अंकों का महत्व बड़ा ही आश्चर्यजनक है। संसार का कोई भी क्षेत्र हो अंकों के अभाव में महत्वहीन ही रहता है। आज वैज्ञानिक उपग्रह छोड़ रहे हैं। यह गणना का ही खेल है कि अमुक दूरी पर स्थित कक्षा में वह उपग्रह किस गति से जाकर कितने समय में निर्देशित कक्षा में पहुंच पाता है। आर्थिक लेन-देन का क्षेत्र हो या ग्रह दोष-शांति के लिए मंत्रों का जप सभी संख्या आधारित हैंै। हमारा ज्योतिष का विशाल आकाश भी अंकों से अछूता नहीं है।
वर्षों पूर्व अंकविज्ञान ज्योतिष क्षितिज पर एक अलग शाखा के रूप में विकसित हुआ। मात्र अंक विज्ञान के आधार पर अर्थात जन्मतिथि, नाम, महीना, ग्रहांक आदि के अनुसार भविष्य बताने का काम शुरू हुआ। मूलांक, भाग्यांक और नामांक की व्याख्या की गई। अंग्रेजी के वर्णाक्षरों के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित किये गये हैं। अंक ज्योतिष के विद्वानों में कीरो, सेफेरियल, पाइथागोरस का नाम मुख्य रूप से लिया जाता है। ग्रहों के लिए अंक निर्धारित किये गये हैं। कीरो का नाम वर्तमान समय में प्रखरता से लिया जाता है। इनके अनुसार किसी संख्यावाचक राशि को एकल अंक में बदला जा सकता है।