शनि का परिचय एवं उपाय

शनि का परिचय एवं उपाय  

व्यूस : 9057 | जुलाई 2008
शनि का परिचय एवं उपाय प्रेम प्रकाश विद्रोही शनि और हनुमान का गहरा संबंध है। सामान्यतः शनि की चर्चा में हनुमान का उल्लेख जरूर होता है। वस्तुतः दोनों के संबंध का आधार लंका दहन के समय घटी एक घटना है। जब श्री हनुमान की पूंछ लंका में आग लगा रही थी तो एक करुणापूर्ण चीख सुनाई दी ‘‘बचाओ?’’ दया के सागर हनुमान जी आवाज की दिशा में जा पहंुचे तो देखा शनि दुष्ट रावण के महल में उल्टा लटका है। हनुमान ने तुरंत शनि को बंधनमुक्त कर दिया और पूछा ‘‘आपकी यह दुर्दशा किसने और क्यों की है?’’ शनि ने बताया, ‘‘रावण ने अपने पुत्र की जन्म कुंडली में मेरी प्रतिकूल स्थिति से अप्रसन्न होकर मेरी दायीं टांग तोड़ दी और उल्टा लटका दिया। लेकिन हनुमान आपसे मैं प्रसन्न हूं। जो व्यक्ति मेरी खराब दशा भुक्ति में आपका पूजन व भजन करेगा, मैं उसे कष्ट नहीं होने दूंगा।’’ इतना कहते हुए शनि लंगड़ाता हुआ वहां से चला गया। धीरे चलने के कारण ही इसका नाम शनैश्चर पड़ गया। कुंडली के एक भाव में यह 2 वर्ष 6 माह रहता है। बारह भावों का चक्कर लगाने में इसे लगभग तीस वर्ष लग जाते हैं। नवग्रहों में इसे न्यायाधीश का अधिकार प्राप्त है। यह पापियों को दंड देता है, किंतु धर्मात्माओं का अपनी दशा में उत्थान करता है। शनि पाद- शनि की ढैया या साढ़े साती के शुभाशुभ प्रभाव का विचार शनि पाद से किया जाता है। शनि जन्म कुंडली में जन्म राशि से पहली, छठी या 11वीं राशि में हो तो स्वर्ण पाद, दूसरी, पांचवी या 9वीं में हो तो रजत पाद, तीसरी, सातवीं या 10वीं में ताम्र पाद और चैथी 8वीं या 12वीं में हो तो लौह पाद कहलाता है। गोचरवश शनि के पादों में परिवर्तन होता है। लौह व स्वर्ण पाद अशुभ और रजत तथा ताम्र पाद शुभ माने जाते हंै। वास्तव में शनि की साढ़े साती व्यक्ति विशेष को सहनशील, धार्मिक, दानशील, कर्मशील बना देता है। इस दौरान उसे अपने-पराये की पहचान हो जाती है। राजा हरिश्चंद्र और राजा नल इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। शनि की ढैया व साढ़े साती शनि की साढ़े साती में शनि का प्रभाव साढ़े सात वर्ष तक लगातार रहता है जबकि ढैया में केवल ढाई वर्ष। ढैया में भी प्रायः जन्म कुंडली में शनि की शुभाशुभ स्थिति के अनुसार फल मिलता है। शनि शांति के उपाय- शनि की शुभ दशा हो, साढ़े साती शुभ हो या जन्म लग्न शनि के शुभ प्रभाव में हो तो उन्नति और सफलता प्राप्त होती है। शनि की अशुभावस्था में रोग, दुर्घटना, अपमान, पराजय, बंधु या जन्म स्थान से अलगाव, निर्धनता आदि की प्राप्ति होती है। अतः इस अवधि में शनि की शांति आवश्यक है। स शनिवार को दक्षिणमुखी हनुमान की प्रतिमा को सिंदूर व चोला चढ़ाकर राजा दशरथ कृत शनि स्तोत्र, हनुमत कवच या सुंदरकांड का पाठ करें और गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों को उड़द, काले तिल, काले वस्त्र, चर्म पादुका, लोहे की बनी वस्तुओं आदि का दान करना चाहिए। साथ ही तिल या तिल के तेल में बना भोजन करना चाहिए। शनि शांति- निम्न मंत्र का किसी शनि मंदिर में या शमी अथवा पीपल के पेड़ के नीचे रोज एक माला जप कर दान-धर्म करना भी शुभ होतेा है- ‘‘नमस्ते कोण संस्थाय पिंगलाय नमोस्तुते। नमस्ते बभ्रु रूपाय कृष्णाय च नमोस्तुते।। नमस्ते रौद्र-देहाय नमस्ते वातकाय च। नमस्ते यम संज्ञाय नमस्ते सौरये विभो।। नमस्तेमंद संज्ञाय नमस्ते शन्न्ौश्चर नमोस्तुते। प्रसादं करु मे देवेश दीनस्य प्रणस्तस्यच।’’ शनि अष्टक मंत्र का जप करना भी शुभ होता है। जाग्रत शनिधामों जैसे शनि मंदिर शिगणापुर, शनि धाम बिरझापुर, शनि धाम कोकिला वन, शनि धाम सिड़को, शनिमंदिर उज्जैन आदि में विधिपूर्वक शनि का पूजन करना भी शुभ होता है। काले घोड़े की नाल की अंगूठी या बिलायी (काली) की जड़ नियमानुसार धारण करें। गरीबों, वृद्धों, रोगियों और विधवाओं की आर्थिक सहायता व सेवा करने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है। शनि यंत्र को शनिवार या शनैश्चरी अमावस्या को पंचामृत, गंगा जल या तिल के तेल से धोकर प्राण-प्रतिष्ठा कर रोज शनि स्तोत्र, शनि चालीसा, हनुमान चालीसा आदि का पाठ करना चाहिए। ग्रह शांति यंत्र- प्रीं राहवे नमः प्रीं सूर्याय नमः प्रीं शुक्राय नमः प्रीं कुजाय नमः प्रीं गुरुवे नमः प्रीं शनैश्चराय नमः क्लीम् बुधाय नमः क्लीम् केतवे नमः प्रीं सोमाय नमः प्रातः शिवजी व पीपल को जल चढ़ाकर पूजन करने के पश्चात् इस यंत्र के आगे तेल का दीपक व धूप जलाकर नवग्रह स्तोत्र का एक माला जप रोज करने व ग्रह संबंधी दान करने से सभी ग्रह शांत होकर शुभ फल देते हैं। शिवजी का पूजन, व्रत तथा शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से शनि की खराब दशा का फल समाप्त हो जाता है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.