मिट्टी: श्रेष्ठ व उत्तम प्राकृतिक औषधि अविनाश सिंहपंच महाभूतों में एक तत्व मिट्टी है अर्थात् पृथ्वी तत्व मिट्टी ही है। मनुष्य के शरीर का अधिकतर भाग पृथ्वी तत्व (मिट्टी) का है। मनुष्य जितना अधिक मिट्टी के समीप रहकर स्वस्थ रह सकता है, इतना दूसरी किसी वस्तु से नहीं। इसी तथ्य को ... और पढ़ेंउपायस्वास्थ्यविविधमई 2014व्यूस: 12706
जल: एक प्राकृतिक ओषधि अविनाश सिंहजल जीवन है इसलिए जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। संसार के सभी प्राणी, वनस्पति आदि जल के बिना नहीं जी सकते अत: जल का महत्व जीवन में विशष हैं। जल का प्रयोग पीने में, स्नान करने में विशेष रूप से किया जाता हैं।... और पढ़ेंउपायस्वास्थ्यविविधमार्च 2013व्यूस: 13592
डेंगू का रामबाण इलाज- गिलोय अविनाश सिंहगिलोय एक बहुत ही चमत्कारी औषधि है। इसे अमृता, गुर्च या छिन्नरूहा भी कहते हैं क्योंकि यह आत्मा तक को कंपकंपा देने वाले मलेरिया को भी छिन्न-भिन्न कर देती है।... और पढ़ेंस्वास्थ्यविविधअकतूबर 2010व्यूस: 10811
ब्राह्मी: बुद्धिवर्द्धक औषधि अविनाश सिंहबुद्धिवर्द्धक होने के कारण उसे ब्राह्मी नाम दिया गया है। इसे जलबिम्ब भी कहते हैं क्योंकि यह प्रधानतः जलासन्न भूमि में पाई जाती है। संस्कृत में इसे मण्डूकपर्णी कहते हैं। ब्राह्मी के अन्य नामों में कपोतवंका, सोमवल्ली, सरस्व... और पढ़ेंस्वास्थ्यविविधनवेम्बर 2014व्यूस: 13559
उपवास- एक प्राकृतिक उपाय अविनाश सिंहप्राकृतिक चिकित्सा एक ऐसी प्रणाली है जिसमें प्राकृतिक रूप से उपचार किया जाता है। इसमें बाहरी दवाओं का प्रयोग नहीं किया जाता। जब हम प्राकृतिक रूप छोड़ आप्राकृतिक रूप से जीवन शैली अपनाते है तो शरीर में कई प्रकार के दोष उत्पन्न हो जात... और पढ़ेंउपायस्वास्थ्यविविधअप्रैल 2013व्यूस: 15975
पथरी: कारण और निवारण कलीम आनन्दपेशाब के साथ निकलने वाले भिन्न-भिन्न प्रकार के क्षारीय तत्व जब किन्हीं कारणवश नहीं निकल पाते और मूत्राशय, गुर्दे अथवा मूत्र नलिका में एकत्र होकर कंकड़ का रूप ले लेते हैं तो इसे पथरी कहा जाता है। पथरी रोग मूत्र संस्थान से संबंधित है... और पढ़ेंस्वास्थ्यविविधअप्रैल 2014व्यूस: 35737
मकर संक्रांति - क्या आप जानते हैं? श्रीकृष्ण शर्मासूर्य के राशि परिवर्तन का समय संक्रांति कहलाता है। सूर्य लगभग एक माह में राशि परिवर्तन कर लेते है। इस प्रकार एक वर्ष में मेष-वृषादि 12 संक्रांति होती है। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना मकर संक्रांति कहलाता है।... और पढ़ेंज्योतिषपर्व/व्रतविविधजनवरी 2012व्यूस: 18284
सौन्दर्य का आधार- स्वर्णिम अंक डॉ. अरुण बंसलकिसी व्यक्ति को देखते ही उसके स्वरूप की ओर हम आकर्षित हो जाते हैं और किसी को देखकर हम अपना मुंह मोड़ लेते हैं। कोई व्यक्ति स्त्री या पुरुष सुन्दर क्यों लगता है और वह न केवल हमारे लिए अपितु सभी के लिए आकर्षण का केन्द्र क्यों होता है... और पढ़ेंज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकज्योतिषीय विश्लेषणविविधमार्च 2016व्यूस: 11990
क्या आप जानते हैं? यशकरन शर्मा25-26 अप्रैल 2013 का आंशिक चंद्रग्रहण 21वीं सदी का तीसरा सबसे छोटे अंतराल का ग्रहण था जो कि लगभग 27 मिनट तक रहा।... और पढ़ेंज्योतिषखगोल-विज्ञानविविधजून 2013व्यूस: 8109
ज्योतिष एवं आयुर्वेद अविनाश सिंहज्योतिष शास्त्र एवं आयुर्वेद दोनों वेदों के अंग हैं जहां आयुर्वेद रोग का उपचार करने में सक्षम है वहीं ज्योतिष शास्त्र मानव शरीर में होने वाले रोगों की पूर्व जानकारी देने में सक्षम है। यदि रोग के कारणों की सही जानकारी हो, तो उपचा... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यभविष्यवाणी तकनीकज्योतिषीय विश्लेषणविविधफ़रवरी 2015व्यूस: 11370
कौन सा उपाय कब करें ! डॉ. अरुण बंसलअपने भाग्य से किंचित ही कोई संतुष्ट होगा। जिसके पास जो है उससे अधिक पाने की चेष्टा सदैव रहती है। कष्टों का निवारण व भविष्य में आने वाले दुःखों से छुटकारा सभी प्राप्त करना चाहते हैं।... और पढ़ेंउपाययंत्रविविधमंत्रआगस्त 2011व्यूस: 11462
शयन एवं स्वप्नः एक वैज्ञानिक मीमांसा डॉ. अरुण बंसलस्वप्न क्या हैं? ये क्यों आते हैं? इनका हमारे भविष्य से क्या संबंध है? इसको समझने के लिए सबसे पहले समझते हैं नींद को। नींद क्या है? यह क्यों आती है? नींद की क्या-क्या अवस्थाएं हैं और नींद की किस अवस्था में स्वप्न आते हैं? वैज्ञान... और पढ़ेंज्योतिषविविधअन्य पराविद्याएंआगस्त 2003व्यूस: 15378