नक्षत्र और उसके द्वारा जन्मफल नवीन राहुजानक्षत्र तारों समूहों से बने हैं आकाश में जो असंख्य तारक मंडल विभिन्न रूपों और आकारों में दिखलाई पड़ते हैं, वे ही नक्षत्र कहे जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में ये नक्षत्र एक विशिष्ट स्थान रखते हैं।... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रभविष्यवाणी तकनीकफ़रवरी 2013व्यूस: 19399
नक्षत्र: फल कथन की सूक्ष्मता का आधार अविनाश सिंहप्राचीन ग्रंथों में नक्षत्र ज्ञान को ही ज्योतिष शास्त्र कहा गया है फलित ज्योतिष की सूक्ष्मता तक पहुंचने के लिए नक्षत्रों का ज्ञान होना आवश्यक है। जीव जिस नक्षत्र में जन्म लेता है उसमें उसी नक्षत्र के तत्वों की प्रधानता होती है। ज... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रभविष्यवाणी तकनीकअप्रैल 2008व्यूस: 42103
नक्षत्र, राशियां और ग्रह बसंत कुमार सोनीगगन मंडल में ग्रहों की स्थिति का पता करने के लिए देवताओं ने वृताकार आकाश या भचक्र के ३६० अंशों को १२ समान खण्डों में बांटा। तीस अंश के ये भाग राशि कहलाये। जिस भाग का जैसा स्वरूप दिखाई देता है उसी के आधार पर राशियों का नामकरण किया ... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रग्रहराशिफ़रवरी 2013व्यूस: 35801
नक्षत्र डॉ. अरुण बंसलपृथ्वी सूर्य के चरों ओर चक्कर लगाती रहती हैं। एक चक्कर लगाने में पृथ्वी को 365.2422 दिन लगते हैं। यही एक वर्ष का मान हैं। चन्द्रमा की दो प्रकार की गति हैं। एक पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने में इसे 27.32 दिन लगते हैं।... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रराशिफ़रवरी 2013व्यूस: 12294
88 वां चरण: एक महत्वपूर्ण बिंदु भोलानाथ शुक्ल ‘मित्र’ज्योतिष विद्या का मेरुदंड ”नक्षत्र“ है। ऋषियों एवं आचार्यों ने सर्वप्रथम नक्षत्र आधारित ज्योतिषीय सिद्धांत ही प्रतिपादित किए थे। ”न क्षरति न सरति इति नक्षत्र“। नक्षत्रों के विभिन्न विभाजनों पर आधारित फलित के सूत्र दिए गए हैं। इसी ... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रगोचरभविष्यवाणी तकनीकअप्रैल 2005व्यूस: 7930
जीवन में विशेष प्रभावशाली हैं नक्षत्र चिह्न पं. देवीचरन सचानजातक के हाथ में नक्षत्र की स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गयी है, जो जीवन में अत्यंत प्रभावशाली होती हैं। व्यक्ति की जीवन धारा बदलने में नक्षत्र चिह्न अहम भूमिका निभाते हैं।... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रभविष्यवाणी तकनीकअप्रैल 2011व्यूस: 6715
योगों में नक्षत्रों की भूमिका राजेंद्र कुमार जोशीप्रत्येक व्यक्ति किसी शुभ कार्य को शुभ समय इमं प्रारम्भ करना चाहता हैं ताकि वह कार्य सफल, लाभकारी तथा मंगलमय हो। ऐसे अनेक शुभ समय विभिन्न कालांगों तथा वार, तिथि, नक्षत्र आदि के सम्मिश्रण से बनाते हैं।... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकफ़रवरी 2013व्यूस: 14658
नक्षत्रों का महत्व विनय गर्गनक्षत्रों की खोज राशियों से पहले हुई थी। पृथ्वी से नक्षत्र राशियों से भी अधिक दूरी पर स्थित हैं। पृथ्वी से नक्षत्र राशियों से भी अधिक दूरी पर स्थित हैं। नक्षत्रों को अन्य धर्म में तारों के नाम से भी जाना जाता हैं।... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रराशिफ़रवरी 2013व्यूस: 16150
कैरियर निर्माण की अनुभूत ज्योतिषीय प्रक्रिया बी. पी. विश्वकर्माज्योतिष ग्रंथों में कर्मक्षेत्र के चयन हेतु असंख्य सिद्धांत एवं नियम प्रतिपादित हैं। इन नियमों को किसी जातक की जन्मकुंडली में लागू कर उसके वास्तविक व्यवसाय का निर्धारण कर पाना अत्यंत कठिन एवं दुरूह है। सारे सिद्धांतों को लागू कर ल... और पढ़ेंज्योतिषप्रसिद्ध लोगनक्षत्रज्योतिषीय योगकृष्णामूर्ति ज्योतिषग्रहघरसफलताभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषणव्यवसायअकतूबर 2005व्यूस: 15326
नक्षत्र एवं संबंधित दान निधि चोैहान- अश्विनी नक्षत्र में कांस्य पात्र में घी भरकर दान करने से रोग मुक्ति होती है। - भरणी नक्षत्र में ब्राह्मण को तिल एवं धेनु का दान करने से सद्गति प्राप्त होती है व कष्ट कम होता है। - कृतिका नक्षत्र में घी और खीर से युक्... और पढ़ेंज्योतिषउपायनक्षत्रभविष्यवाणी तकनीकसितम्बर 2014व्यूस: 19837
तेजी-मंदी वार व मास शकुन के द्वारा विचार अंजना अग्रवालरवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि ये सात वार होते हैं। इनका नाम ग्रह के ऊपर रखा गया है। वैसे ज्योतिष शास्त्र में वारों के द्वारा तेजी-मंदी का कोई उल्लेख नहीं मिलता। परंतु बड़े-बड़े वायदा व्यापार के व्यापारियों एवं सटोरियों के ... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रगोचरभविष्यवाणी तकनीकमेदनीय ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणअप्रैल 2016व्यूस: 18107
सवार्थसिद्धिकारक अभिजित मुहूर्त सीताराम सिंहमनुष्य का जन्म अपने 'प्रारब्ध' (पूर्वजन्म के कर्म फल) अनुसार होता है। अच्छे 'प्रारब्ध' वाले शिशुओं की जन्म कुंडलियों में स्थित बलवान शुभ ग्रह योग उनके जीवन में सुख, सफलता, और समृद्धि प्रदान करते हैं। इसके विपरीत बुरे 'प्रारब्ध' वा... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रमुहूर्तजनवरी 2011व्यूस: 17015