ऐसे करें जीवनसाथी का चुनाव

ऐसे करें जीवनसाथी का चुनाव  

सीताराम सिंह
व्यूस : 6693 | अप्रैल 2014

वर्तमान समय में भौतिकवादी विचारधारा से पूरी दुनिया प्रभावित है। आज हर व्यक्ति अति महत्त्वाकांक्षा का शिकार है तथा सबकी यही अभिलाषा होती है कि जीवन में हर सुख का उपभोग करें चाहे योग्यता का स्तर जो कुछ भी हो। इसी सोच ने पति/पत्नी दोनों के आत्मनिर्भर होकर आर्थिक उपार्जन के लिए कार्य करने की परिपाटी को जन्म दिया है ताकि घर गृहस्थी सुखमय चले तथा कभी अर्थाभाव महसूस न हो। इसके अच्छे-बुरे दोनों पहलू हैं। एक ओर तो पति-पत्नी दोनों की सम्मिलित आय से जीवन में हर भौतिक सुख प्राप्त होता है तथा पैसे की कभी कठिनाई उपस्थित नहीं होती तो दूसरी ओर इसका दुष्प्रभाव यह है कि पत्नी को घर एवं बाहर कार्य संपादित करने की दोहरी जिम्मेवारी से दो-चार होना पड़ता है।

ऐसी स्थिति में कई बार ये दोहरा दबाव एवं तनाव नहीं झेल पातीं तथा इसका हश्र लड़ाई-झगड़े, तनाव, पारिवारिक विखंडन के रूप में अति भयावह होता है। अतः इससे बचने डाॅ. मनोज कुमार के लिए आवश्यक है कि जीवनसाथी के चुनाव में सतर्कता बरती जाय। फेंगशुई में अनेक तरीके बताए गए हैं जो अति उपयोगी हैं तथा इनके अनुपालन से मनोनुकूल जीवन साथी प्राप्त हो सकते हैं जिसके साथ जिंदगी सौहार्दपूर्ण एवं सामंजस्यपूर्ण चल सकती है। इन्हीं तरीकों में से एक है तात्विक अनुकूलता के अनुसार जीवनसाथी का चयन जिसका विवेचन इस आलेख में किया जा रहा है। अग्नि-अग्नि अग्नि तत्व वाले लोग अति उत्साही एवं रचनात्मक रवैये के साथ ही आशावादी होते हैं। अग्नि तत्व के दो लोगों का आपसी संबंध काफी गहरा होता है।

अग्नि तत्व का एक साथी अग्नि तत्व के दूसरे साथी की अच्छी विशेषताओं एवं गुणों को उजागर करने में काफी सहायता करता है। दोनों की जोड़ी अति उत्तम होती है एवं दोनों में गहरा प्यार, सौहार्द, सहिष्णुता होती है तथा ये कभी एक-दूसरे से नहीं थकते। अग्नि-पृथ्वी अग्नि एवं पृथ्वी की जोड़ी भी काफी अच्छी एवं संगत जोड़ी होती है। दोनों साथी सदैव एक दूसरे का उत्साहवर्द्धन करते रहते हैं तथा सकारात्मक प्रशंसा से मनोबल बढ़ाते रहते हैं। अग्नि की उच्च कल्पनाशक्ति पृथ्वी की संवेदना के साथ मिलकर अति सफल जोड़ी का निर्माण करती है जो हर स्तर पर सफल होती है तथा मिलकर सुख, समृद्धि एवं सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। अग्नि-धातु अग्नि में धातु को गला देने की क्षमता होती है, अतः यह संबंध अनुकूल नहीं है। धातु तत्व वाले अपने विचार अग्नि तत्व वालों पर थोपने की कोशिश करते हैं जिसकी परिणति हानिकारक होती है।


Book Durga Saptashati Path with Samput


इस कारण से अग्नि तत्व वालों का अहं धीरे-धीरे धातु तत्व वालों पर हावी होकर उसे समाप्त कर देता है। यदि किसी कारणवश ऐसी जोड़ी बन ही गई है तो संबंधों की नकारात्मकता खत्म करने के लिए दंपत्ति को दक्षिण-पूर्व दिशा में एक मिट्टी की मूर्ति, बिना जल वाले पर्वत की तस्वीर तथा धातु का हरा पिरामिड रखना चाहिए। अग्नि-जल अग्नि एवं जल पारस्परिक शत्रु हैं तथा दोनों एक-दूसरे की गति को मंद करते हैं अतः यह संबंध काफी दुरूह है एवं त्याज्य है। यद्यपि कि जल तत्व वाला व्यक्ति अग्नि तत्व वाले की सृजनशीलता, रचनात्मकता एवं ऊर्जा की वृद्धि में सक्षम है तथा दूसरी ओर अग्नि तत्व वाले में जल तत्व वालों को प्रेरणा प्रदान करने की योग्यता है।

