शिव शक्ति आराधना का फलदायी केंद राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’युगों-युगों से भारतभूमि को शृंगारित करने वाली शिवप्रिया गंगा देश की पहचान है और इसके तट पर तीर्थों का बाहुल्य है। अटूट जनास्था और धार्मिक आस्था, विश्वास की प्रतीक बनी मातृरूपा मां गंगा के तट पर जयादातर शैव तीर्थ, शक्ति तीर्थ व ... और पढ़ेंस्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलअध्यात्म, धर्म आदिजुलाई 2016व्यूस: 6917
मन्नत प्राप्ति का जाग्रत केंद्र: भगवती स्थान राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’मन्नत प्राप्ति का जाग्रत केंद्र भगवती स्थान कालीपीठ को कोई भक्त ‘तारापीठ’ से तो कोई कोलकाता के ‘दक्षिणेश्वर’ अथवा ‘कालीघाट’ से जोड़ता है पर इसकी महिमा भी इस क्षेत्र में कुछ कम नहीं। भक्तों का एक विशाल वर्ग मातृ आराधना में तन-मन से ... और पढ़ेंस्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलदिसम्बर 2016व्यूस: 7337
पर्वत पर बसा स्वर्गलोक है तिरूपति राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’महिमामय भारत देश के दक्षिण प्रांत आंध्र प्रदेश के शांतिमय, सौंदर्ययुक्त व रमणीय वातावरण से सराबोर पवित्र पुनीत तिरूमलै पर्वतमाला के अंचल में विराजमान श्री वेंकटेश्वर तिरूपति बालाजी का स्थान युगों-युगों से भक्तों, पर्यटकों व धर्म प... और पढ़ेंस्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलमई 2016व्यूस: 6924
महिमामय है वृन्दावन राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’त्रियोग के प्रवत्र्तक भगवान श्री कृष्ण की लीला भूमि, मंदिरों की नगरी, वृन्दा का धाम और भारतीय तीर्थों के श्रीधाम के नामों से अलंकृत तीर्थों का देश भारतवर्ष के सदाबहार तीर्थों में सुविख्यात ब्रजप्रदेश के हृदयक्षेत्र में विराजमान वृ... और पढ़ेंस्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलआगस्त 2016व्यूस: 6822
कल्याणकारिणी हैं सुंदरगढ़ की महारानी राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’भारतीय भूमि में राजे रजवाड़ों की कोई कमी नहीं। अपनी आन, बान और शान के लिए दूर-दूर तक मशहूर इन राजे रजवाड़ों के इतिहास से भारतीय सभ्यता संस्कृति प्रकारांतर से समृद्ध रहा है। ऐसा ही एक गढ़ नामधारी स्थान सुंदरगढ़ ओडिशा राज्य में है जहां ... और पढ़ेंस्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलजनवरी 2017व्यूस: 6701
सब तीरथ बार-बार गंगा सागर एक बार नवीन राहुजाधार्मिक कार्यों के संपादन में तीर्थ अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे तीर्थों में गंगासागर का अपना अलग ही स्थान है। आइए, जानें गंगा सागर की स्थिति, उसकी कथा तथा मकर संक्रांति पर वहां लगने वाले मेले के बारे में... और पढ़ेंस्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलफ़रवरी 2011व्यूस: 34441
बांसवाड़ा का प्राचीन माँ त्रिपुरा सुंदरी मंदिर यशकरन शर्मावाग्वर शक्ति पीठ मां त्रिपुरा सुंदरी का यह सुरम्य स्थल ‘तरताई माता’ (तुरंत फल देने वाली माता) के नाम से विख्यात है। माँ त्रिपुरा तुरंत फल देने वाली ‘तरताई माता’ के रूप में अपने कई भक्तजनों को अपना शुभाशीर्वाद देकर लाभान्वित कर चुक... और पढ़ेंस्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलदिसम्बर 2014व्यूस: 20652
एक सभ्य समाज के निर्माण की प्रक्रिया यशकरन शर्माविश्वव्यापी बहाई समुदाय इस कार्य में तल्लीन है कि किस प्रकार सभ्यता निर्माण की प्रक्रिया में यह अपना योगदान दे सके। यह दो प्रकार के योगदान को महत्व दे रहा है। पहले प्रकार का योगदान बहाई समुदाय के विकास और उन्नति से सम्बन्धित है और... और पढ़ेंज्योतिषस्थानअध्यात्म, धर्म आदिसुखविविधमई 2014व्यूस: 19900
कालसर्प एवं द्वादश ज्योतिर्लिंग राजीव रंजनकालसर्प योग की जन्मांग में उपस्थिति मात्र से जनसामान्य के मन में आतंक और भय की भावना उदित हो जाती हैं। कालसर्प योग से पीड़ित जन्मांग वाले जातकों का संपूर्ण जीवन अभाव अनवरत अवरोध, निरंतर असफलता, संतानहीनता, वैवाहिक जीवन में अनेक कष... और पढ़ेंज्योतिषउपायस्थानदेवी और देवरत्नज्योतिषीय योगमन्दिर एवं तीर्थ स्थलग्रहघरलाल किताबमंत्रमार्च 2013व्यूस: 21953
विशिष्ट महत्व है काशी के कालभैरव का राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’भारत देश की सांस्कृतिक राजधानी और मंदिरों की महानगरी वाराणसी में मंदिरों की कोई कमी नहीं। काशी तीर्थ में उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक एक से बढ़कर एक मान्यता प्राप्त पौराणिक देवालय हैं पर इनकी कुल संख्या कितनी ह... और पढ़ेंस्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलअध्यात्म, धर्म आदिविविधजून 2013व्यूस: 16338
जाग्रत महिमामयी देवी तीर्थ कन्याकुमारी राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’भारत के दक्षिण भाग में स्थित कन्याकुमारी में बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर एवं अरब सागर का एक ही साथ दर्शन होता है। इसलिए इस स्थान की महिमा ÷सागरतीर्थ' नाम से भी मंडित है। इस सागर के बीच इस नगर की देवी मां कुमारी' का पवित्र मंदिर है... और पढ़ेंस्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलजून 2011व्यूस: 14030
केदारनाथ फ्यूचर समाचारकेदारनाथ पावन धाम की बड़ी महिमा है. यह स्थान हरिद्वार से लगभग १५० मील और ऋषिकेश से १३२ मील दूर है. हरिद्वार से ऋषिकेश तक रेल जाती है, और मोटर-गाडियां तो चलती रहती है. ऋषिकेश से रूद्र प्रयोग तक मोटर-बस जाती है. यहाँ से पैदल जाना पडत... और पढ़ेंस्थानआगस्त 2009व्यूस: 9821