मंत्र की जितनी विशद एवं सार्थक व्याख्या भारतीय तत्वज्ञ ऋषियों ने की है। उतनी अन्यत्र कहीं नहीं मिलती है। हालांकि जैन, बौद्ध, सिख इस्लाम, ईसाई, पारसी एवं यहूदी आदि सभी धर्मों में मंत्र की महता निर्विवाद रूप से विद्यमान और मान्य है... और पढ़ें
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