कुंडली व्याख्या


कुंडली मिलान और मांगलिक दोष

कुंडली मिलान और मांगलिक दोष

कनक कुमार वार्षणेय

हमारे समाज में कुंडली मिलान की प्रथा इतनी व्यापक हो गई है कि अच्छा संबंध मिलने पर भी मेलापक के गुणों अथवा मांगलिक दोष के कारण बात अटक जाती है। कुंडली मिलाएं या नहीं, मांगलिक दोष से किस प्रकार निपटें, यही इस लेख की चर्चा का विषय है... और पढ़ें

ज्योतिषकुंडली व्याख्याघरविवाहग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2012

व्यूस: 18826

महान भविष्यवक्ता कीरो

अंक विज्ञान के क्षेत्र में कीरो का नाम बहुत ही सम्मानपूर्वक लिया जाता है। कीरो एक महान अंक विशेषज्ञ होने के साथ-साथ महान हस्तरेखा विशेषज्ञ एवं महान भविष्यवक्ता भी थे। किन ग्रहों की शुभ स्थिति एवं बल ने इस महान व्यक्तित्व को इस क्ष... और पढ़ें

ज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2010

व्यूस: 20304

आयु निर्णय

आयु निर्णय

डॉ. अरुण बंसल

जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सामान्यतः होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास केवल ज्योतिष के माध्यम से ही सम्भव है। ज्योतिष हमारा मार्गदर्शक शास्त्र है, नियामक नहीं। वस्तु स्थिति यह है कि शास्त्र व अनुभव ये दो आंखें हैं, इन्हीं आंखों के द... और पढ़ें

ज्योतिषस्वास्थ्यकुंडली व्याख्याघरचिकित्सा ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2013

व्यूस: 13249

जन्म पत्रिका में ज्योतिषी योग

ज्योतिष एक दिव्य विद्या होने के साथ ज्ञान का अथाह सागर है इसमें ईष्वरोपासना की ओर आगे बढ़कर ईष्वरीय कृपा प्राप्त करने वाला व्यक्ति ही पारंगत हो सकता है। इससे संबंधित ज्योतिषीय योगों के बारे में जानने के लिए यह लेख पढ़िए।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2011

व्यूस: 18064

ज्योतिष द्वारा कैसे जानें मानसिक रोग

मन के हारे हार है 'मन के जीते जीत' उक्त कहावत हमारे जीवन में बहुत सार्थक प्रतीत होती है। मानसिक बल के आगे शारीरिक बल न्यून हो जाता है। व्यक्ति का मन अगर भ्रष्ट या अविवेकी हो जाए तो व्यक्ति का चरित्र लांछित हो जाता है। मन रोगी व कम... और पढ़ें

ज्योतिषस्वास्थ्यकुंडली व्याख्याघरचिकित्सा ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2011

व्यूस: 19693

सुभाष चंद्र बोस

सुभाष चंद्र बोस

शरद त्रिपाठी

भारतवर्ष में एक से बढ़कर एक नेता हुए किंतु सुभाष चंद्र बोस की तुलना किसी से नहीं की जा सकती है। दूसरों को जबरन अपनी ओर आकर्षित करने वाला जोशीला व चुंबकीय व्यक्तित्व, जीनियस व दूरदर्शी। ब्रिटिश काल में अंग्रेजों को अपनी इंडिय... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकगोचर

जून 2015

व्यूस: 7811

बारहवें भाव से नाम, यश व समृद्धि

भारतीय ज्योतिष शास्त्रानुसार बारहवें भाव को त्रिक भावों में गिना जाता है। सामान्यतः न तो बारहवें भाव को और न ही बारहवें भाव के स्वामी को शुभ कहा जाता है क्योंकि बारहवां भाव खर्च, अस्पताल, जेल, पाबंदियां आदि का भाव कहा जाता है। फ... और पढ़ें

ज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय विश्लेषणकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2015

व्यूस: 8008

विवाह और वैवाहिक जीवन

विवाह विचार: विवाह के विषय में विचार करने के लिए जातक की जन्मकुंडली के सप्तम भाव का विश्लेषण करते हैं। इसके अतिरिक्त जब विवाह संपन्न होता है, तो उसके कुटुंब में भी वृद्धि होती है। अतः इस प्रकार जातक के द्वितीय भाव का भी विश्लेषण क... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याविवाहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2004

व्यूस: 7523

ज्योतिष से कैरियर चुनाव

ज्योतिष से कैरियर चुनाव

स्मिता एस. देशपांडे

पुरातन परंपरानुसार वही व्यवसाय करने का समय इतिहास ही बन गया है। पिताजी का ही व्यवसाय करना अब जरूरी नहीं। बल्कि व्यापक क्षेत्र मिलने से अपने हिसाब से चुनाव होता है। पर हम एक चीज कर सकते हैं। किसी की जन्मपत्रिका देखकर उसके नैसर्गिक ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

अप्रैल 2010

व्यूस: 6526

प्रारब्ध और भाग्य का खेल

अनुभूति आज बहुत खुश थी। बहुत मन्नत मांगने के बाद आज उसपर ईश्वर की कृपा हुई थी और उसने चांद सी खूबसूरत बेटी को जन्म दिया था। पूरे घर में खुशियां मनाई जा रही थी और बेटी का नाम रखा गया रिदिमा। रिदिमा का लालन-पालन बहुत प्... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकहस्तरेखा सिद्धान्त

आगस्त 2014

व्यूस: 7407

बिहार चुनाव में नितीश कुमार का भविष्य

श्री नितीश कुमार जी की कुंडली में दशम भाव में बृहस्पति गोचर कर रहा है। बृहस्पति बिहार के चुनाव के कार्यकाल में बड़ा ही गंभीर खेल करेगा। पहला तो यह कि बृहस्पति 18 नवंबर तक वक्री रहेगा... और पढ़ें

ज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

नवेम्बर 2010

व्यूस: 7033

बालारिष्ट

बालारिष्ट

कश्यप डी. सोलंकी

बालारिष्ट, यानी अवकाश में घूम रहे ग्रहों के जिस योग से बालक को अरिष्ट होता है, यानी जब किसी जातक का जन्म होता है, तब अवकाश में घूम रहे ग्रहों का कोई ऐसा योग बन जाये कि नवजात शुशु के आयुष्य, स्वास्थ्य पर उसका बुरा प्रभाव पड़े और बाल... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2004

व्यूस: 6994

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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