श्वित्र: (सफेद दाग) ल्यूकोडर्मा अविनाश सिंहश्वित्र कोई भयंकर या जानलेवा रोग नहीं है, एक आम समस्या है फिर भी पीड़ित के मन में हीन भावनाएं उत्पन्न होती हैं जिससे पीड़ित सार्वजनिक रूप से सामने आने से कतराते हैं। आयुर्वेद में त्वचा पर आने वाले सफेद दाग-धब्बों को श्वित्र क... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यविविधभविष्यवाणी तकनीकफ़रवरी 2016व्यूस: 8419
लग्न रोग एवं उपाय शशि कुमार सैनीज्योर्तिविज्ञान के अंतर्गत 12 राशियों के अनुरूप ही 12 लग्नों का भी व्यक्तियों के जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है और लग्नों के अनुसार ही व्यक्ति विशेष की मानसिक प्रवृत्ति, शरीरगत लक्षणों के साथ-साथ उसके शरीर में विभिन्न रोगों एवं चरित... और पढ़ेंस्वास्थ्यउपायकुंडली व्याख्याघरचिकित्सा ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2011व्यूस: 12778
आयुर्वेद विज्ञान में व्यक्तित्व विकास की अवधारणा आशुतोष तिवारीआयुर्वेद को जीवन का विज्ञान कहते हैं। इसका तात्पर्य यह है कि यह विज्ञान मात्र शारीरिक संरचना, स्वास्थ्य संवर्धन का ही विवेचन नहीं करता, अपितु मनुष्य के आर्थिक, सामाजिक, मानसिक एवं बौद्धिक स्वास्थ्य की विवेचना भी इसका उद्देश्य है। ... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यविविधजनवरी 2006व्यूस: 8924
मधुमेह के ज्योतिषीय कारण व निवारण संजय बुद्धिराजापहले प्राचीन समय में मानव के पास जीवन की सुख सुविधाओं के साधन अधिक नहीं थे। उसके बाद मानव ने प्रगति करते हुए अपनी भौतिक सुख सुविधाओं में वृद्धि की। हाथों से किये जाने वाले कामों को मशीनें करने लगीं। मानव की शारीरिक मेहनत कम होत... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यउपायज्योतिषीय विश्लेषणभविष्यवाणी तकनीकजून 2017व्यूस: 13848
ज्योतिर्विज्ञान से कैसर रोग ब्रजेंद्र श्रीवास्तवइस आलेख में कैंसर रोग की कारक ग्रह स्थितियों का उदाहरण सहित वर्णन किया गया है।... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यकुंडली व्याख्याघरचिकित्सा ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2009व्यूस: 7705
हृदय रोग के ज्योतिषीय कारण अविनाश सिंहज्योतिष में काल पुरुष के अंगों में चार अंक की राशि कर्क को हृदय का स्थान माना जाता है एवं वहीं पांच अंक की राशि सिंह हृदय का सूचक मानी जाती है। अतः जहां भी हृदय की बात उठेगी, वहां कर्क एवं सिंह राशि, चंद्र एवं सूर्य ग्रह की बात अव... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यज्योतिषीय योगचिकित्सा ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2013व्यूस: 8804
ज्योतिष: ग्रह, राशि एवं रोग शील चंद्र गुरुज्योतिष शास्त्र के अध्ययन से रोग की प्रकृति, उसके प्रभाव क्षेत्र, उसके निदान, उसके प्रकट होने की अवधि तथा कारणों का विश्लेषण भली भांति किया जा सकता है। यद्यपि आजकल चिकित्सा विज्ञान ने पर्याप्त उन्नति कर ली है तथा कई आधुनिक और उन्न... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यज्योतिषीय योगचिकित्सा ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकअप्रैल 2007व्यूस: 8908
नीचस्थ लग्नेश और रोग रघुनंदन प्रसाद गौड़मानव जीवन और रोग का अटूट संबंध है। विश्व में ऐसा कोई जातक नहीं है, जिसे कभी कोई रोग न हुआ हो, चाहे वह छोटा रोग हो, चाहे बड़ा। पूर्व जन्म के अशुभ कर्मों के कारण जातक को रोग होते हैं। ज्योतिष के आधार पर रोग, उसकी तीव्रता तथा उसके सम... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यज्योतिषीय योगचिकित्सा ज्योतिषग्रहजुलाई 2007व्यूस: 12909
आलू अविनाश सिंहआलू, कौन नहीं है परिचित इस सब्जी से, विश्व में सबसे अधिक पकाई, खाई जाने वाली सब्जी सर्वप्रिय है, अनेक प्रकार के व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है। आलू मेथी, आलू मटर, आलू के पराठे, समोसे, आलू... और पढ़ेंस्वास्थ्यविविधजून 2014व्यूस: 10165
पीलिया वेद प्रकाश गर्गआंखांे, नाखूनों व मूत्र में पीलापन व कमजोरी पीलिया के सामान्य लक्षण हैं। यह रोग प्रायः दूषित जल, दूषित फलों के रस पीने आदि से होता है लेकिन इनके अलावा यह कई अन्य कारणों से भी होता है। शरीर में विद्यमान खून को पानी बना देने वाले... और पढ़ेंस्वास्थ्यविविधनवेम्बर 2006व्यूस: 9329
मन का कैंसर और उपचार वीरेन्द्र अग्रवालअब तक वैज्ञानिकों ने चार प्रकार के कैंसरों की खोज की है। जो की शरीर के भिन्न अंगों में होते हैं। कैंसर वह कोशिका है जो लगातार बढती रहती है और आसपास की स्वस्थ कोशिकाओं से अपना पोषण प्राप्त करती रहती हैं।... और पढ़ेंस्वास्थ्यउपायविविधफ़रवरी 2013व्यूस: 9027
रक्तचाप के कारण, लक्षण एवं उपाय आलोक शर्मासामान्यतः जिस ग्रह की महादशा अंतदर्शा में रोग होता है उस ग्रह से संबंधित देवता के अराधना से व्याधि शांत होती है। रक्तचाप में विशेष रूप से रूद्राक्ष का धारण विशेष लाभदायक है। इसमें भी विशेष रूप से तीनमुखी रूद्राक्ष धारण अपेक्षित है... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यउपायचिकित्सा ज्योतिषअकतूबर 2008व्यूस: 8726