नैऋत्य-अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान

नैऋत्य-अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान  

व्यूस : 5389 | जुलाई 2012
नैत्य-अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान पिछले माह पंडित जी आगरा के एक व्यापारी के यहां वास्तु परीक्षण करने गये। उनसे मिलने पर पता चला कि वह अपने जीवन में इतने उतार-चढ़ाव देख चुके हैं कि अब हिम्मत हौसला जवाब दे गया है। उन्होंने अपनी पत्नी व मां को एक सड़क दुर्घटना में खो दिया था। दो पुत्र एवं एक पुत्री है। पुत्रों के सुख में भी कमी बनी हुई है। विवाहित बड़ा पुत्र आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है तो छोटे पुत्र की विवाहित जिंदगी में ग्रहण लगा है। पहली पत्नी से तलाक हो गया है। परन्तु दोनों बच्चों के लिए मुकदमेबाजी चल रही है। दोनों भाई मिलकर व्यापार संभाल रहे थे पर आपस में किसी न किसी बात को लेकर झगड़ते रहते हैं। भाइयों के जीवन में परेशानियों की वजह से देहली में विवाहित बहन को भी मानसिक तनाव बना रहता है। व्यापार में भी नुकसान, मुकदमेबाजी तथा कोई न कोई समस्या बनी रहती है। वास्तु परीक्षण करने पर पाए गए वास्तु दोष: दक्षिण-पश्चिम के फर्श का लैवल बाकी सभी दिशाओं से नीचा था, जो कि दुघर्टना एवं मुकदमेबाजी का कारण होता है। बिल्डिंग का दक्षिण-पश्चिम का कोना कटा हुआ था, जो कि घर के मालिक के जीवन में खुशियों के कटने का कारण होता है। जीवन में स्थिरता की कमी रहती है। दुर्घटना हो सकती है। दक्षिण-पश्चिम में दो गढ्ढे थे, जो कि अनचाहे खर्चे तथा जीवन में गंभीर आर्थिक समस्याओं का कारण होता है। दक्षिण-पश्चिम में जैनरेटर रखा था, जो कि आर्थिक हानि एवं मानसिक तनाव का कारण होता है। दक्षिण-पश्चिम में मुख्य द्वार था, जो कि मालिक को घर से दूर रखता है अर्थात उसका घर से मन उचाट रहता है और अनावश्यक खर्चों का भी कारण होता है। पूर्व में लोहे की सीढ़ी बनी थी। इस दिशा में मैटल होने से विकास में अवरोध उत्पन्न होता है। ब्रह्मस्थान पर भारी स्टोर तथा शौचालय बना था, जो कि खर्चे, बीमारी तथा सभी ओर से विकास में बाधक होता है। उत्तर में रसोई थी जो कि घर में वैचारिक मतभेद, लड़ाई-झगड़े या भारी खर्च का कारण होती है। रसोई के बाहर दक्षिण की दीवार पर बड़ा सा शीशा लगा था जिससे अनावश्यक खर्चे व बीमारी घर में रहती है। दक्षिण में सैप्टिक टैंक था, जो कि व्यापार में हानि का कारण होता है। सुझाव: दक्षिण-पश्चिम के कोने में फर्श के ऊपर प्लेटफार्म बनाने को कहा गया तथा उसके ऊपर भारी स्टोर बनाने की सलाह दी गई। दक्षिण-पश्चिम के कोने को कवर करने को कहा गया तथा उसे सभी दिशाओं से ऊंचा करने की सलाह दी गई। दक्षिण-पश्चिम में बने गढ्ढों को तुरंत भरने की सलाह दी गई। दक्षिण-पश्चिम में रखे जैनरेटर को दक्षिण में करवाया गया। दक्षिण-पश्चिम में मुख्य द्वार को छोटा करके केवल पश्चिम की ओर छोटे गेट से आने की सलाह दी गई तथा दक्षिण-पश्चिम में ऊंची दीवार बनाने को कहा गया। पूर्व में बनी लोहे की सीढ़ी की जगह लकड़ी की सीढ़ी लगाने की सलाह दी गई। ब्रह्मस्थान से शौचालय व स्टोर हटाने की सलाह दी तथा शौचालय दक्षिण की ओर द्वार के पास बनवाने को कहा गया। रसोईघर को पश्चिम की ओर बने बैठक की जगह बनाने की सलाह दी गई तथा ज्यादा जगह होने से स्टोर भी वहीं बनाने को कहा गया। दक्षिण में लगे शीशे को उत्तर-पूर्व की दीवार पर लगवाया गया। सैप्टिक टैंक को तुरंत हटाना संभव नहीं था इसलिए उन्हें टैंक के कवर के नीचे के हिस्से में लाल तथा ऊपर पीला पेंट करने की सलाह दी गई जिससे उसकी नकारात्मक ऊर्जा कम हो सके। पंडित जी ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि सभी सुझावों का कार्यान्वित करने के पश्चात उन्हें अवश्य ही काफी लाभ मिलेगा तथा उनके जीवन में स्थिरता तथा खुशी का आगमन होगा।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.