शत्रुनाशिनी श्री बगलामुखी का परिचय

शत्रुनाशिनी श्री बगलामुखी का परिचय  

व्यूस : 6240 | मार्च 2009
शत्रुनाशिनी श्री बगलामुखी का परिचय व्यष्टिरूप में शत्रुओं का शमन करने की इच्छा रखने वाली तथा समष्टिरूप में परमात्मा की संहार शक्ति ही बगला है। पीतांबरा विद्या के नाम से विखयात बगलामुखी की साधना प्रायः शत्रु भय से मुक्ति और वाक् सिद्धि के लिए की जाती है। इनकी उपासना में हरिद्रा माला, पीत पुष्प एवं पीत वस्त्र का विधान है। महाविद्याओं में इनका स्थान आठवां है। ''काला तारा महाविद्या षोडशी भुवनेश्वरी। भैरवी छिन्नमस्ता च विद्या घूमावती तथा। बगला सिद्धविद्या च मातंगी कमलात्मिका एता दश महाविद्याः सिद्धविद्याः प्रकीर्तिताः।'' इनके ध्यान में बताया गया है कि ये सुधा समुद्र के मध्य स्थित मणिमय मंडप में रत्नमय सिंहासन पर विराजमान हैं। ये पीत वर्ण के वस्त्र, पीत आभूषण तथा पीले पुष्पों की माला धारण करती हैं। इनके एक हाथ में शत्रु की जिह्ना और दूसरे हाथ में मुद्गर है। बगलामुखी की साधना में बगलामुखी यंत्र का विशेष महत्व है। इस यंत्र को सिद्ध कर घर या कार्यालय में रखने से शत्रुओं का प्रभाव क्षीण हो जाता है। स्वतंत्र तंत्र के अनुसार भगवती बगलामुखी के अवतरण की कथा इस प्रकार है। सत्य युग में संपूर्ण जगत् को नष्ट करने वाला भयंकर तूफान आया। प्राणियों के जीवन पर आए संकट को देख कर भगवान महाविष्णु चिंतित हो गए। वह सौराष्ट्र देश में हरिद्रा सरोवर के समीप जा कर भगवती को प्रसन्न करने के लिए तप करने लगे। श्री विद्या ने उस सरोवर से बगलामुखी रूप में प्रकट हो कर उन्हें दर्शन दिया तथा विध्वंसकारी तूफान का तुरंत स्तंभन कर दिया। भगवान विष्णु के तेज से युक्त होने के कारण बगलामुखी महाविद्या वैष्णवी हैं। मंगलवारयुक्त चतुर्दशी की अर्ध रात्रि में इनका अवतरण हुआ था। इस विद्या का उपयोग दैवी प्रकोप की शांति और समृद्धि के लिए पौष्टिक कर्म के साथ-साथ आभिचारिक कर्म के लिए भी होता है। यह भेद केवल प्रधानता के अभिप्राय से है; अन्यथा इनकी उपासना भोग और मोक्ष दोनों की सिद्धि के लिए की जाती है। यजुर्वेद की काठक संहिता के अनुसार दसों दिशाओं को प्रकाशित करने वाली, सुंदर स्वरूपधारिणी विष्णु पत्नी त्रिलोक जगत् की ईश्वरी मानोता कही जाती है। स्तंभनकारिणी शक्ति व्यक्त और अव्यक्त सभी पदार्थों की स्थिति का आधार पृथ्वीरूपा शक्ति है। बगला उसी स्तंभनशक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं। शक्तिरूपा बगला की स्तंभन शक्ति से द्युलोक वृष्टि प्रदान करता है। इसी शक्ति से आदित्य मंडल ठहरा हुआ है और इसी से स्वर्ग लोक भी स्तंभित है। भगवान श्री कृष्ण ने भी गीता में 'विष्टभ्याहमिदं कृत्स्नमेकांशेन स्थितो जगत्' कह कर इसी शक्ति का समर्थन किया है। तंत्र में वही स्तंभन शक्ति बगलामुखी के नाम से जानी जाती है। श्री बगलामुखी को 'ब्रह्मास्त्र' के नाम से भी जाना जाता है। ऐहिक या पारलौकिक देश अथवा समाज में अरिष्टों के दमन और शत्रुओं के शमन में बगलामुखी के मंत्र के समान कोई मंत्र फलदायी नहीं है। चिरकाल से साधक इन्हीं महादेवी का आश्रय लेते आ रहे हैं। इनके बड़वामुखी, जातवेदमुखी, उल्कामुखी, ज्वालामुखी तथा बृहद्भानुमुखी पांच मंत्र भेद हैं। कुंडिका तंत्र में बगलामुखी के जप के विधान पर विशेष प्रकाश डाला गया है। मुंडमाला तंत्र में तो यहां तक कहा गया है कि इनकी सिद्धि के लिए नक्षत्रादि विचार और कालशोधन की भी आवश्यकता नहीं है। बगला महाविद्या ऊर्ध्वाम्नाय के अनुसार ही उपास्य हैं। इस आम्नाय में शक्ति केवल पूज्या मानी जाती है, भोग्या नहीं। श्रीकुल की सभी महाविद्याओं की उपासना, गुरु के सान्निध्य में रह कर सतर्कतापूर्वक, सफलता की प्राप्ति होने तक, करते रहना चाहिए। इसमें ब्रह्मचर्य का पालन और बाहर-भीतर की पवित्रता अनिवार्य है। सर्वप्रथम ब्रह्मा जी ने बगला महाविद्या की उपासना की थी। ब्रह्मा जी ने इस विद्या का उपदेश सनकादिक मुनियों को दिया। सनत्कुमार ने देवर्षि नारद को और नारद ने सांखयायन नामक परमहंस को इसका उपदेश दिया। सांखयायन ने 36 पटलों में उपनिबद्ध बगला तंत्र की रचना की। बगलामुखी के दूसरे उपासक भगवान विष्णु और तीसरे उपासक परशुराम हुए तथा परशुराम ने यह विद्या आचार्य द्रोण को दी। मां बगलामुखी का मुखय पीठ दतिया में ग्वालियर व झांसी के मध्य है। यह पीतांबरा शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध है। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश में वनखंडी, गंगरेट और कोटला में, मध्य प्रदेश में नलखेड़ा में, छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव में, उत्तर प्रदेश में वाराणसी में और महाराष्ट्र में मुंबई में मुम्बादेवी नाम से इनके मुखय शक्तिपीठ हैं।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.