वृक्ष का वास्तु में महत्व

वृक्ष का वास्तु में महत्व  

प्रमोद कुमार सिन्हा
व्यूस : 11746 | मार्च 2014

पर्यावरण को ठीक रखने के लिए घर के आस पास पेड़-पौधांे का होना आवष्यक है क्योंकि पेड़-पौधे ध्रुवीय आकर्षण से प्रभावित होकर हमारे पर्यावरण को शुद्ध एवं परिष्कृत करतेे हैं। कौन सा पौधा हमारे जीवन के लिए उपयोगी है और कौन सा पौधा लगाने से वास्तु दोष ठीक किया जा सकता है इसकी जानकारी के लिए कुछ तथ्य यहां प्रस्तुत हंै:

पीपल घर में पीपल का वृक्ष पष्चिम दिषा में श्रेष्ठ फल देने वाला माना गया है। जो लोग घरों में गमले में पीपल लगा कर उसकी पूजा करते हैं, उन्हें भी गमला घर के पष्चिम दिषा की तरफ रखना चाहिए। पीपल 24 घंटे आॅक्सीजन छोड़ता है। संभवतः आॅक्सीजन गैस की गति पूर्व और उत्तर दिषा की ओर होती है। यही कारण है कि पीपल का वृक्ष हमेषा मकान के पष्चिम दिषा में लगाना चाहिए।

अशोक वृक्ष का वास्तु में महत्व इस वृक्ष को घर के उत्तर में लगाना विषेष षुभ होता है। इसे घर में लगाने से घर में लगे हुए अन्य अषुभ वृक्षों का दोष समाप्त होता है। केले का वास्तु में महत्व घर की चारदीवारी में केले का वृक्ष षुभ होता है। यह वृक्ष ईषान क्षेत्र में अत्यधिक शुभ होता है। केले के पास ही तुलसी का पौधा हो तो यह और अधिक षुभ फल देने वाला होता है।

ईषान क्षेत्र में लगे हुए केले के पौधे के नीचे अध्ययन करने से वह अध्ययन व्यर्थ नहीं जाता है। कमल का वास्तु में महत्व घर के ईषान क्षेत्र में, मूल कोण को छोड़कर एक छोटा सा तालाब बनाकर उसमें कमल का पोषण करने से उस घर में लक्ष्मी का वास होता है और ईष्वर की कृपा से अमन-चैन बना रहता है। गूलर व पाकड़ का वास्तु में महत्व इसी प्रकार दक्षिण में गूलर और उत्तर दिषा में पाकड़ का पेड़ मंगलकारी होता है।

इसके विपरीत दिषा में रहने पर ये वृक्ष विपरीत फल देने वाले होते हैं। नारियल नारियल के वृक्ष का घर की सीमा में होना षुभ होता है। घर की सीमा में इस वृक्ष के रहने से वहां के रहने वालों की मान प्रतिष्ठा में वृद्धि एवं उन्नति होती है।

अनार घर में फल देने वाला अनार का पौधा षुभ होता है। किंतु इसे घर केे आग्नेय और नैर्ऋत्य कोणों में नहीं होना चाहिए। कुछ स्थानों पर अनार के वृक्ष का घर में होना अषुभ कहा गया है। किंतु यह नियम केवल बंजर जाति केे अनार पर लागू होता है। बरगद वास्तु की दृष्टि से यह एक और महत्वपूर्ण वृक्ष है।

किसी भी भवन अथवा प्रतिष्ठान के पूर्व में वट वृक्ष का होना अत्यंत षुभ होता है। सारी कामनाएं पूरी करता है। परंतु भवन पर इसकी छाया नहीं पड़नी चाहिए। वट वृक्ष का घर या प्रतिष्ठान के पष्चिम की तरफ होना अषुभ कहा गया है।

सीता फल सीता फल के पौधे का घर की सीमा में होना षुभ नहीं होता किंतु यदि यह घर की सीमा में उग आए तो इसे काटें नहीं बल्कि घर की सीमा मेें ही एक आंवले का एवं एक फल देने वाले अनार का पौधा लगा दें, इससे इसका अषुभत्व नष्ट हो जाता है। आंवले वास्तु की दृष्टि से आंवले के वृक्ष का घर की सीमा मेें होना षुभ होता है।

इस वृक्ष को लगाने से अषुभ वृक्षों का अषुभ फल भी नष्ट होता है। जामुन वास्तु की दृष्टि से जामुन के वृक्ष का घर की सीमा के दक्षिण में होना षुभ कहा गया है। अन्य दिषाओं में इसका होना सम फलदायी होता है। घर के उत्तर में जामुन वृक्ष होने से उसके साथ एक अनार अथवा आंवला भी अवष्य लगाएं।

आम वास्तु की दृष्टि से आम का वृक्ष घर की सीमा में षुभ नहीं माना गया है। फिर भी यदि यह हो तो इसे काटना नहीं चाहिए बल्कि नित्य इसकी जड़ों में काले तिल डाल कर जल चढ़ाना चाहिए। साथ ही घर की सीमा में ही निर्गुंडी का एक पौधा लगा देना चाहिए। ऐसा करने से इसका अषुभत्व समाप्त हो जाता है।

जीवन में जरूरत है ज्योतिषीय मार्गदर्शन की? अभी बात करें फ्यूचर पॉइंट ज्योतिषियों से!



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.