प्रत्येक ग्रह व देवी देवता की पूजा यंत्रों द्वारा भी की जाती है। यंत्र निर्माण इस विधि से किए होते हैं कि देवों से संबंधित शक्ति उनमें समाहित होती है। कलियुग में व्यक्ति हर काम यंत्रों से करना चाहता है जिससे कम से कम समय में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सके। यंत्र एक प्रकार से मानव के लिए सुरक्षा कवच का कार्य करते हैं। बिना विधि विधान द्वारा बनाए गये तथा बिना प्राण प्रतिष्ठा के यंत्रों का कोई अस्तित्व नहीं होता। यंत्र कागज पर, भोजपत्र पर, तांबे व सोना, चांदी पर बनाए जाते हैं। किसी योग्य व्यक्ति द्वारा शुद्ध व सिद्ध कराने पर आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त होते हैं। सभी यंत्रों को बनाने व शुद्ध करने के लिए मंत्रों का प्रयोग किया जाता है। मंत्र से यंत्र की शक्ति कई गुणा बढ़ जाती हैं यंत्रों को बनाने व शुद्ध करने में सही नक्षत्र, तिथि व योग का ध्यान रखना चाहिए। प्रश्न यह उठता है कि जातक किस यंत्र की पूजा करे? कुण्डली में जो ग्रह मारक या बाधक हो उस ग्रह की पूजा यंत्र द्वारा करे। विंशोत्तरी महादशा या अन्तर्दशा या प्रत्यंतर दशा जो अनिष्टकर हो उस ग्रह के यंत्र को उस समयावधि में जागृत करके पूजा स्थल में रखकर पूजन करने से जातक अनिष्टकारक समय में अनिष्ट से बच सकता है। सिद्ध यंत्र निर्दोष मशीन की तरह है। उसका प्रयोग सोच समझ कर केवल अपने कल्याण हेतु ही किया जाना चाहिए। यंत्र जागृत करने वाले साधक में साहस, धीरज, क्षमा व विवेक पर्याप्त मात्रा में होने चाहिए।
व्यूस : 663परिचय उपाय विचारविनय गर्गअक्सर यह प्रश्न उठता है कि ज्योतिष शास्त्र की उपयोगिता क्या है? क्या उपाय से ग्रहों के प्रभाव को ...देखे
Members Onlyव्यूस : 1352उपाय किसका करेंविनय गर्गकैसे जानें की किस ग्रह का अशुभ प्रभाव पड़ रहा है? जन्मपत्री के विश्लेषण द्वारा भी यह जाना जाता है ...देखे
Members Onlyव्यूस : 1547क्या उपाय करेंविनय गर्गकुण्डली में लग्न व चंद्रमा की स्थिति से व्यक्ति के स्वभाव का अंदाजा लगाइये। उसके स्वभाव के अनुकूल...देखे
Members Onlyव्यूस : 1520रत्न उपाय विचार भाग 1विनय गर्गजातक के भार के अनुसार आम तौर पर रत्न का वजन कम से कम 3 रत्ती तो होना ही चाहिए। फिर भी सामान...देखे
Members Onlyव्यूस : 1381रत्न उपाय विचार भाग 2विनय गर्गरत्न कितने वजन/रŸाी/कैरट का होना चाहिए? जिस रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है, वह कितने ...देखे
ज्योतिष उपायज्योतिष में संपूर्ण ज्ञान होते हुए भी तबतक वह अधूरा है जबतक कि उसके उपाय न मालूम हो। यह ठीक उसी तरह ...देखे
प्रारंभिक ज्योतिषआप ज्योतिष क्षेत्र में रूचि रखते हैं लेकिन सीखने का माध्यम अभी तक प्राप्त नहीं हुआ था या ज्योतिष में...देखे
रुद्राक्षरुद्राक्ष को भगवान शिव का अश्रु कहा गया है। शास्त्रों में रुद्राक्ष सिद्धिदायकए पापनाशकए पुण्यवर्धकए...देखे
सनातन धर्म और अध्यात्मज्योतिष पूर्णत: वैज्ञानिक हैं। ज्योतिष मानव कल्याण का एक बहुत बड़ा साधन हैं। इसका प्रयोग कर व्यक्ति स...देखे