इन सबके बावजूद दोनों एक-दूसरे के समक्ष अपनी आंतरिक एवं अंतरंग भावनाओं को प्रकट करने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे तो ऐसी जोड़ी बननी ही नहीं चाहिए किंतु यदि ये दंपत्ति बन ही गए हैं तो संबंधों की कटुता को दूर करने एवं प्रेमपूर्ण संबंध स्थापित करने के लिए इन्हें घर में काष्ठ तत्व की वस्तुएं रखनी चाहिए। घर के दक्षिण-पूर्व में अभिमंत्रित अष्टकोणीय पिरामिड एवं हरे पौधे रखना भी लाभकारी साबित होगा। अग्नि-काष्ठ अग्नि एवं काष्ठ तत्व के लोगों के संबध उपयुक्त एवं संगत हैं। काष्ठ तत्व वाले अग्नि तत्व वालों की अधीरता को नियंत्रित कर उन्हें स्थायित्व प्रदान करते हैं। अग्नि तत्व वाले अपनी ऊर्जा एवं उत्साह से काष्ठ तत्व वालों के लिए उत्प्रेरक बनकर उनका तब तक उत्साहवर्द्धन करते हैं जब तक कि वह सफलता की सीढ़ी न पार कर ले। दोनों ही अति आशावादी होते हैं तथा सदैव नए विचारों एवं अवधारणाओं की तलाश में रहते हैं। पृथ्वी-पृथ्वी यह संबंध अति सकारात्मक है

क्योंकि दोनों साथी समाज में उच्च हैसियत बनाने के लिए हमेशा एक-दूसरे की अपेक्षाओं, आकांक्षाओं एवं आवश्यकताओं का ध्यान रखते हैं। दूसरे लोगों को इनका संबंध फीका एवं उदासीन नजर आ सकता है किंतु यथार्थ में इनका संबंध काफी गहरा, मजबूत एवं भावुक होता है। चूंकि दोनों ही जिद्दी होते हैं इसलिए समस्याएं इनके बीच भी होती हैं किंतु एक-दूसरे के प्रति असीम प्यार एवं अच्छाई की भावना के कारण ये इन अस्थायी समस्याओं पर आसानी से निजात पा लेते हैं। पृथ्वी-धातु यह मेल अति उत्तम है क्योंकि दोनों साथी एक-दूसरे को सहयोग एवं सम्मान देते हैं तथा उनके कार्यों की प्रशंसा करते हैं। धातु तत्व वाले लोग प्राकृतिक रूप से अति धैर्यवान होते हैं इसीलिए यह संबंध चिरस्थायी होता है क्योंकि पृथ्वी तत्व वाले निर्णय लेने में काफी देर करते हैं तथा इंतजार करवाते हैं।

धातु तत्व वाले पृथ्वी तत्व वालों को आश्चर्यचकित करने वाले अवसर प्रदान करते हैं, दूसरी ओर पृथ्वी तत्व वाले धातु तत्व के अपने साथी के आर्थिक मामलों की बेहतर प्रबंधन करते हैं ताकि यह संबंध आर्थिक रूप से भी सुदृढ़ हो। पृथ्वी-जल यह संबंध अति दुष्कर है अतः पूर्णतया त्याज्य है। दोनों साथी सदैव एक-दूसरे की भावनाओं को आहत करते रहते हैं। यद्यपि कि पृथ्वी तत्व वाला साथी जल तत्व वाले को स्थायित्व प्रदान करता है जिसका कि उसमें अभाव रहता है। किंतु पृथ्वी तत्व वाले का जिद्दी स्वभाव भावुक जल तत्व वाले साथी का दिल तोड़ता रहता है। परिणाम स्वरूप आपस में प्रेम एवं सामंजस्य नहीं रहता। यदि ये दंपत्ति बन ही गए हैं तो तनाव को कम करने हेतु इन्हें घर में धातु की वस्तुएं रखनी चाहिए। पश्चिम एवं उत्तर-पश्चिम में विंड चाइम लगाना तथा धातु की मूर्ति लगाना भी अति लाभदायक होता है। पृथ्वी-काष्ठ पृथ्वी एवं काष्ठ का आपसी संबंध उपयुक्त नहीं है।


