यक्ति को कष्ट होता है, तो उस स्थिति में यह पाया जाता है कि व्यक्ति उस घर का सही प्रयोग नहीं कर रहा होता।... और पढ़ें

वास्तुभवनगृह वास्तुव्यवसायिक सुधारवास्तु के सुझाव

नवेम्बर 2010

व्यूस: 2634

वास्तु विद्या एवं कला की प्राचीनता एवं आधुनिक काल में उपयोगिता

मानव की भवन सम्बन्धी आवष्यकता मानव सभ्यता जितनी ही प्राचीन है। वास्तु कला का विकास मानव सभ्यता के विकास का इतिहास है। वास्तु षब्द का अर्थ मात्र भवन निर्माण नहीं है इसका क्षेत्र बहुत व्यापक है। वास्तु षब्द ग्रामों, पुरों, दुर्गों, ... और पढ़ें

स्वास्थ्यउपायवास्तुगृह वास्तुव्यवसायिक सुधारसंपत्ति

अकतूबर 2013

व्यूस: 21956

दक्षिण-पश्चिम का दोष प्रगति में बाधक

चुम्बकीय कंपास के अनुसार 202 डिग्री से लेकर 247 डिग्री के मध्य के क्षेत्र को नैर्ऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) दिशा कहते हैं। दक्षिण-पश्चिम का क्षेत्र पृथ्वी तत्व के लिए निर्धारित है। यह सभी तत्वों से स्थिर है। यह दिशा सभी प्रकार की विषमता... और पढ़ें

स्वास्थ्यउपायवास्तुसुखगृह वास्तुव्यवसायिक सुधारसंपत्ति

जुलाई 2013

व्यूस: 18392

दर्पण भी दूर करता है वास्तु दोष

आज के युग में विशेष तौर पर बड़े शहरों में जहां रहने के लिए घरों का मिलना ही बहुत बड़ी उपलब्धि माना जाता है, ऐसे में संपूर्ण वास्तु सम्मत निवास का मिलना असंभव सा प्रतीत होता है। ऐसे में किसी दिशा विशेष का विस्तार कम हो या दिशा विपरीत... और पढ़ें

स्वास्थ्यउपायवास्तुसुखगृह वास्तुव्यवसायिक सुधारसंपत्ति

अप्रैल 2011

व्यूस: 15022

पिरामिड द्वारा वास्तु दोष निवारण

वास्तु दोष-निवृत शब्द का प्रयोग दो अर्थों में किया जाता है- पहला, नये भवन का निर्माण करते समय और दूसरा, जब भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका हो। तत्पश्चात् निर्मित भवन के दोषों का पता चले, निर्मित भवन में कोई भी तोड़-फोड़ कराना आसान... और पढ़ें

स्वास्थ्यउपायवास्तुसुखगृह वास्तुव्यवसायिक सुधारसंपत्ति

जुलाई 2012

व्यूस: 13650

जन्मकुंडली से वास्तु दोष निवारण

हम हमेशा कोशिश करते हैं कि हमारा घर या भवन शत-प्रतिशत वास्तुशास्त्र के अनुसार बने और इसके लिए हम भरपूर प्रयत्न भी करते हं, लेकिन देखने में आता है कि इतनी सारी कोशिश करने के बावजूद घर के सभी भाग समान रूप से सुन्दर या वास्तु के अनुर... और पढ़ें

ज्योतिषउपायवास्तुगृह वास्तुव्यवसायिक सुधारग्रहवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएं

अप्रैल 2014

व्यूस: 17951

क्यों जरूरी है गृहप्रवेश से पहले वास्तु शांति करवाना

नए घर में प्रवेश से पूर्व वास्तु शांति अर्थात यज्ञादि धार्मिक कार्य अवश्य करवाने चाहिए। वास्तु शांति कराने से भवन की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है तभी घर शुभ प्रभाव देता है जिससे जीवन में खुशी व सुख-समृद्धि आती है। वास्तु शास्... और पढ़ें

स्वास्थ्यउपायवास्तुसुखगृह वास्तुव्यवसायिक सुधारसंपत्ति

जुलाई 2013

व्यूस: 32955

भवन निर्माण में शल्य निष्कासन

वेद सर्वविध ज्ञान और विज्ञान के प्राप्ति स्थान हैं। सभी प्रकार की विधाओं का उद्भव वेदों से ही हुआ है। वेद से अभिप्राय संपूर्ण वैदिक साहित्य से है। इसमें न केवल ऋक, यजु, साम और अथर्ववेद ही है अपितु शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरूक्त, छ... और पढ़ें

स्वास्थ्यवास्तुगृह वास्तुभूमि चयनव्यवसायिक सुधारसंपत्ति

अकतूबर 2013

व्यूस: 14806

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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