इन्फर्टिलिटी नीरज शर्मा‘‘फर्टिलिटी अर्थात प्रजनन क्षमता से जुड़ी समस्यायें स्त्री और पुरूष दोनों में ही पायी जाती हैं। हमारी कुंडली जीवन के प्रत्येक पक्ष को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। पुरूष की कुंडली में शुक्र और सूर्य तथा स्त्री की कुंडली में... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगबाल-बच्चेभविष्यवाणी तकनीकसितम्बर 2014व्यूस: 7186
कालसर्पयोग एक अध्ययन आर. के. शर्मालग्न से गणना करने पर यदि केतु पहले आए तो इसे काल अमृत या शुभ योग जानना चाहिए। लग्न या लनेश से शुभ ग्रह का संबंध भी कालसर्प योग को भंग करता है।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकमई 2011व्यूस: 4969
क्या कहते हैं इस वर्ष के ग्रह? नारायण शर्माज्योतिषीय गणना के अनुसार यह वर्ष आम तौर पर शुभ रहेगा। साहित्य, कला, उद्योग आदि के क्षेत्रों की स्थिति अच्छी रहेगी।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगग्रहजनवरी 2010व्यूस: 5624
ज्योतिष- एक विज्ञान आभा बंसलअनेको बार पूछा जाता है एक प्रश्न, क्या मुझको है ज्योतिष में पूर्ण विश्वास? उठते-बैठते, सोते जागते, सुबह-शाम क्या करती रहती हूं मैं ज्योतिष की ही बात? सुन कर यह प्रश्न, मुस्करा कर दे देती हूं मैं यह जवाब, जी जनाब, ज्योतिष तो ह... और पढ़ेंज्योतिषअप्रैल 2004व्यूस: 6771
ग्रहों के बल का मापक षड्बल अविनाश सिंहभविष्यकथन में ग्रह बल की गणना अति आवश्यक है। यदि ग्रह योगकारक है तो वह पूर्ण फल तभी दे सकता है जब वह बली हो। मारक ग्रह निष्फल हो सकता है यदि वह निर्बल हो। इस बलाबल को जानने के लिए ज्योतिष की सर्वोत्कृष्ट पद्धति है-षड्बल ...... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणभविष्यवाणी तकनीकमई 2006व्यूस: 8201
भाग्य का खेल आभा बंसलसमीर ने अपने वैवाहिक जीवन के जो सपने देखे थे वे पूरे नहीं हो सके। उसके जीवन में जो कुछ भी घटा वह ग्रहों की ही करामात थी। इसे अपनी नियति न मानकर उसने इसके विपरीत जाना चाहा और परिणाम उसके दुःखद अंत के रूप में सामने आया। ऐस... और पढ़ेंज्योतिषदशाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकगोचरजनवरी 2006व्यूस: 7492
कैसे करें गोमेद रत्न की पहचान पुरु अग्रवालज्योतिष में गोमेद राहु का रत्न माना गया है। इसे धारण करने से राहु तो बलवान होता ही है साथ ही काल सर्प दोष, नजर दोष एवं टोटके आदि से बचाव भी होता है। यह रत्न कुछ रुपए रत्ती से लेकर कुछ हजार रुपए रत्ती तक मिलता है।... और पढ़ेंज्योतिषरत्नमार्च 2006व्यूस: 6808
महत्वाकांक्षी कल्पना आभा बंसलयह सत्य कथा है एक ऐसी कल्पना की जिसे बचपन से कल्पना लोक में विचरने का बहुत शौक था। अपने खिलौनों से खेलते हुए वह अपने कल्पना लोक में चली जाती और फिर घंटों उसी आनंद में डूबी रहती। उसके माता-पिता ने भी शायद इसीलिए उसका नाम कल्... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2015व्यूस: 7180
ग्रह स्थिति एवं व्यापार दिव्यदीप गौडगोचर फल विचार मासारंभ में केतु व शुक्र का शनि व राहु ग्रहों से समसप्तक योग में बने होना तथा मंगल व शुक्र ग्रह का परस्पर षडाष्टक योग में होना राजनीति के क्षेत्र में परस्पर विरोधाभास की स्थिति दर्शाता है। शासकीय व्यवस्थ... और पढ़ेंज्योतिषमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकगोचरजून 2014व्यूस: 6859
कैसे हो शनि की पीड़ा से बचाव? मनोहर शर्मा पुलस्त्यशनि की दशा आने पर जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं। शनि प्रायः किसी को क्षति नहीं पहुंचाता लेकिन मतिभ्रम की स्थिति अवश्य पैदा करता है। ऐसी स्थिति में शनि शांति के उपाय रामबाण का कार्य करते हैं। शनि से प्राप्त कष्टों से बचाव की विस... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणग्रहनवेम्बर 2006व्यूस: 7433
ग्रह स्थिति एवं व्यापार दिव्यदीप गौडमासारंभ में 1 मार्च को तुला राशि स्थित वक्री गति के शनि व राहु ग्रहों के साथ मंगल का भी वक्री गति में रहना क्षेत्रीय दलों का विशेष राजनैतिक प्रभाव बढ़ना तथा जनता के द्वारा इनकी आलोचना का योग भी बनाता है।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणविविधग्रहभविष्यवाणी तकनीकगोचरमार्च 2014व्यूस: 7300
शिक्षा सी. एल. अस्थानाजातक की शिक्षा भी अन्य चीजों की तरह उस जातक के पूर्वजन्मों के संचित कर्मों के ही अनुसार ही प्राप्त होती है और जन्म समय भिन्न-भिन्न भावों में ग्रहों की स्थिति उसकी शिक्षा में रुचि और बुद्धि की क्षमता को दर्शाती है।... और पढ़ेंज्योतिषअकतूबर 2010व्यूस: 7548