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मंत्र एवं उनकी उपयोगिताए (1942 व्यूस)

किसी भी ग्रह का मंत्र जपने से हम उस ग्रह को या ग्रह देवता को बार-बार नमस्कार करते हैं, पुकारते हैं, प्रार्थना करते हैं, जिससे वह प्रसन्न होते हैं और जातक का कल्याण करते हैं। जिस प्रकार हम मोबाइल फोन द्वारा जिस व्यक्ति का नम्बर मिलाते हैं वह जागृत होकर हमसे बात करता है उसी प्रकार मंत्रों द्वारा हम ग्रहों को जागृत करके उन्हें प्रसन्न करते हैं। एक बात का ध्यान रखिए कि पूजा कभी व्यर्थ नहीं जाती, कभी न कभी अपना फल जरूर देती है। ग्रहों का मंत्र जाप और पूजा बहुत ही सशक्त माध्यम है ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए। मंत्र जब यंत्र के आगे जपा जाता है तो उसके प्रभाव में कई गुणा वृद्धि हो जाती है। ¬ नमः शिवाय का जाप यदि रूद्राक्ष की माला पर किया जाए, तो कई गुणा ज्यादा प्रभावी होता है। इसी प्रकार लक्ष्मी पूजा व मंत्र जाप में कमलगट्टे की माला का प्रयोग करने पर लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं। विष्णु भगवान का मंत्र जाप तुलसी की माला पर किया जाता है। मंत्र जाप के दौरान आचार, विचार व व्यवहार में संयम बरतना चाहिए। मंत्रों से यंत्रों को जागृत किया जाता है और यंत्रों के जागृत होने पर मंत्र जाप का प्रभाव कई गुणा बढ़ जाता है।


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