ज्योतिष


सिंहस्थ गुरु एवं कुम्भ स्नान

कुंभ और मेष राशि में सूर्य होने पर हरिद्वार में, मेष राशि में गुरु और मकर राशि में सूर्य होने पर प्रयाग तथा सिंह राशि में गुरु और मेष राशि में सूर्य होने पर उज्जैन में कुंभ पर्व होता है। सिंह राशि में गुरु और सिंह राशि में ही सूर्... more

ज्योतिषदेवी और देवगोचरमन्दिर एवं तीर्थ स्थलपर्व/व्रतअध्यात्म, धर्म आदि

हिमालय की संतानोत्पादक जड़ी बूटियां

प्राचीन भारतीय ऋषि-महर्षियों को जड़ी-बूटियों का पूर्ण ज्ञान था। यह दुर्लभ विद्या समुद्र मंथन के समय धन्वन्तरी के साथ पैदा हुई। ये वनस्पतियां रोग मुक्ति तो करती हैं ही, इनका विधि-विधान से प्रयोग करें तो तांत्रिक लाभ भी चमत्कारी ... more

ज्योतिषउपायभविष्यवाणी तकनीकबाल-बच्चे

पर्व निर्णय

पर्व निर्णय

डॉ. अरुण बंसल

हिन्दू पर्वो की गणना विस्तृत रूप में धर्मशास्त्रों में जैसे धर्म सिन्धु व निर्णय सिन्धु आदि ग्रन्थों में दी गई है... more

ज्योतिष

प्रतिस्पर्धात्त्मक परीक्षा में सफलता कैसे ?

मानव के समस्त कार्य और व्यवसाय को संचालित करने में नेत्रों की भूमिका जिस प्रकार अग्रगण्य मानी गई है ठीक उसी प्रकार ज्ञान, विज्ञान विद्या के क्षेत्र में ज्योतिष विज्ञान दृष्टि का कार्य करता है।... more

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरशिक्षाभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याव्यवसाय

रत्न

रत्न

आभा बंसल

हर मनुष्य की जन्मपत्री में कोई न कोई ग्रह कमजोर और कुछ ग्रह बली होते हैं और इनके अनुसार ही जातक के भाग्य में परिवर्तन आता रहता है।... more

ज्योतिष

जून 2004

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पंचांग इतिहास - विकास - गणना विधि

इस अनुपम विशेषांक में पंचांग के इतिहास विकास गणना विधि, पंचांगों की भिन्नता, तिथि गणित, पंचांग सुधार की आवश्यकता, मुख्य पंचांगों की सूची व पंचांग परिचय आदि अत्यंत उपयोगी विषयों की विस्तृत चर्चा की गई है। पावन स्थल नामक स्तंभ के अं... more

ज्योतिषपंचांगखगोल-विज्ञानआकाशीय गणित

पंचांग देखे बिना तिथि बताना

क्या पंचांग या कैलेण्डर देखे बिना हिंदी महीना, पक्ष (पखवाड़ा) और तिथि बताई्र जा सकती है? इस प्रकार का उत्तर हां में दें तो यह एक प्रकार का चमत्कार ही माना जाएगा। किंतु वास्तव में यह कोई चमत्कार नहीं बल्कि एक पूर्णतया शास्त्र... more

ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकपंचांग

अष्टम भाव का राजयोग

अष्टम भाव का राजयोग

आचार्य किशोर

वर्तमान समय में हमारे भारत के प्रधानमंत्री के लग्न से अष्टम भाव में चंद्र, शुक्र व मंगल का होना यह सूचित करता है कि अष्टम भाव में स्थित ग्रहों का शुभ फल भी मिलता है। प्रधानमंत्री बनने से पहले मनमोहन सिंह जी रिजर्व बैंक में गर्वनर ... more

ज्योतिषज्योतिषीय योगघरभविष्यवाणी तकनीक

सटीक जन्म समय का निर्धारण

सटीक जन्म समय का निर्धारण

बी. पी. विश्वकर्मा

भारतीय ज्योतिष में जन्मकुंडली निर्माण में सही समय का होना परम आवश्यक है। परंतु यह विषय हमेशा से ही विवादित रहा है। शिशु जन्म के विभिन्न चरणों में से योनि द्वार का मुख खुलने से लेकर शिशु की नाल काटे जाने तक कौन से चरण को जन्म समय क... more

ज्योतिषआकाशीय गणित

कुंडली में बहु विवाह एवं द्विभार्या योग

शादी के बारे में हर व्यक्ति को जानने की इच्छा होती है। आज के आधुनिक समय में किसी-किसी व्यक्ति की शादी भी नहीं हो पाती और किसी जातक की दो या तीन बार शादी हो जाती है। शादी कितनी बार होगी इसको हम कुंडली की सहायता से जान सकते हैं। ... more

ज्योतिषविवाहभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषण

जून 2015

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अष्टकवर्ग से फलकथन

ज्योतिष शास्त्र में फलित करने की प्रायः तीन विधियां प्रचलन में रहती हैं - जन्म कुंडली, चन्द्र कुंडली तथा नवांश कुंडली। लग्न से शरीर का विचार होता है, चंद्रमा से मन का। जन्म पत्रिका में चंद्रमा से मन की स्थिति देखकर यह निश्चय किया ... more

ज्योतिषअष्टकवर्गग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

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