कैरियर निर्माण की अनुभूत ज्योतिषीय प्रक्रिया

ज्योतिष ग्रंथों में कर्मक्षेत्र के चयन हेतु असंख्य सिद्धांत एवं नियम प्रतिपादित हैं। इन नियमों को किसी जातक की जन्मकुंडली में लागू कर उसके वास्तविक व्यवसाय का निर्धारण कर पाना अत्यंत कठिन एवं दुरूह है। सारे सिद्धांतों को लागू कर ल... और पढ़ें

ज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरकृष्णामूर्ति ज्योतिषनक्षत्रग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसायसफलता

अकतूबर 2005

व्यूस: 13722

शिक्षा, व्यवसाय और धन योग

शिक्षा, व्यवसाय और धन योग

सेवाराम जयपुरिया

किसी जातक की कुंडली में चतुर्थ भाव का स्थान अति महत्वपूर्ण है। यह भाव माता का भाव है। इसका शिक्षा से गहरा संबंध है, क्योंकि बच्चे की मां उसकी पहली शिक्षक होती है। कुंडली के पंचम, अष्टम और नवम भाव भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। भाव, भा... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगशिक्षाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकव्यवसायसंपत्ति

जनवरी 2005

व्यूस: 12136

किस वस्तु का व्यापार करें किससे होगा लाभ

कौन ग्रह तथा किस तरह के विषेष ग्रह योगों से और किस व्यापार से लाभ होगा। इस लेख में इस विषय पर संक्षेप में बड़ी उपयोगी और सटीक जानकारी दी गई है।... और पढ़ें

ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकसफलतासंपत्तिराशि

अप्रैल 2011

व्यूस: 10070

राहु के उद्भव की गाथा

राहु के उद्भव की गाथा

राजेंद्र शर्मा ‘राजेश्वर’

सर्वप्रथम राहु का उल्लेख सूर्य के प्रसंग में ऋग्वेद में प्राप्त होता है जिसका अर्थ अंधकार है। ऋग्वेद में राहु उस दैत्य का नाम प्रतीत होता है जो सूर्य-चंद्र ग्रहण का कारण बनता है। इसे स्वर्भानु कहा गया है, जो सूर्य के प्रकाश को... और पढ़ें

ज्योतिषग्रह

जुलाई 2014

व्यूस: 13828

ज्योतिष की नजर में वर्षा

ज्योतिष की नजर में वर्षा

जगदम्बा प्रसाद गौड

जिस प्रकार लोकतांत्रिक राज्यों को चलाने के लिए मंत्री परिषद बनाए जाते हैं। उसी प्रकार विश्व चक्र को चलाने के लिए प्रतिवर्ष ग्रहों की आकाशीय कौंसिल बनाई जाती है। जिसमें हर विभाग का मंत्री एक ग्रह को नियुक्त किया जाता है। इस लिए वर्... और पढ़ें

ज्योतिषमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2009

व्यूस: 13672

शुक्रअष्टकवर्ग से सटीक फलकथन

अष्टकवर्ग विद्या में नियम है कि कोई भी ग्रह चाहे वह स्वराद्गिा या उच्च का ही क्यों न हो, तभी अच्छा फल दे सकता है जब वह अपने अष्टकवर्ग में 5 या अधिक बिंदुओं के साथ हो क्योंकि तब वह ग्रह बली माना जाता है। अतः यदि शुक्र ग्रह शुक्र अष... और पढ़ें

ज्योतिषअष्टकवर्गकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2010

व्यूस: 14694

कुर्सी कहीं तीसरे के हाथ न चली जाय...

आगामी लोकसभा निर्वाचन में भाजपा की ओर से प्रत्यक्ष रूप से भावी प्रधानमंत्री के रूप में घोषित उम्मीदवार गुजरात राज्य में तीसरी बार सत्ता हासिल करने वाले राज्य के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी हं तो दूसरी ओर परोक्ष रूप से कांग्रेस के य... और पढ़ें

ज्योतिषवशीकरण

अप्रैल 2014

व्यूस: 12990

हस्ताक्षर एवं ग्रह

‘‘हस्ताक्षर’’ दो शब्दों हस्त+अक्षर से निर्मित शब्द है जिसका अर्थ है हाथों से लिखित अक्षर। वैसे तो वर्णमाला के सभी अक्षरों को लिखने के लिए हाथों का प्रयोग किया जाता है परंतु ‘हस्ताक्षर’ शब्द का प्रयोग प्रमुखतः अपने नाम को संक्षिप्त... और पढ़ें

ज्योतिषग्रह

फ़रवरी 2014

व्यूस: 13658

शनि और करियर

शनि और करियर

यशकरन शर्मा

करियर निर्माण में सभी ग्रहों की अलग-अलग भूमिका है। शनि सभी ग्रहों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रह है जो व्यावसायिक जीवन में स्थिरता व सुरक्षा प्रदान करता है। शनि के इसी महत्वपूर्ण गुण को उजागर करने हेतु प्रस्तुत है यह लेख जिसमें शन... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणकुंडली व्याख्याग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

नवेम्बर 2014

व्यूस: 36121

काल सर्प योग कष्टदायक अथवा ऐश्वर्यदायक

कालसर्प योग जितना कष्टदायक होता हैं। उतना ही ऐश्वर्य दायक भी होता हैं। निम्नांकित छ: योग जातक के भाग्य निर्णय में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। पहले से सातवें स्थानों में बनने वाला योग, दूसरे से आठवें स्थानों में बनने वाला योग।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

मार्च 2013

व्यूस: 13258

ज्योतिष व आनुवंशिकता द्वारा संतान विचार

प्राचीन ऋषियों व ज्योतिष सिद्धांतानुसार संतान संबंधी विचार (संतान की संखया व लिंग) लग्न, लग्नेश, पंचम, पंचमेश, सप्तम, सप्तमेश व चंद्र कुंडली में स्थित शुभाशुभ योगों के द्वारा ज्ञात करते हैं। किसी भी क्षेत्र में आधुनिकता लाने के लि... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगबाल-बच्चेकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2010

व्यूस: 13106

सूर्य-चंद्र दिलाते हैं कामायाबी

व्यक्ति के सफलता व प्रभावशीलता ग्रहों की स्थिति, गति और नक्षत्रों की चाल से तय होती है। इनकी स्थिति के अनुरूप व्यक्ति को कामयाबी मिलती है। इनके विपरीत स्थिति में होने पर व्यक्ति चाह कर भी सफलता का स्वाद नहीं चख पाता है। ग्रहों का ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगयशकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2013

व्यूस: 13864

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