सम्मोहन उपचार जे.पी.मलिकसम्मोहन के बारे में अधिकांश लोगों को अनेक भ्रांतियां हैं जिनका जिक्र पूर्व अंकों में भी किया गया है। सम्मोहन द्वारा किये जाने वाले उपचारों के बारे में प्रकाश डालने से पूर्व इस अंक में सम्मोहन के बारे में व्याप्त भ्रांतियों को। प्र... और पढ़ेंउपायविविधअप्रैल 2012व्यूस: 7819
कोर्ट में जय पराजय के ग्रह योग अशोक शर्माकोर्ट केस में किन ग्रहों की क्या भूमिका होती है। उन ग्रहों की नक्षत्र में स्थित का गहराई के साथ अध्ययन करके, समय से पूर्व विधवत् उपाय करने से विजय प्राप्ति संभव है।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2011व्यूस: 16548
चतुर्थ भावस्थ शनि एक विचित्र सत्य रश्मि चैधरीज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह के अनेक नाम हैं - सूर्य पुत्र, अस्ति, शनैश्चर इत्यादि। अन्य ग्रहों की अपेक्षा जो ग्रह धीरे-धीरे चलता हुआ दिखाई देता है उसे ही हमारे ऋषि मुनियों ने ‘‘शनैश्चर ‘‘अथवा ’शनि’ कहा है। पाश्चात्य ज्योतिष म... और पढ़ेंज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2014व्यूस: 20266
विदेश यात्रा तिलक राजविदेश यात्रा का आकर्षण प्राचीन काल से ही चला आ रहा है। पहले विद्या प्राप्ति या धन प्राप्ति के लिए ही विदेश यात्रा की जाती थी। समय के साथ विदेश यात्रा का स्वरूप भी बदला है। अब व्यक्ति इलाज के लिए या सिर्फ भ्रमण के लिए भी विदेश जाते... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2008व्यूस: 13133
विवाहादि शुभ मुहूर्त : महत्व, साधन एवं दोष परिहार महेश चंद्र भट्टविवाह मेलापक एवं मुहूर्त साधन जैसे शुभ कार्यों में अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। छोटी सी असावधानी अनेक प्रकार के दोषों का सृजन करती है। प्रस्तुत लेख में कुछ ऐसे ही दोषों एवं उनके परिहार की विधि बताई गई है।... और पढ़ेंज्योतिषकुंडली मिलानविवाहमुहूर्तभविष्यवाणी तकनीकजून 2011व्यूस: 18014
पढ़ाई में सफलता के लिए टोटके आर. डी. सिंह- रोजाना सवेरे अपने माता-पिता व बुजुर्गों को प्रणाम करें। उनका आदर करें और उनका आशीर्वाद लें। - रोजाना पढ़ते समय 3 बार इस मंत्र को बोलें ऊँ ऐं सरस्वत्यै नमः। - विद्यार्थी पढ़ते समय अपना मुख पूर्व दिशा की ओर रखें, इससे स्मरण श... और पढ़ेंउपायशिक्षाटोटकेफ़रवरी 2016व्यूस: 9930
लाल किताब के विशेष नियम तिलक राजपाराशरी ज्योतिष पद्धति व लाल किताब ज्योतिष पद्धति में कुछ भिन्नता पाई जाती है। पाराशरी पद्धति में लग्न को बहुत महत्व दिया गया है। किसी व्यक्ति के जन्म के समय पूर्वी क्षितिज पर जो राशि उदित हो रही होती है वह व्यक्ति की लग्न ... और पढ़ेंज्योतिषकुंडली व्याख्यालाल किताबभविष्यवाणी तकनीकसितम्बर 2015व्यूस: 15454
स्वतंत्र व्यवसाय के ग्रह योगों की विवेचना अशोक सक्सेनाजातक के कार्य, व्यवसाय निर्धारण में दशम भाव एवं सप्तम भाव का प्रभाव होता है। प्रस्तुत लेख में स्वतंत्र व्यवसाय के ग्रह योगों की विवेचना की गयी है।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकजून 2010व्यूस: 10087
जन्म पत्रिका में इंजीनियरिंग योग रश्मि चैधरीइंजीनियरिंग में सफलता के लिए शनि मंगल, सूर्य आदि कारक ग्रहों का लग्न, चतुर्थ, पंचम, सप्तम, नवम व दषम भाव और इन भावों के स्वामी के साथ संबंध होना अति आवष्यक है।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकव्यवसायदिसम्बर 2010व्यूस: 11009
नक्षत्रों का महत्व विनय गर्गनक्षत्रों की खोज राशियों से पहले हुई थी। पृथ्वी से नक्षत्र राशियों से भी अधिक दूरी पर स्थित हैं। पृथ्वी से नक्षत्र राशियों से भी अधिक दूरी पर स्थित हैं। नक्षत्रों को अन्य धर्म में तारों के नाम से भी जाना जाता हैं।... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रराशिफ़रवरी 2013व्यूस: 15185
कृष्णमूर्ति पद्धति एवं विवाह सी. एल. शर्माभविष्यवाणियां करने की अनेक पद्धतियां हैं, जैसे टैरो कार्ड, अंक शास्त्र, हस्त रेखा, पाराशरी पद्धति, कृष्णमूर्ति पद्धति आदि। उपर्युक्त सभी पद्धतियों का उपयोग किया गया है, लेकिन सटीक भविष्यवाणियां तथा घटना कब घटित होगा, इसका निर्णय ज... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याकृष्णामूर्ति ज्योतिषविवाहभविष्यवाणी तकनीकगोचरजुलाई 2004व्यूस: 17445
ज्योतिष भविष्य का दर्पण बाबुलाल शास्त्रीसंसार के सभी कार्य किरणों पर आधारित हैं। आज के वैज्ञानिक युग में साइंस ने सिद्ध कर दिया है कि किरणों ही सब कुछ है। टी.वी. रिमोट कंट्रोल, वायरलेस, रेडियों, टेलीफोन आदि के पीछे किरणों की प्रक्रिया छिपी है। जैसे हम एक खास जगह को पकड़न... और पढ़ेंज्योतिषअप्रैल 2010व्यूस: 12752