सर्पदोष : शमन के उपाय

सर्पदोष : शमन के उपाय  

शुभेष शर्मन
व्यूस : 8058 | मार्च 2013

ज्योतिष में भिन्न-भिन्न दोषों का वर्णन है। इसमें एक सर्पदोष है। सर्प भी काल का ही रूप है तथा भय का प्रतीक है। सर्प हमारे यहां धन का रूप भी माना गया है। कुबेर को भी सर्प रूप मं माना गया है। सर्प रूप को पित्रां का रूप माना गया है। भगवान शिव के आभूषण सर्प होते हैं और भगवान विष्णु सर्प शय्या पर सोते हैं। विष्णु भगवान के वाहन गरुड़ तथा सर्प में कटुता होती है। गरुड़ और सर्प आपस में वैर होने पर भी वैर नहीं रखते। सर्परूप में पित्र प्रसन्न हों तो वंश वृद्धि जिसका कारक केतु है। पितृ पूजा करने से संभव है। संपूर्ण भारत में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में नाग पूजनीय है। मूल अर्थ में जायंे तो भगवान शिव भगवान विष्णु और पितरों को प्रसन्न करके सर्प दोष को दूर किया जा सकता है। माना जाता है

कि भूगर्भ में छिपी हुई संपदा भी सर्प देता है। कहीं-कहीं चर्चा आती है या लोगों को भ्रम होता है कि सर्प दोष नया है। जिस प्रकार सर्प, भगवान शिव, विष्णु आदि अनादि हैं वैसे ही सर्प दोष का भी पूर्व से ही रामायण में वर्णन है कि मेघनाद ने लक्ष्मण को नागपाश में बांध लिया था। ज्योतिष गणना अनुसार राहु केतु के मध्य ग्रह आ जाने पर कालसर्प योग घटित होता है। राहु के साथ सूर्य के होने पर सूर्य ग्रहण योग बनता है। ज्योतिष शास्त्र में सोलह महा दोषों का वर्णन है जो सभी राहु-केतु की सन्धि से बनता है। गुरु राहु से चांडाल, शुक्र राहु अलक्ष्मी, मानसिक विकृति योग, बुध राहु से अपरिपक्व योग आदि-आदि। चंद्र केतु से चंद्र ग्रहण दोष: तो विचार यह हुआ की राहु की संगति मात्र से ज्योतिष शास्त्र में कई दोषों की गणना हुयी तो सभी ग्रह राहु केतु के मध्य आने से बारह प्रकार के कालसर्प दोष बनते हैं।

इन दोषों के समाधान के लिये भिन्न-भिन्न उपाय प्रचलन में हैं जिनमें शास्त्रीय, लोकोचार और टोटकों के रूप में लोग करते हैं। उपाय करके दोष को अच्छे रूप में परिवर्तित करते हैं उसके लिये आठ प्रकार के मंत्रों का जाप करना पड़ता है। विष्णु, 31 हजार भगवान शिव, 21 हजार। राहु व केतु सवा-सवा लाख मंत्र करें। नीलकण्ठ स्तोत्र के सात सौ पाठ पितृ गायत्री ग्यारह हजार व ब्रह्म गायत्री 11 हजार। नवनाग स्तोत्र व हनुमान चालीसा के पाठ करने पर साढ़े तीन लाख मंत्र जप। इन सभी मंत्रों का जाप करने से पूर्व दोषवाले व्यक्ति की जन्मपत्री एक सफेद वस्त्र पर श्वेत तिल से बनाकर तांबे के बारह भावों के बारह कलशों को सोने-चांदी के सर्प रखकर शुभ मुहूर्त में प्रारंभ कर दस दिन के अंदर मंत्र पूरा करके गंगा किनारे हवन आदि करके ताम्र कलशों को सर्प सहित गंगा जी में विसर्जन कर दें। मंत्र का अनुष्ठान किसी भी देवालय में गंगा किनारे योग्य ब्राह्मणों द्वारा पूरी करें।

इस प्रयोग को घर में कदापि न करें। जातक पूजा में सफेद व क्रीम वस्त्र पहनें और गंगा में स्नान के वस्त्र वहीं त्याग दें नये वस्त्र धारण करके आयें। उपाय: एक वर्ष तक 11 माला ऊँ नमः शिवाय तथा ऊँ नमो नारायणाय 11-11 माला एक वर्ष तक जपने से दोष दूर हो जाता है और शुभ फल प्राप्त होने लगते हैं। इस मंत्र के अलावा पक्षी व चीटियों को तिल, चावल व मीठा भोजन भी देना चाहिए। अन्य उपाय: कांसे के बर्तन में चार-चार ग्राम वजन के सोने व चांदी के सर्प घी अथवा आटे के हलवे में दबाकर अमावस्या या पूर्णमासी अथवा शुभ योग में शनिवार को शनि का दान लेने वाला या तीर्थ पुरोहित को दान देने से दोष का निवारण होता है।

महा शिवरात्रि में कालसर्प दोष की शांति के उपाय बसंत कुमार सोनी नाग पंचमी को काले सर्प के जोड़े को नाग भूमि क्षेत्र में मुक्त करने से भी निवारण होता है। नाग क्षेत्र नीलकंठ से नीचे जहां-जहां नीलकंठ भगवान हैं उसी जंगल में सर्प जोड़ा छोड़ं। नागपंचमी के दिन संपेरा को दूध, वस्त्र और सर्प को दूध पिलाना चाहिए। दान देने, सर्प को जंगल में मुक्त करने से भी कालसर्प दोष का निवारण होता है। विशेष: इन सभी उपाय व प्रयोग करने से पूर्व किसी विद्वान की सलाह अवश्य ले लें।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.