भद्रा एवं दोष परिहार डॉ. अरुण बंसलकिसी भी मांगलिक कार्य में भद्रा का योग अशुभ माना जाता है। भद्रा में मांगलिक कार्य का शुभारंभ या समापन दोनों ही अशुभ माने गये हैं। पुराणों के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य देव व देवी छाया की पुत्री व राजा शनि की बहन है।... और पढ़ेंज्योतिषदेवी और देवज्योतिषीय विश्लेषणग्रहणमुहूर्तभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2015व्यूस: 22428
राहुकाल डॉ. अरुण बंसलज्योतिष शास्त्र में हर दिन को एक अधिपति दिया आया है। जैसे - रविवार का सूर्य, सोमवार का चन्द्र, मंगल का मंगल, बुधवार का बुध, बृहस्पतिवर का गुरु, शुक्रवार का शुक्र व् शनिवार का शनि।... और पढ़ेंज्योतिषआकाशीय गणितमुहूर्तअप्रैल 2013व्यूस: 14406
माइनर अरकाना - क्वीन ऑफ़ कप्स कृष्णा कपूरटैरो रीडिंग के दौरान जिस व्यक्ति के लिये उक्त कार्ड प्रगट होता है उस व्यक्ति के लिये यह इंगित करता है कि संबंधित व्यक्ति अगर समस्याग्रस्त है तो प्रतिकूल परिस्थितियों को अपने अनुकूल स्थिति में लाने में सफलता हासिल कर सकता है।... और पढ़ेंज्योतिषटैरोफ़रवरी 2020व्यूस: 3470
नक्षत्र डॉ. अरुण बंसलपृथ्वी सूर्य के चरों ओर चक्कर लगाती रहती हैं। एक चक्कर लगाने में पृथ्वी को 365.2422 दिन लगते हैं। यही एक वर्ष का मान हैं। चन्द्रमा की दो प्रकार की गति हैं। एक पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने में इसे 27.32 दिन लगते हैं।... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रराशिफ़रवरी 2013व्यूस: 10498
अधिक मास : कब और क्यों डॉ. अरुण बंसलवर्ष २००७ में दो ज्येष्ठ मास होंगे। इन्हें प्रथम ज्येष्ठ व् द्वितीय ज्येष्ठ के नाम से जाना जाता है। दो मास में चार पक्ष हो जाते है। प्रथम ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष से शुरू होता है। तदुपरांत प्रथम ज्येष्ठ का शुक्ल पक्ष, द्वितीय ज्येष्ठ का... और पढ़ेंज्योतिषअन्य पराविद्याएंज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगआकाशीय गणितमई 2007व्यूस: 10409
बहुविवाह शुभेष शर्मनमानव अपनी जन्म कुंडली परमात्मा के घर से ही अंकित करवाकर लाता है। जन्म जन्मांतर की करनी-भरनी का लेखा जोखा हस्तरेखाओं में अंकित होता है। वर्तमान कर्तव्य कर्मों के अनुसार रेखाएं परिवर्तित होती रहती हैं। रेखाओं का उदय अस्त हाथों में प... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगविवाहभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2007व्यूस: 5837
संवत्सर-सूक्ष्म विवेचन डॉ. अरुण बंसलसंवत् 2070 पराभव नामक संवत्सर था। क्रमानुसार 2071 का नाम प्लवंग होना चाहिए। लेकिन ऐसा... और पढ़ेंज्योतिषअकतूबर 2014व्यूस: 1571
शेयर कमोडिटी व आपका भाग्य आनन्द शिव मेहताबाजार सदैव एक समान नहीं रहता है। अनेकों लोग आज जैसा कल चले, गत सप्ताह समान इस सप्ताह चले, गत माह समान इस माह चले, गत वर्ष समान इस वर्ष गत ऋतु समान इस समय चले यह नहीं होता। कभी 2, 3 दिन मंदी या तेजी की लाईन चंद्रमा निकालता है। ... और पढ़ेंज्योतिषमेदनीय ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकगोचरजनवरी 2016व्यूस: 6694
देश-विदेशों के लिए तिथिमान परिवर्तन विधि आभा बंसलअनेक स्थानों से अनेक पंचांग निकलते हैं। प्रत्येक में तिथिमान श्न्नि-श्न्नि होते हैं।... और पढ़ेंज्योतिषसितम्बर 2004व्यूस: 1527
पर्वों में एकीकरण की आवश्यकता डॉ. अरुण बंसलइस वर्ष पूरे भारत में होली दो दिन मनायी गयी -१८ मार्च और १९ मार्च को. ऐसा क्यों हुआ. जिन शास्त्रों की हम इतनी बड़ाई करते हैं. क्या वे यह निर्णय नहीं दे सकते की पर्व किस दिन मनाना चाहिए. या गणना में सरकार... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणमई 2004व्यूस: 3285
भवन निर्माण कार्य एवं मुहूर्त निर्मल कोठारीभवन निर्माण के लिए यदि हम अच्छा मुहूर्त यानि वास्तु पुरूष की जागृत अवस्था में कार्य प्रारंभ करें तो वास्तु या अन्य किसी दोष का निवारण स्वतः ही हो जाता है। जब किसी महीने में वास्तु पुरूष चौबीस घंटे सो रहें हो तो कोई भी निर्माण कार्... और पढ़ेंज्योतिषमुहूर्तभविष्यवाणी तकनीकजून 2011व्यूस: 48745
सूर्य का नीच भंग राजयोग आचार्य किशोरनवग्रहों में सूर्य राजसी ग्रह माना जाता है। मेष राशि में सूर्य उच्चस्थ होते हैं और तुला राशि में नीचस्थ। प्रस्तुत है सूर्य के नीच भंग राजयोग का कुंडलीय विश्लेषण।... और पढ़ेंज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय योगयशकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकसफलताजुलाई 2010व्यूस: 62156