अनाजों में राजा

अनाजों में राजा  

व्यूस : 5750 | जून 2006
अनाजों में राजा डाॅ. वेद प्रकाश गर्ग मंडुआ को अलग-अलग राज्यों में कोदो/ कौदरा /मंडुआ ;थ्पदहमत डपससमजद्ध के नाम से जाना जाता है। इसे पहाड़ी प्रदेशों में अनाजों का राजा कहते हैं। इस लेख से जानिए इस अनाज से दूर होने वाले रोग... डुआ बाजरे के परिवार का एक सदस्य है। इसके दाने राई के रंग के या फिर काले रंग के होते हैं। इसका आटा काले रंग का होता है। यह अनाज अफ्रीका में प्राकृतिक रूप से उगता है। भारत में इसका आगमन करीब 3000 वर्ष पहले हुआ था। यह भारत के हर राज्य में उगाया जाता है। हिमालय में भी इसको करीब 7000 फुट की ऊंचाई पर उगाया जाता है। मंडुआ को लंबे समय तक बिना खराब हुए रख सकते हैं। इस पर कीड़ों और फफूंदी आदि का असर नहीं होता है। किसानों के लिए यह अनाज खासकर उपयोगी है। विशेषकर तब जब अन्य अनाजों की कमी हो या अकाल पड़े। उस समय यह बहुत बहमूल्य आहार बन जाता है। मंडुआ को उगाने के लिए न तो बहुत उपजाऊ जमीन की जरूरत है और न ही अधिक पानी की। जब से हमारे देश के किसानों एवं अन्य लोगों ने मंडुआ को उगाना कम कर दिया है और रोजाना के भोजन में इसका उपयोग करना बंद कर दिया है, तब से देशवासी इसकी भारी कीमत चुका रहे हंै। भोजन में इसे प्रयोग करने के फायदों से भारत के उत्तरी भागों में पहाड़ों के बड़े-बूढ़े परिचित हैं। देश के बुद्धिजीवी, चि¬िकत्सक, वैद्य, हकीम इस अनाज के गुणों से अनभिज्ञ हैं। मंडुआ को 6 माह के शिशु, बढ़ते हुए बच्चे, छात्र एवं छात्राएं, गर्भवती महिलाएं और रोगों से पीड़ित व्यक्ति और 100 वर्ष के बूढे़ सभी नियमित प्रयोग कर सकते हैं।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.