ग्रह का शुभ और अशुभ होना उनके नैसर्गिक गुण और राशि स्वामित्व पर निर्भर करता है कि वह किस भाव का स्वामी है। जबकि ग्रहों का बलाबल ज्ञात करने के लिए ग्रह की अवस्था जानना आवश्यक है। यह अवस्थाएं निम्न तीन प्रकार की होती हैं - 1. बालादि अवस्था 2. जाग्रतादि अवस्था 3. दीप्तादि अवस्था उपरोक्त बालादि और जाग्रतादि अवस्थाएं ग्रहों के अंश और उसकी आधिपत्य राशि पर निर्भर करती है। जबकि दीप्तादि अवस्थाएं उसके राशि पर निर्भर करती है। जैसे यदि कोई ग्रह उच्च का होगा तो उस ग्रह की अवस्था दीप्त अवस्था होगी यदि सूर्य से अस्त होगा तो कोपी अवस्था होगी इसी प्रकार ग्रह की 9 स्थितियां होती हैं और उस पर आधारित 9 प्रकार की दीप्तादि अवस्थाएं होती हैं जिसके आधार पर ग्रह का बलाबल ज्ञात किया जा सकता है।
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सनातन धर्म और अध्यात्मज्योतिष पूर्णत: वैज्ञानिक हैं। ज्योतिष मानव कल्याण का एक बहुत बड़ा साधन हैं। इसका प्रयोग कर व्यक्ति स...देखे