कालसर्प योग की सार्थकता डॉ. अरुण बंसलकालसर्प योग राहु और केतु की धुरी के एक और सभी ग्रहों के आ जाने से बनता हैं। यदि राहु के मुख में सभी ग्रह आ रहे हैं। तो उसे उदित योग की संज्ञा दी गई हैं। और यदि दूसरी और हो तो अनुदित योग कहा जाता हैं।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगआकाशीय गणितमार्च 2013व्यूस: 8873
शनि मंगल व गुरु राहु युति डॉ. अरुण बंसलशनि और मंगल की युति शनिवार दिनांक 20/02/16 शाम को 6 बजकर 42 मिनट पर वृश्चिक राशि में हुई। मंगल के वृश्चिक राशि में आने पर शनि और मंगल के बीच द्वंद्व योग का निर्माण हो रहा है। यह योग 18/09/16 को प्रातः 07 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। इस... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणदशामेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकगोचरमई 2016व्यूस: 14481
हौसलों की ऊंची उड़ान आभा बंसलकिस्मत किसको कब क्या देगी-फर्श से अर्श पर ले जाएगी या राजा से रंक बनाएगी ये कोई नहीं जानता। जीरो से हीरो बनने के सितारे विरले ही कुंडलियों में फलीभूत होते हैं और ऐसा ही चमत्कार हमें मोदी सरकार की मानव संसाधान विकास मंत... और पढ़ेंज्योतिषकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकगोचरजुलाई 2014व्यूस: 9176
शादी बचपन में या 55 में अंजना अग्रवालज्योतिषीय विधान में विवाह कार्य की सिद्धि हेतु जन्म कुण्डली के सप्तम भाव तथा कारक ग्रह को देखा जाता है। लेकिन कुंडली में द्वितीय तथा एकादष भाव भी विवाह में महत्वपूर्ण होते हैं। जन्म कुंडली का सप्तम भाव जीवनसाथी तथा साझेदारी का होत... और पढ़ेंज्योतिषविवाहमार्च 2014व्यूस: 8980
रियल एस्टेट में लाभ या हानि भारती आनंदहाथ की रेखाओं द्वारा रियल एस्टेट में पैसा इन्वेस्ट करने से पहले अनुकूल हाथ की रेखाओं के बारे में इस लेख द्वारा जाना जा सकता है। यदि उस हिसाब से आपकी रेखाएं ठीक है तो आप उससे लाभ उठाइए। पहले जानिए, ऐसी रेखाओं के बारे में।... और पढ़ेंज्योतिषहस्तरेखा शास्रभविष्यवाणी तकनीकमार्च 2011व्यूस: 8228
जुड़वां बच्चे फ्यूचर पाॅइन्टप्रश्न: दो जुड़वां बच्चे या एक ही समय पर एक ही जगह पर दो बच्चों का जन्म हो तो क्या उनका भविष्य व जीवन समान होगा? इसके पक्ष या विपक्ष में अपने विचार कारण सहित दें तथा अपने उत्तर को संतुष्ट करें।... और पढ़ेंज्योतिषकृष्णामूर्ति ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकमई 2014व्यूस: 8846
शुभफल कारक राहु नीरज शर्माअपनी जन्मकुंडली में स्थित राहु को लेकर जहां हम शंकाओं और भय से व्याप्त रहते हैं वहीं कुछ ऐसी स्थिति भी होती है जिनमें राहु हमारे लिये शुभ फल देने वाला बन जाता है क्योंकि राहु तो अपनी स्थिति के अनुसार ही फल करता है। राह... और पढ़ेंज्योतिषग्रहजुलाई 2014व्यूस: 8819
ज्योतिष एवं आयुर्वेद अविनाश सिंहज्योतिष शास्त्र एवं आयुर्वेद दोनों वेदों के अंग हैं जहां आयुर्वेद रोग का उपचार करने में सक्षम है वहीं ज्योतिष शास्त्र मानव शरीर में होने वाले रोगों की पूर्व जानकारी देने में सक्षम है। यदि रोग के कारणों की सही जानकारी हो, तो उपचा... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यज्योतिषीय विश्लेषणविविधभविष्यवाणी तकनीकफ़रवरी 2015व्यूस: 9106
अच्छी शिक्षा प्राप्ति एवं विद्या बाधा निवारक उपाय राजेंद्र शर्मा ‘राजेश्वर’आधुनिक युग में अच्छी शिक्षा के महत्व एवं अनिवार्यता से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। वर्तमान समय में न केवल पारिवारिक उत्तरदायित्वों का वहन करने के लिए वरन् राजकीय सेवाओं, उद्योगों, व्यवसायों, घरेलू उद्यम... और पढ़ेंज्योतिषउपायज्योतिषीय विश्लेषणशिक्षाभविष्यवाणी तकनीकफ़रवरी 2016व्यूस: 11464
वंध्यत्व का निवारण ज्योतिष शास्त्र के आधार पर पूरुषोत्तम बेहरेज्योतिषशास्त्र के द्वारा पति और पत्नी दोनों का ग्रहमान, ग्रहदशा तथा अन्य काल निर्णय पद्धति का इस्तेमाल करके उन्हें सही साल, सही दिन मतलब सुमुहूर्त सुझाया जाता है।... और पढ़ेंज्योतिषउपायज्योतिषीय योगबाल-बच्चेकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2012व्यूस: 8428
नेल्सन मंडेला शरद त्रिपाठीदक्षिण अफ्रिका में रंग भेद आंदोलन के दिग्गज नेता रहे हैं नेल्सन मंडेला। किन ज्योतिषीय योगों से वे सफलता के उच्च षिखर तक पहुंचे इसका संपूर्ण ज्योतिषीय विष्लेषण इस लेख में किया गया है।... और पढ़ेंज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकसफलतामार्च 2011व्यूस: 9423
संहिता ज्योतिष में भूकम्प-मीमांसा राजीव रंजन‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्।।’’ वैदिक संस्कृति सर्वदा से ही लोक कल्याण तथा आत्मकल्याण दोनों को ही समान रूप से महत्व देती रही है। वैदिक ऋचाओं में जहां ऋषिगण आत्मकल्याण के... और पढ़ेंज्योतिषमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2014व्यूस: 8693