कारकांश लग्न से डॉक्टर बनने के योग अनुपम गर्ग''जैमिनी सूत्रम्'' के श्लोक नं. 87 के अनुसार यदि कारकांश लग्न में शुक्र या चंद्र हो और वहां स्थित चंद्र को बुध देखता हो तो जातक डॉक्टर होता है।... moreज्योतिषज्योतिषीय योगजैमिनी ज्योतिषग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याव्यवसायजुलाई 2009Views: 8128
द्वादशांश से अनिष्ट का सटीक निर्धारण मनोज कुमारसृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी ने जब से इस संसार की रचना की है तभी से जीवन में प्रत्येक नश्वर आगमों को चाहे वे सजीव हों अथवा निर्जीव, उन्हें विभिन्न अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है। जीवन की इस यात्रा में सबों को अच्छे एवं बुरे समय का स्व... moreज्योतिषज्योतिषीय योगवर्ग कुंडलियाँभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2013Views: 11900
अच्छे पंचांग की विशेषताएं मनोहर शर्मा पुलस्त्यइस अनुपम विशेषांक में पंचांग के इतिहास विकास गणना विधि, पंचांगों की भिन्नता, तिथि गणित, पंचांग सुधार की आवश्यकता, मुख्य पंचांगों की सूची व पंचांग परिचय आदि अत्यंत उपयोगी विषयों की विस्तृत चर्चा की गई है। पावन स्थल नामक स्तंभ के अं... moreज्योतिषपंचांगआकाशीय गणितअप्रैल 2010Views: 12139
काल सर्प योग की शांति के उपाय आभा बंसलकाल सर्प योग अपने आपमें एक ऐसा योग है, जो पितृ दोष से संबंधित होता है।... moreज्योतिषनवेम्बर 2004Views: 2116
त्योहार की एकरूपता के लिए जरूरी है तिथियों की एकरूपता सुनील जोशी जुन्नकरइस अनुपम विशेषांक में पंचांग के इतिहास विकास गणना विधि, पंचांगों की भिन्नता, तिथि गणित, पंचांग सुधार की आवश्यकता, मुख्य पंचांगों की सूची व पंचांग परिचय आदि अत्यंत उपयोगी विषयों की विस्तृत चर्चा की गई है। पावन स्थल नामक स्तंभ के अं... moreज्योतिषपर्व/व्रतपंचांगआकाशीय गणितअप्रैल 2010Views: 11892
ललाट के प्रकार एवं उस पर अंकित रेखाओं से भविष्यज्ञान के. के. निगमप्राचीन समय से जैसे हाथ की रेखाओं, चिह्नों आदि से भविष्य ज्ञात करके भविष्यवाणी की जाती है, उसी प्रकार यदि रेखा शास्त्री शरीर के अन्य अंगों के विषय में जानकार होता है तो भविष्यवाणी काफी सटीक होती है। वास्तव में शरीर के अन्य ... moreज्योतिषग्रहमुखाकृति विज्ञानभविष्यवाणी तकनीकमार्च 2016Views: 13616
संतान प्राप्ति के योग राजेंद्र कुमार जोशीघर आंगन बच्चों की किलकारियों से गूंजे, वंशवृद्धि हो, बुढ़ापे में सेवा हो और भी न जाने कितनी बातें सोच कर लोग संतान प्राप्ति के लिए क्या-क्या नहीं करते। किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली देखकर यह बताया जा सकता है कि उसकी संतान कब होग... moreज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकबाल-बच्चेमई 2006Views: 13619
सर्वाष्टकवर्ग - फलकथन का आधार संजय बुद्धिराजाभारतीय ज्योतिष में किसी भी कुंडली के फलकथन के लिए प्राचीन काल से ही अनेक विद्याओं का प्रयोग किया जाता रहा है। इन्हीं में अष्टकवर्ग भी है जिसके माध्यम से किया जाने वाला फलकथन अन्य किसी भी विद्या के माध्यम से किए जाने वाले फलकथन से ... moreज्योतिषअष्टकवर्गघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याअप्रैल 2008Views: 22738
षोडश वर्ग फलित ज्योतिष का महत्वपूर्ण अंग अविनाश सिंहप्रश्न: फलित ज्योतिष में षोडश वर्ग का क्या महत्व है? उत्तर: जन्म पत्रिका का सूक्ष्म अध्ययन करने के लिए षोडश वर्ग विशेष सहायक होते हैं। इन वर्गों के अध्ययन के बिना जन्म कुंडली का विश्लेषण अधूरा है क्योंकि जन्म कुंडली से केवल ... moreज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकज्योतिषीय विश्लेषणफ़रवरी 2006Views: 13014
काल सर्प दोष एवं उसके उपाय आभा बंसलकाल सर्प दोष क्या है? राहू और केतु के मध्य यदि अन्य सभी ७ ग्रह आ जाएं, तो काल सर्प दोष होता है. यदि राहू सभी ग्रहों को ग्रसित करे, तो उदित रूप से एवं यदि केतु ग्रसित करे, तो अनूदित रूप से योग बनता है. यदि सातों ग्रहों में से... moreज्योतिषजुलाई 2004Views: 7071
प्राणिक हीलिंग: अर्थ, चिकित्सा एवं इतिहास आर. के. शर्माप्राणशक्ति को एक प्रकार की सजीव विद्युत शक्ति कहा जा सकता है जो समस्त संसार में वायु, आकाश, गर्मी एवं ईथर-प्लाज्मा की तरह समायी हुई है। यह तत्व जिस प्राणी में जितना अधिक होता है, वह उतना ही स्फूर्तिवान, तेजस्वी, साहसी दिखाई... moreज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकमई 2016Views: 14834
प्राकृतिक आपदा फ्यूचर पाॅइन्टप्रश्न: प्राकृतिक आपदा की भविष्यवाणी के लिये मेदिनीय ज्योतिष, सामान्य ज्योतिष या किसी अन्य विधा का प्रयोग किस प्रकार किया जा सकता है? उदाहरण सहित विस्तृत वर्णन करें।... moreज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकमेदनीय ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणआगस्त 2015Views: 13483