वैश्विक परिदृश्य 2013 इन्द्रदीप बनर्जीप्राचीन भारत का लग्न मकर माना जाता रहा हैं। किन्तु अधिकाँश ज्योतिषी भारत की स्वतंत्रता को आधार मानकर वृष लग्न को भारत का लग्न मानते हैं।... और पढ़ेंज्योतिषमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2013व्यूस: 12292
राहु-केतु की परम अशुभ फलदाई स्थिति सीताराम सिंहराहु-केतु का बिंदु मात्र अस्तित्व होने पर भी इनके मानव जीवन पर पड़ने वाले अशुभ प्रभाव के कारण हमारे परम ज्ञानी व दिव्यदृष्टि ऋषियों ने उन्हें छाया ग्रह की संज्ञा दी है, और पापी ग्रहों की श्रेणी में शनि व मंगल के साथ रखा है। इनक... और पढ़ेंज्योतिषकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2014व्यूस: 17417
लग्नानुसार कालसर्प योग का फलादेश महेश चंद्र भट्टकालसर्प योग प्रत्येक लग्न में अलग-अलग प्रकार का फल देता है। विभिन्न लग्नों में काल सर्प योग होने पर किस प्रकार के फल मिलते हैं उसका विवेचन लग्नानुसार इस लेख में दिया गया है।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकमई 2011व्यूस: 18239
तलाक एवं पुनर्विवाह: एक विश्लेषण अखिलेश शुक्लाज्योतिषशास्त्र में बृहस्पति एवं शुक्र को श्रेष्ठ शुभ फलदायक माना गया है। मानसागरी ग्रंथ के अनुसार बृहस्पति या शुक्र केंद्र या त्रिकोण में हो, तो सभी अरिष्टों का नाश हो जाता है। दाम्पत्य जीवन को सुखमय बनाने में भी बृहस्पति एवं शु... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगविवाहभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2007व्यूस: 15843
मुहूर्त का महत्व शुभेष शर्मनमानव जीवन में जन्म से लेकर जीवन पर्यन्त मुहूर्तो का विशेष महत्व है, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की कामना में मुहूर्त प्रकरण चलता रहता है और मुहूर्त के द्वारा शुभारंभ सर्वथा शुभता तथा सफलता प्रदान करता है।... और पढ़ेंज्योतिषमुहूर्तभविष्यवाणी तकनीकजून 2011व्यूस: 18641
शनि के बारे में आप क्या जानते है ? फ्यूचर पाॅइन्टफ्यूचर पॉइंट के सौजन्य से शनि जीवन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रह है। इस आलेख में शनि की विभिन्न स्थितियों के फल का निरूपण किया गया है। शनि का अन्य ग्रहों के साथ साहचर्य, भावों और राशियों के साथ-साथ सभी लग्नों पर इसके प्रभाव के अतिर... और पढ़ेंज्योतिषकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2009व्यूस: 16064
शरीर पर तिल होने का फल अंजली गिरधरप्रायः शरीर के अलग-अलग अंगों पर तिल के फल भी अलग-अलग होते हैं। पुरुष के शरीर पर दाहिनी ओर तिल होना शुभ एवं लाभकारी माना गया है जबकि महिलाओं के बायीं तरफ वाले तिल शुभ एवं लाभकारी माने जाते हैं। यदि किसी के हृदय पर तिल हो तो... और पढ़ेंज्योतिषमुखाकृति विज्ञानभविष्यवाणी तकनीकमार्च 2016व्यूस: 16917
माता-पिता और संतान की शिक्षा का आपसी संबंध मिथिलेश गुप्ताहस्तरेखायें एक दर्पण की भांति हैं जो हमें भावी जीवन के साथ-साथ वर्तमान की भी तस्वीर दिखलाती हैं। संतान का जो अपना भाग्य होता है वह तो उसके जीवन में प्रभाव डालता ही है, उसके माता-पिता के हाथ से भी यह स्पष्ट होता है। उनका भी ... और पढ़ेंज्योतिषबाल-बच्चेशिक्षाभविष्यवाणी तकनीकमार्च 2015व्यूस: 15586
ज्योतिष फलित में निखार लाने के सूत्र शरद त्रिपाठीज्योतिष में राशियों का अपना महत्व है, परंतु हमारे वैदिक ज्योतिष में राशियों से कहीं अधिक महत्ता नक्षत्रों की बताई गई है। पुरानी परिपाटी के ज्योतिर्विद प्रायः राशियों तथा ग्रहों की स्थिति के आधार पर ही फलित का विचार करते हैं, परंतु... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2005व्यूस: 17423
प्रेम व अंतर्जातीय विवाह किशोर घिल्डियालभारतीय समाज में विवाह एक संस्कार के रूप में माना जाता है। जिसमें शामिल होकर स्त्री पुरुष मर्यादापूर्ण तरीके से अपनी इच्छाओं की पूर्ति कर वंशवृद्धि या अपनी संतति को जन्म देते हैं। सामान्यतः विवाह का यह संस्कार परिवारजनों की सहमति य... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरविवाहग्रहभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2013व्यूस: 18784
नक्षत्र और उसके द्वारा जन्मफल नवीन राहुजानक्षत्र तारों समूहों से बने हैं आकाश में जो असंख्य तारक मंडल विभिन्न रूपों और आकारों में दिखलाई पड़ते हैं, वे ही नक्षत्र कहे जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में ये नक्षत्र एक विशिष्ट स्थान रखते हैं।... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रभविष्यवाणी तकनीकफ़रवरी 2013व्यूस: 17580
ग्रह स्थिति एवं व्यापार दिव्यदीप गौडमासारंभ में सूर्य सिंह में, चंद्रमा मीन में, मंगल कर्क में, बुध कन्या में, गुरु सिंह में, शुक्र कर्क में शनि वृश्चिक में, यूरेनस मीन में, नेप्च्यून कुंभ में, तथा प्लूटो धनु राशि में स्थित होगंे।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकगोचरसितम्बर 2015व्यूस: 5248