दक्षिण –पश्चिम में लगे शीशे स्वास्थ्य हानि एवं अनचाहे खर्चे के कारण

दक्षिण –पश्चिम में लगे शीशे स्वास्थ्य हानि एवं अनचाहे खर्चे के कारण  

व्यूस : 5493 | सितम्बर 2009
दििक्ष्क्षाण्णा-पििश्चम में ें लगे े शाीीशो े स्वाास्थ्थ्य हााििन एवं ं अनचााहे े खार्र्चे े के े काारण्णा पं. गोपाल शर्मा पिछले माह दिल्ली के एक प्रतिष्ठित व्यापारी के घर का निरीक्षण किया गया। व्यापारी सज्जन पिछले 6 साल से काफी परेशान हैं। जब से वह इस घर में आए हैं, एक के बाद दूसरी समस्या खड़ी हो जाती है। घर में कलह बना रहता है। एक बार उनकी एक बहुत बड़ी दुर्घटना भी हुई थी जिसमें वह मृत्यु के मुंह से निकल आए थे, किंतु अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं। घर में स्त्रियों की तबीयत भी ठीक नहीं रहती, कई आॅपरेशन हो चुके हैं। उनकी कमर में भी दर्द रहता है। वह स्वयं भी पैरों के दर्द से काफी परेशान थे। व्यापार घाटे में चल रहा था। बच्चों का भी विकास ठीक से नहीं हो रहा, उन्हें किसी न किसी प्रकार की परेशानी होती रहती है। वास्तु निरीक्षण के क्रम में नम्नलिखित वास्तु दोष पाए गए घर के उत्तर-पूर्व में सीढ़ियां थीं। उत्तर-पूर्व में सीढ़ियां हर तरह से विकास में बाधक होती हैं। घर में मानसिक तनाव बना रहता है और भारी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दक्षिण-पश्चिम में बोरिंग होना एक गंभीर वास्तु दोष है जिसके कारण स्वास्थ्य हानि, दुर्घटनाओं, पैरों में दर्द, अनचाहे खर्चों और मृत्यु तक का सामना करना पड़ सकता है। सभी कमरों के कोने कटे हुए थे। कोनों का कटा होना सुख-शांति में कमी करता है। घर के चारों कोने 900 पर होने चाहिए। रसोई घर उत्तर, उत्तर-पश्चिम में बना था और उसमें काले रंग के ग्रेनाइट की स्लैब लगी थी, जिस पर गैस रखी थी। ग्रेनाइट कभी भी ताप को नहीं सोखता। पीठ के पीछे दरवाजा था। दरवाजे की यह स्थिति कमर दर्द का कारण होता है। बर्तन धोने का सिंक दक्षिण में बना था जिससे अनचाहे खर्चे होते थे। दक्षिण-पश्चिम में शौचालय था। इस स्थान पर स्थित शौचालय अनचाहे खर्चों का कारण होता है। घर के ड्रेसिंग रूम में शीशे दक्षिण-पश्चिम में लगे थे। शीशों का इस स्थान पर होना स्वास्थ्य एवं आर्थिक समस्याओं का कारण होता है। शयन कक्ष में बेड के सामने रखी अलमारी में शीशा लगा था जिसमें सोते समय पैर दिखाई देते थे। शीशे की इस स्थिति के फलस्वरूप पैरों में दर्द रहता है। सुझाव: उत्तर पूर्व में बनी सीढ़ियों को दक्षिण-पश्चिम में बनाने की सलाह दी गई (दक्षिण की तरफ भी सड़क थी और दरवाजा भी था। पीछे के बरामदे में सीढ़ियां आसानी से बनाई जा सकती थीं)। दक्षिण-पश्चिम की बोरिंग को तुरंत बंद करने की सलाह दी गई और गड्ढे को ठीक से भरने को कहा गया। बोरिंग आगे की तरफ उत्तर में कराने को कहा गया। जगह कम होने की वजह से कमरों के कोनों को ठीक करना मुश्किल था। इसलिए नकारात्मक ऊर्जा कम करने के लिए पायरा एंग्ल पिरामिड लगवाए गए। बैठक में बढ़े हुए हिस्से में 3 फुट ऊंची बैठने की सैटी बनाने को कहा गया। रसोई घर में गैस के नीचे संगमरमर का चैकोर टुकड़ा, जिस पर गैस रखी जा सके, रखने को कहा। गैस के पास शीशा इस तरह लगाने की सलाह दी गई जिससे दरवाजा नजर आए और मुड़कर देखना न पड़े। सिंक को पूर्व की ओर बनाने की सलाह दी गई। घर के दक्षिण-पश्चिम में लगे शीशों को उत्तर-पूर्व या पूर्व में लगाने को कहा गया। दक्षिण-पश्चिम में बने शौचालय में कांच की कटोरी में समुद्री नमक रखने को कहा गया और हर हफ्ते उसे बदलने का निर्देश दिया गया। बेड के सामने लगे शीशों को हटाने के लिए कहा गया और जब तक उन्हें हटाने की व्यवस्था न हो तब तक उन पर कागज लगाने की सलाह दी गई ताकि उनके स्वास्थ्य में सुधार आ सके।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.