अच्छे पंचांग की विशेषताएं मनोहर शर्मा पुलस्त्यइस अनुपम विशेषांक में पंचांग के इतिहास विकास गणना विधि, पंचांगों की भिन्नता, तिथि गणित, पंचांग सुधार की आवश्यकता, मुख्य पंचांगों की सूची व पंचांग परिचय आदि अत्यंत उपयोगी विषयों की विस्तृत चर्चा की गई है। पावन स्थल नामक स्तंभ के अं... और पढ़ेंज्योतिषआकाशीय गणितपंचांगअप्रैल 2010व्यूस: 10255
काल सर्प योग की शांति के उपाय आभा बंसलकाल सर्प योग अपने आपमें एक ऐसा योग है, जो पितृ दोष से संबंधित होता है।... और पढ़ेंज्योतिषनवेम्बर 2004व्यूस: 1442
त्योहार की एकरूपता के लिए जरूरी है तिथियों की एकरूपता सुनील जोशी जुन्नकरइस अनुपम विशेषांक में पंचांग के इतिहास विकास गणना विधि, पंचांगों की भिन्नता, तिथि गणित, पंचांग सुधार की आवश्यकता, मुख्य पंचांगों की सूची व पंचांग परिचय आदि अत्यंत उपयोगी विषयों की विस्तृत चर्चा की गई है। पावन स्थल नामक स्तंभ के अं... और पढ़ेंज्योतिषपर्व/व्रतआकाशीय गणितपंचांगअप्रैल 2010व्यूस: 10300
ललाट के प्रकार एवं उस पर अंकित रेखाओं से भविष्यज्ञान के. के. निगमप्राचीन समय से जैसे हाथ की रेखाओं, चिह्नों आदि से भविष्य ज्ञात करके भविष्यवाणी की जाती है, उसी प्रकार यदि रेखा शास्त्री शरीर के अन्य अंगों के विषय में जानकार होता है तो भविष्यवाणी काफी सटीक होती है। वास्तव में शरीर के अन्य ... और पढ़ेंज्योतिषमुखाकृति विज्ञानग्रहभविष्यवाणी तकनीकमार्च 2016व्यूस: 11695
संतान प्राप्ति के योग राजेंद्र कुमार जोशीघर आंगन बच्चों की किलकारियों से गूंजे, वंशवृद्धि हो, बुढ़ापे में सेवा हो और भी न जाने कितनी बातें सोच कर लोग संतान प्राप्ति के लिए क्या-क्या नहीं करते। किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली देखकर यह बताया जा सकता है कि उसकी संतान कब होग... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगबाल-बच्चेभविष्यवाणी तकनीकमई 2006व्यूस: 11512
सर्वाष्टकवर्ग - फलकथन का आधार संजय बुद्धिराजाभारतीय ज्योतिष में किसी भी कुंडली के फलकथन के लिए प्राचीन काल से ही अनेक विद्याओं का प्रयोग किया जाता रहा है। इन्हीं में अष्टकवर्ग भी है जिसके माध्यम से किया जाने वाला फलकथन अन्य किसी भी विद्या के माध्यम से किए जाने वाले फलकथन से ... और पढ़ेंज्योतिषअष्टकवर्गकुंडली व्याख्याघरभविष्यवाणी तकनीकअप्रैल 2008व्यूस: 20858
षोडश वर्ग फलित ज्योतिष का महत्वपूर्ण अंग अविनाश सिंहप्रश्न: फलित ज्योतिष में षोडश वर्ग का क्या महत्व है? उत्तर: जन्म पत्रिका का सूक्ष्म अध्ययन करने के लिए षोडश वर्ग विशेष सहायक होते हैं। इन वर्गों के अध्ययन के बिना जन्म कुंडली का विश्लेषण अधूरा है क्योंकि जन्म कुंडली से केवल ... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणभविष्यवाणी तकनीकफ़रवरी 2006व्यूस: 11720
काल सर्प दोष एवं उसके उपाय आभा बंसलकाल सर्प दोष क्या है? राहू और केतु के मध्य यदि अन्य सभी ७ ग्रह आ जाएं, तो काल सर्प दोष होता है. यदि राहू सभी ग्रहों को ग्रसित करे, तो उदित रूप से एवं यदि केतु ग्रसित करे, तो अनूदित रूप से योग बनता है. यदि सातों ग्रहों में से... और पढ़ेंज्योतिषजुलाई 2004व्यूस: 4996
प्राणिक हीलिंग: अर्थ, चिकित्सा एवं इतिहास आर. के. शर्माप्राणशक्ति को एक प्रकार की सजीव विद्युत शक्ति कहा जा सकता है जो समस्त संसार में वायु, आकाश, गर्मी एवं ईथर-प्लाज्मा की तरह समायी हुई है। यह तत्व जिस प्राणी में जितना अधिक होता है, वह उतना ही स्फूर्तिवान, तेजस्वी, साहसी दिखाई... और पढ़ेंज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकमई 2016व्यूस: 13369
प्राकृतिक आपदा फ्यूचर पाॅइन्टप्रश्न: प्राकृतिक आपदा की भविष्यवाणी के लिये मेदिनीय ज्योतिष, सामान्य ज्योतिष या किसी अन्य विधा का प्रयोग किस प्रकार किया जा सकता है? उदाहरण सहित विस्तृत वर्णन करें।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकआगस्त 2015व्यूस: 12149
विदेश यात्रा फ्यूचर पाॅइन्टकुंडली से कैसे जानें कि जातक विदेश यात्रा करेगा। जातक विदेश यात्रा कब और किन उद्देश्यों से करेगा। अपने उद्देश्य की प्राप्ति हेतु विदेश यात्रा करने के लिए क्या ज्योतिषीय उपाय हैं, इसका विस्तृत विवेचन करें।... और पढ़ेंज्योतिषयात्राअप्रैल 2012व्यूस: 10969
सफलता का प्रथम सोपान श्रेष्ठ मुहूर्त अशोक शर्मासर्वार्थ सिद्धि योग, द्विपुष्कर योग, त्रिपुष्कर योग शुभ योग मुहूर्त की श्रेणी में आते हैं। कुछ कार्यों के लिए इन मुहूर्तों का चयन कर सफलता प्राप्त की जा सकती है।... और पढ़ेंज्योतिषमुहूर्तभविष्यवाणी तकनीकजून 2011व्यूस: 10340