Book Navratri Maha Hawan & Kanya Pujan from Future Point


काष्ठ पृथ्वी के संपर्क में आने पर शक्तिहीन हो जाता है, अतः यह संबंध निभाना कठिन है। हालांकि एक ओर जहां पृथ्वी स्थिर, संतुलित एवं चैकन्ना रहती है वहीं दूसरी ओर काष्ठ उन्नतिशील, मिलनसार एवं मूल्यवान है। अतः इस संबंध में यदि दोनों साथी एक-दूसरे की बुराई एवं कमी निकालने की भावना का परित्याग कर सहयोगी रवैया अपनाएं तो इस संबंध को सफल बना सकते हैं। इस संबंध को मधुर एवं प्रगाढ़ बनाने के लिए दंपत्ति अग्नि तत्व की वस्तुएं घर में लगाएं। ड्राइंग रूम की दक्षिणी दीवार पर फीनिक्स के चित्र तथा अभिमंत्रित लाल पिरामिड लगाना भी अति लाभदायक है। धातु-धातु यह संबंध अति उपयुक्त एवं शक्तिशाली है क्योंकि दोनों साथी एक दूसरे से अगाध प्रेम करते हैं। यदा-कदा इन्हें भी अपने संबंधों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है

किंतु शीघ्र ही मिल-बैठकर आपसी बातचीत के द्वारा ये आपसी समस्याएं सुलझा लेते हैं। धातु-जल यह संबंध अति उत्तम एवं शक्तिशाली है जिसमें दोनों साथी सदैव एक दूसरे की सहायता करते हैं। दोनों साथी आत्मबोध, अंतप्र्रज्ञा एवं भावनाओं से निर्देशित होकर अचेतन स्तर पर भी विचारों एवं भावनाओं का आदान-प्रदान करने में सक्षम होते हैं। धातु तत्व वाला साथी जल तत्व वाले साथी को यह समझाता है कि उसे जल्दी किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए तथा दोनों को मिलकर तथा सोच-समझकर हर निर्णय लेना चाहिए। दूसरी ओर जल तत्व वाला साथी धातु तत्व वाले साथी को यह समझाता है कि उचित समय पर उचित निर्णय लेना आवश्यक है तथा समय की गति के साथ ही आगे बढ़ने में समझदारी है। धातु-काष्ठ यह संबंध अति मुश्किल एवं कष्टकारी है क्योंकि दोनों साथी एक-दूसरे पर हावी होने की कोशिश करते हैं

तथा एक-दूसरे की भावनाओं की कद्र नहीं करते। काष्ठ तत्व वाला साथी यद्यपि कि अपने साथी का साथ पाने के लिए समझौता भी करने को तैयार रहता है किंतु धातु तत्व वाला साथी विचार में सामंजस्य न होने के कारण अकेला रहना पसंद करने लगता है जो कि सामाजिक एवं मिलनसार काष्ठ तत्व वाले साथी के लिए अंततः निराशा का कारण बनता है। जल-जल इनको देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो इनकी जोड़ी स्वर्ग में बनी हो। दोनों साथियों के बीच असीम एवं अगाध प्रेम होता है तथा दोनों एक दूसरे की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं को भली-भांति समझते हैं। दोनों एक-दूसरे पर काफी विश्वास करते हैं तथा एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।

जल-काष्ठ यह संबंध काफी सकारात्मक तथा उच्च कोटि का होता है। दोनों सदैव जीवन में उन्नति के दृष्टिकोण से एक-दूसरे की सहायता करते हैं तथा मुश्किल घड़ी में साथ खड़े होते हैं। जीवन में अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दोनों साथी एक-दूसरे का उत्साहवर्द्धन करते रहते हैं। दोनों ही संबंध के प्रति ईमानदार, आदर्शवादी एवं सिद्धांतवादी होते हैं। दोनों के बीच गहरा भावनात्मक लगाव होता है जो निरंतर विकास एवं उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। काष्ठ-काष्ठ यह संबंध अत्यधिक सक्रिय एवं तर्कसंगत होता है।

काष्ठ तत्व वाले लोग प्रायः अति व्यस्त एवं सक्रिय रहते हैं तथा हर कार्य करने की उनकी इच्छा होती है। दोनों साथी यदि काष्ठ तत्व के ही होते हैं तो एक-दूसरे के लिए प्रेरणास्रोत बन जाते हैं तथा बड़े से बड़ा काम मिलकर आसानी से कर लेते हैं। दोनों साथी व्यक्तिगत अभिरूचि के क्षेत्रों में एक-दूसरे की सदैव सहायता के लिए तत्पर रहते हैं। यह जोड़ी अति सफल होती है।


जानिए आपकी कुंडली पर ग्रहों के गोचर की स्तिथि और उनका प्रभाव, अभी फ्यूचर पॉइंट के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यो से परामर्श करें।




Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.