प्रेम मनुष्य के अन्तर्गत मन की वह सृष्टि है, जिसमें आप्लावित होकर मानव मन उस हर्षातिरेक में निमग्न
हो जाता है। राधा कृष्ण की जुगल जोड़ी से जिस प्रेम की गंगोत्री का उद्गम माना जाता है तथा हीर-रांझा
और लैला-मजनंू, शिरी-फरहाद और न ज... और पढ़ें
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