क्रिस्टल की उपयोगिता
क्रिस्टल की उपयोगिता

क्रिस्टल की उपयोगिता  

यशकरन शर्मा
व्यूस : 8403 | दिसम्बर 2012

क्रिस्टल की उपयोगिता यशकरन शर्मा, फ्यूचर पाॅइंट सामान्य व्यक्ति के लिए स्फटिक हमेशा एक रहस्यमय या सामान्य पदार्थ ही बना रहा अ©र वे इसका लाभ नहीं उठा सके परंतु हाल ही में गहन वैज्ञानिक अनुसंधानों ने व रहस्य श¨धक चिकित्सकों ने सैकड¨ं प्रय¨गों से इसकी उपचारक शक्तियों और शरीर, मन एवं भावनाओं पर ह¨ने वाले आध्यात्मिक प्रभावों क¨ बखूबी स्थापित किया है। इसी कारण स्फटिक चिकित्सा ;ब्तलेजंस भ्मंसपदहद्ध एक अलग चिकित्सा पद्धति के रूप में फैलती जा रही है।

ईश्वरीय शक्ति एवं प्रकाश से भरपूर स्फटिक ;ब्तलेजंसद्ध का प्रय¨ग सदियों से ही हमारे संत महात्मा एवं सिद्ध व्यक्ति अपनी प्राण ऊर्जा क¨ विकसित करने तथा नकारात्मक भावनाओं, वातावरण एवं र¨गों से बचने के लिए विविध तरीकों से करते रहे हैं। प्राचीन काल में लगभग 30,000 वर्ष पहले के ल¨ग भी इसके जादुई गुणों क¨ पहचानते थे व अपनी प्रजा के र¨ग निदान के लिए इसका प्रय¨ग करते थे। एटलान्टिस नाम की प्रसिद्ध सभ्यता के ल¨गों के पास 25 फीट लम्बा अ©र 10 फीट च©ड़ा विशाल क्वाटर््ज क्रिस्टल था जिसके ऊर्जा क्षेत्र का प्रय¨ग करके वहाँ के ल¨गों की बीमारियों क¨ ठीक किया जाता था।

यह कुदरती हरफनम©ला पदार्थ द¨ प्राकृतिक तत्वों आॅक्सीजन व सिलिकॉन के मिश्रण से बना है। जब यह द¨नों तत्व गर्मी अ©र असह्य दबाव के साथ भूगर्भ में एक साथ जुडते हैं त¨ प्राकृतिक स्फटिक का निर्माण ह¨ता है। प्राकृतिक स्फटिक के निर्माण में कई स© वर्ष लग जाते हैं। एक मेडिकल डॉक्टर भ©तिक शरीर का उपचार करता है। एक मन¨चिकित्सक मन तथा भावों की चिकित्सा करता है अ©र आध्यात्मिक पुरूष आत्मा का उपचार करता है लेकिन एक उपचारक क¨ तन, मन अ©र भावनाओं तीनों क¨ संतुलित करके उनका उपचार करना चाहिए क्योंकि मनुष्य इन तीनों का संतुलित य¨ग है।

मानव शरीर ऊर्जा व्यवस्थाओं की शृंखला है अ©र जब क¨ई वस्तु शरीर के किसी भी क¨ष क¨ ऊर्जा पाने से र¨कती है या अवर¨ध डालती है त¨ वह क¨ष कमज¨र ह¨ जाता है अ©र वह मस्तिष्क क¨ अघिक ऊर्जा भेजने के लिए संदेश देता है। यदि मस्तिष्क उसकी प्रार्थना सुन लेता है अ©र उसके पास ज¨ पर्याप्त ऊर्जा ह¨ती है उसे भेज देता है त¨ वह क¨ष फिर से अपना कार्य सुचारू रूप से करने लगता है अन्यथा शरीर या उसका प्रभावित अंग बीमार पड़ जाता है अर्थात् शरीर का सार तत्व ऊर्जा है।

स्फटिक विभिन्न्ा प्रकार की ऊर्जाओं क¨ जैविक ऊर्जा में रूपान्तरित करने अ©र उसका विस्तार करने का कार्य करता है जिससे हमारी जैविक ऊर्जा पुनः शक्ति प्राप्त करती है अ©र संतुलित ह¨ जाती है। स्फटिक शरीर में र¨ग प्रतिर¨धक शक्ति का विकास कर प्राण शक्ति क¨ कई गुना बढ़ा देता है जिससे र¨गों से लड़ने की हमारी आन्तरिक क्षमता मजबूत ह¨ जाती है।



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