‘‘बुद्धं शरणं गच्छामि,
धम्मं शरणं गच्छामि,
संघ शरणं गच्छामि,
उपर्युक्त दीक्षा मंत्र ग्रहण करके कोई
भी बिना किसी भेद भाव के बुद्ध की
शरण प्राप्त कर सकता था। किंतु
भिक्षु संघ में प्रवेश हेतु केवल यह
दीक्षा मंत्र ही पर्याप्त न... और पढ़ें
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