फेंग शुई

फेंग शुई  

प्रमोद कुमार सिन्हा
व्यूस : 6556 | मई 2013

फेंग शुई दो शब्दों फेंग एवं शुई का सम्मिश्रण है। चीनी भाषा में फेंग का अर्थ वायु तथा शुई का अर्थ जल होता है। जिस प्रकार हम वास्तु के सिद्धांतों का अपने गृह अथवा वाणिज्यिक भवन में अनुपालन एवं प्रयोग करके सुख, शांति एवं समृद्धि को आकर्षित करते हैं तथा आसन्न संकटों को टालते हैं ठीक उसी प्रकार चीन में फेंग शुई के सिद्धांतों का अनुपालन एवं प्रयोग, सुख, शांति एवं समृद्धि को आकर्षित करने तथा कष्ट एवं परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता रहा है।

फेंग शुई में सुखी जीवन के लिए पंचतत्वों के संतुलन को प्रधानता दी गई है। इसके सिद्धांतों के अनुरूप यदि इन पांचों तत्वों अर्थात् जल, अग्नि, पृथ्वी, लकड़ी और धातु का संतुलन हम अपने घर, भवन अथवा वातावरण में समंजित करते हैं तथा इनका सामंजस्य स्थापित करते हैं तो हम अतिरेक कष्ट एवं पीड़ा से मुक्ति पाने अथवा अच्छे भाग्य को आकर्षित करने में सफल हो सकते हैं।

फेंग शुई के पांचों तत्व कुछ विशेष महत्व रखते हैं और इनका कुछ खास दिशाओं पर स्वामित्व भी होता है। फेंग शुई के अनुसार लकड़ी का पूर्व, धातु का पश्चिम, जल का उत्तर, अग्नि का दक्षिण और पृथ्वी का दक्षिण-पश्चिम दिशा पर स्वामितत्व होता है। हमारे चारां तरफ जो ऊर्जायंे प्रवाहित हो रही हं उसका उपयोग एक खुशनुमा, स्वस्थ और समृद्ध जीवन के लिए किया जाए यही फेंग शुई का सिद्धांत है।

फंग शुई एक रहस्यमयी चीनी कला है जो ताओ सिद्धांत पर आधारित है। यह हमारे व्यक्तिगत वातावरण के सामंजस्य को संतुलित करता है। फेंग शुई के पांच तत्व चीनी दर्शन के अनुसार पूरा ब्रह्मांड पांच मूल तत्वों से निर्मित है- अग्नि, जल, काष्ठ, धातु और मिट्टी। ये पांचांे तत्व प्रकृति की शक्ति के साथ अपने जटिल अन्योन्याश्रित संबंधां तथा नाजुक संतुलन का प्रतिनिधित्व करते हैं।

वास्तु में इन तत्वां का सही ताल-मेल रखने पर उसमें रहने वालों का जीवन सुख, शांति एवं आनंदपूर्वक व्यतीत होता है अन्यथा दुख एवं परेशानी पीछे लगी रहती है। फेंग शुई के पंच महातत्व काष्ठ काष्ठ पोषण, पारिवारिक मानसिकता तथा लचीले स्वभाव का द्योतक है। यह प्रायः विकास से जुड़ा रहता हैै।

काष्ठ का सृजन करने वाले पुरूष ऊर्जावान होते हैं। ऐसे पुरूष नित्य नयी योजनाओं को जन्म देते हैं साथ ही प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण सफलता भी प्राप्त करते हैं। कलात्मकता की ओर इनका झुकाव होता है। इसके विपरीत काष्ठ की प्रतिकूलता रहने पर व्यक्ति धैर्यहीन और क्रोधी होते हैं।

वे जिस काम को आरंभ करते हैं उसे पूरा नहीं कर पाते। इस तत्व का रंग हरा, दिशा पूर्व और ऋतु वसंत है। यह पेड़-पौधे के विकास का सूचक है। इसकी आकृति सीधी आयताकार होती है। अग्नि अग्नि ऊर्जा से परिपूर्ण वातावरण, प्रेरणादायक, उत्साह से परिपूर्ण, बुद्धिमान एवं समझदार बनाती है।

