कब और कैसे बनाएं दीपावली

कब और कैसे बनाएं दीपावली  

व्यूस : 5347 | नवेम्बर 2007
कब और कैसे मनाएं दीपावली प्रेम प्रकाश विद्रोही स वर्ष दीपावली का पुण्य त्योहार 9 नवंबर शुक्रवार को मनाया जायेगा। इस वर्ष शुक्रवार के दिन दीपावली होने के कारण मुहूर्त की दृष्टि से महालक्ष्मी पूजन बहुत शुभ एवं महत्वपूर्ण होगा। दीपावली के दिन प्रातः काल उठकर स्नानादि नित्य कर्म से निवृत्त होकर जहां तक संभव हो सके नवीन अथवा स्वच्छ धुले वस्त्र धारण करें। घर की सजावट एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, अतिथियों की सेवा आदि पर भी विशेष ध्यान दें। जहां तक संभव हो सके स्वल्पाहार करें। सायं काल के समय लक्ष्मी पूजन की संपूर्ण सामग्री को पूजा घर में इकट्ठा कर लें। दीपावली पूजन लग्न विद्वानों के अनुसार शुभ मुहूर्त में दीपावली पूजन करने से अभीष्ट धन की प्राप्ति यथा समय होती रहती है। स्थिर लग्न दीपावली पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ लग्न होते हंै। वृष व सिंह स्थिर लग्न हैं और ये इस पूजन के लिए अत्यंत शुभ हैं। संलग्न सारण् ाी में भारत वर्ष के सभी राज्यों की राजधानी के लिए वृष लग्न एवं सिंह लग्न के प्रारंभ एवं समाप्ति काल दिया गया है। जिसके अनुसार आप अपने पूजा का समय निर्धारित कर सकते हैं। लक्ष्मी पूजन का समय अपने नगर के सूर्य अस्त से लेकर 2 घंटा 40 मिनट तक प्रदोष काल व्याप्त रहेगा। यह समय लक्ष्मी, गणेश के पूजन के लिए बहुत ही उत्तम फल दायक रहेगा तथा इस काल में भी सायं काल के समय 5 बजकर 51 मिनट से 7 बजकर 46 मिनट तक स्थिर लग्न वृष रहेगा। कर्क लग्न पर धनकारक बृहस्पति की उच्च दृष्टि रहेगी, इस लग्न काल में भी लक्ष्मी, गणेश, कुबेर आदि का पूजन श्री सूक्त, लक्ष्मी सूक्त, मंत्र जप, आदि को करने से विशेष धन ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी। इसके अतिरिक्त साधक जन संपूण्र् ा रात्रि पर्यंत विशेष रूप से प्रातः 4 बजकर 32 मिनट अर्थात अमावस्या पर्यन्त तक यंत्र, मंत्र, तंत्र आदि साधनाएं कर सकते हैं श्री भगवती महालक्ष्मी की साधना सभी व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी होती है। अतः अपनी शक्ति सामथ्र्य के अनुसार सभी को अपने घर में महालक्ष्मी का पूजन अवश्य करना चाहिए। लक्ष्मी पूजन में दाईं ओर घी का दीपक तथा बाईं ओर तेल का दीपक जलाने से घर में सुख समृद्धि बढ़ती है। इसके अलावा बही खातों का पूजन एवं ब्राह्मणों का तथा प्रियजनों को मिष्ठान आदि भेंट करना शुभ रहेगा। पूजा के अंत में श्री सूक्त एवं लक्ष्मी सूक्त का पाठ करना श्रेष्ठ माना गया है। इसका पाठ निष्ठा और विश्वास के साथ करने से मां लक्ष्मी की कृपा वर्ष भर परिवार के सभी सदस्यों पर बनी रहती है तथा लक्ष्मी जी का घर में स्थायी निवास रहता है। इसके अतिरिक्त गणेश स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को वर्ष भर किसी भी कार्य में कोई बाधा नहीं आती हैं।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.