यदि मनुष्य को जीवन में लक्ष्मी
को प्राप्त करना है तो अष्टलक्ष्मी
रहस्य जानना आवश्यक है और
इनकी उपासना करना आवश्यक
है। इसका शास्त्रों में वर्णन एवं मंत्र
निम्नलिखित रूप में प्राप्त होते हैं:
1. धन लक्ष्मी: लक्ष्मी के इस स्वरूप
की आराधना करने से रूपये पैसे के
रूप में लक्ष्मी की प्राप्ति होती है तथा
स्थिति ऐसी बनती है कि रूपये पैसे
का आगमन होता है तथा इस रूपये
पैसे में बरकत होती है व्यर्थ में व्यय
नहीं होता है।
मंत्र: ऊँ आद्य लक्ष्म्यै नमः।।
2. यश लक्ष्मी - लक्ष्मी के इस
स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को
समाज में सम्मान, यश, ऐश्वर्य की
प्राप्ति होती है, इनकी आराधना करने
से व्यक्ति में विद्वत्ता, विनम्रता आती
है। अन्य लोग जो शत्रुता रखते हांे
उनका भी व्यवहार प्रेममय हो जाता
है।
मंत्र: ऊँ विद्यालक्ष्म्यै नमः ।।
3. आयु लक्ष्मी: लक्ष्मी के इस
स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति
दीर्घायु को प्राप्त करता है और रोगांे
से बचाव होता है। यदि व्यक्ति सदैव
रोगग्रस्त या मानसिक रूप से परेशान
हो तो उसे इस लक्ष्मी की आराधना
अवश्य करनी चाहिये।
मंत्र - ऊँ सौभाग्यलक्ष्म्यै नमः।।
4. वाहन लक्ष्मी: लक्ष्मी के इस रूप की पूजा करने से व्यक्ति के घर में
वाहन इत्यादि रखने की इच्छा पूर्ण
होती है। इसी के साथ-साथ इन
वाहनों का समुचित प्रयोग भी होता
है क्योंकि कई बार ऐसा भी देखने में
आता है कि घर में वाहन तो है पर
उनका प्रयोग नहीं हो पाता है।
मंत्र: ऊँ वाहन लक्ष्म्यै नमः ।।
5. स्थिर लक्ष्मी: लक्ष्मी के इस
स्वरूप की पूजा करने से घर
धन-धान्य से भरा रहता है। वास्तव
में यह अन्नपूर्णा देवी की घर में
स्थाई निवास की पद्धति है।
मंत्र: ऊँ अन्न लक्ष्म्यै नमः ।।
6. सत्य लक्ष्मी - लक्ष्मी के इस
स्वरूप की पूजा करने से मनोनुकूल
पत्नी की प्राप्ति होती है या यदि
पत्नी पूर्व से हो तो वह व्यक्ति के
मनोनुकूल हो जाती है और वह मित्र,
सलाहकार बनकर जीवन में पूर्ण
सहयोग देती है।
मंत्र: ऊँ सत्यलक्ष्म्यै नमः ।।
7. संतान लक्ष्मी: इस लक्ष्मी की
पूजा करने से संतानहीन दंपत्ति को
संतान की प्राप्ति होती है। इसी के
साथ-साथ यदि पूर्व से संतान हो
पर वह दुष्ट, अशिक्षित, परेशान करने
वाली हो तो सुधर जाती है।
मंत्र: ऊँ भोगलक्ष्म्यै नमः ।।
8. गृह लक्ष्मी: इस लक्ष्मी की पूजा
करने से जिनके पास अपने स्वयं के
घर न हो उनको घर की प्राप्ति होती
है या घर हो पर उसमंे रह न पा रहे
हों या उनके निर्माण में कठिनाई हो
रही हो इससे मुक्ति मिलती है।
मंत्र: ऊँ योगलक्ष्म्यै नमः ।।
दीपावली के दिन इन आठों लक्ष्मी
की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते
हुये प्रत्येक लक्ष्मी मंत्र के 108
पाठ कमलगट्टे की माला से करें।
अष्टलक्ष्मी की कृपा वर्ष भर बनी
रहेगी।