यह प्रकाश, गर्माहट और खुशियां ला सकती है तो दाह, धमाका और विनाश भी कर सकती है। अग्नि तत्व सम्मान और न्याय का साथ देता है, किन्तु इसके विपरीत यह युद्ध और आक्रमण का साथ भी देता है। अग्नि का सृजन करने वाले पुरूष नेता और क्रियाशाील होते हैं।

इस तत्व की अनुकूलता रहने पर क्रियाशील, हंसमुख और धैर्यवान होते हैं। इस तत्व की प्रतिकूलता रहने पर असंयमी, शोषक और स्वार्थी किस्म के होते हं इसकी दिशा दक्षिण, रंग लाल और ऋतु ग्रीष्म है। गर्मी में यह तत्व सर्वाधिक समृद्धशाली होता है। इसकी आकृति त्रिभुजाकार है। पृथ्वी पृथ्वी तत्व प्रधान लोगों को दूसरे लोगांे का पोषण एवं सहायता करने में आनंद मिलता है।

ये भरोसेमंद, निष्ठावान, दयालु एवं विनम्र स्वभाव के होते हैं। इस तत्व के अनुकूल प्रभाव से प्रभावित लोग सहयोगी, व्यावहारिक, क्रियाशील, ईमानदार, धैर्यवान और निष्ठावान होते हैं जबकि प्रतिकूल प्रभाव से प्रभावित रहने पर छोटी-छोटी बातों पर चिंता करने वाले तथा सनकी स्वभाव के होते हैं साथ ही शोषक एवं परपीड़क होते हैं। इस तत्व का रंग पीला और स्थान केन्द्रीय माना गया है। इसका अस्तित्व पूरे वर्ष रहता है। इसकी आकृति वर्गाकार, घनाकार होती है।

धातु धातु का संबंध प्रचुरता तथा भौतिक सफलता से होता है। साथ ही यह स्पष्ट विचार, विस्तृत जानकारी के प्रति चैकसी से भी जुड़ा होता है। धातु प्रधान व्यक्ति भावी योजनाएं बनाने में सदैव आगे रहते हैं। साथ ही धातु प्रधान व्यक्ति भावी योजना में आनंद लेने वाले एवं सौंदर्य भरे वातावरण मं बेहतर काम करने वाले होते हैं अर्थात ये अच्छे प्रबंधक होते हैं।

ऐसे व्यक्ति बहुत ही धीर-गंभीर होते हैं तथा बहुत ही कठिनाई से किसी की भी मदद करने को राजी होते हं यह तत्व सफेद एवं सुनहरे रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इसकी दिशा पश्चिम तथा ऋतु शरद-पतझड़ है। पतझड़ या शरद मं काष्ठ तत्व कमजोर पड़ जाता है। धातु काष्ठ को नष्ट कर शक्तिशाली हो जाता है। इसकी आकृति गोलाकार, बेलनाकार होती है। जल जल तत्व सामाजिक क्रियाकलापों, दूरसंचार तथा बौद्धिकता को दर्शाता है। यह अंतः प्रेरणा से युक्त संवेदनशील होता है।

जल तत्व आंतरिकता, कला और खूबसूरती का प्रतीक है। इसका सृजन करने वाले व्यक्ति आध्यात्मिकता तथा अध्ययन में रूचि रखते हैं तथा इस तत्व वाले व्यक्ति बुद्धिजीवी व्यवहार कुशल शांतिप्रिय, सौन्दर्यप्रिय, सामाजिक और दूसरां के हमदर्द होते हैं।

साथ ही जल तत्व से प्रभावित व्यक्ति कूटनीतिक और अपने प्रभाव से काम निकालने वाले, दूसरों की मनोदशा के प्रति संवेदनशील होते हैं। वे जोखित उठाते हैं और लाभकारी समझौते करते हैं। इस तत्व का रंग काला एवं नीला, दिशा उत्तर एवं ऋतु शीत है। हिमपात के समय यह तत्व ज्यादा शक्तिशाली होता है। इसकी आकृति तरंग की तरह होती है।

जीवन में जरूरत है ज्योतिषीय मार्गदर्शन की? अभी बात करें फ्यूचर पॉइंट ज्योतिषियों से!



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.