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समस्या सम्बंधित उपाय (1 व्यूस)

जिस प्रकार एक डाॅक्टर मरीज की टेस्ट रिपोर्ट देखकर दवाई बताता है। एक दवाई के काम न करने पर दवाई बदलकर दूसरी दवाई देता है। इसका मतलब यह नहीं है कि पहली वाली दवाई बेकार है। लेकिन इस मरीज के लिए बेकार साबित हुई। एक दवाई के काम न करने पर हम पूरे मेडिकल विज्ञान को गलत नहीं कह सकते। उसी प्रकार एक ज्योतिषी व्यक्ति की जन्मपत्री देखकर कोई उपाय बताता है। यदि जातक को उस उपाय से लाभ नहीं होता तो हम पूरे ज्योतिष शास्त्र को गलत नहीं कह सकते। बीमारी का बगैर दवाई भी इलाज है, मगर मौत का कोई इलाज नहीं। विभिन्न बीमारियों का व कष्टों का ज्योतिष द्वारा जो उपाय बताये जाते हंै वह सुरक्षा की दूसरी पंक्ति के रूप में भी कार्य करते हैं। उपायों में प्रयुक्त होने वाले सामानों की गुणवत्ता पर भी यह निर्भर करता है कि उपाय कितना कारगर होगा। रत्न का निर्दोष व असली होना परम् आवश्यक है। दोषपूर्ण या नकली रत्न से लाभ की आशा नहीं की जा सकती। तंत्र में प्रयोग होने वाली वस्तुएं एवं रूद्राक्ष आदि का भी असली और दोषमुक्त होना बहुत जरूरी है। मंत्र में मंत्रोच्चार की शुद्धि बहुत जरूरी है। पूजा पाठ में आस्था बहुत जरूरी है। यंत्रों के प्रयोग में शुद्धि व प्राण प्रतिष्ठा बहुत जरूरी है। ईश्वर आराधना में भी व्यक्ति की आस्था और विश्वास से ही लाभ होता है। ”जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन वैसी“ ज्योतिष श्रद्धा, आस्था और विश्वास की वह त्रिवेणी है जिससे केवल श्रद्धावान ही लाभ प्राप्त कर पाते हैं।


ज्योतिष में संपूर्ण ज्ञान होते हुए भी तबतक वह अधूरा है जबतक कि उसके उपाय न मालूम हो। यह ठीक उसी तरह ...देखे

आप ज्योतिष क्षेत्र में रूचि रखते हैं लेकिन सीखने का माध्यम अभी तक प्राप्त नहीं हुआ था या ज्योतिष में...देखे

रुद्राक्ष को भगवान शिव का अश्रु कहा गया है। शास्त्रों में रुद्राक्ष सिद्धिदायकए पापनाशकए पुण्यवर्धकए...देखे

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