उत्तर-पश्चिम दिशा के भूखंड/मकान

उत्तर-पश्चिम दिशा के भूखंड/मकान  

मनोज कुमार
व्यूस : 8818 | नवेम्बर 2016

उत्तर-पश्चिम कोने को वायव्य कोण भी कहा जाता है। यह दिशा अति महत्वपूर्ण है। यह दिशा इसके उपयोग के आधर पर किसी को भी अमीर अथवा गरीब बना सकता है। इस दिशा के अध्पिति वायु देव हैं। इन्हें ‘सद्गति’ भी कहा जाता है जिसका तात्पर्य यह है कि ये हमेशा चलायमान हैं। ये सभी जीवों के लिए आधरभूत ऊर्जा हैं क्योंकि वायु पृथ्वी पर जीवन का आधर है। इनका रंग आसमानी नीला है। इनके एक मुख तथा दो भुजाएं हैं। इनकी देवी को मोहिनी कहा जाता है।

इनके दाएं हाथ में सोने की छड़ी तथा एक झंडा है तथा इनके बाएं हाथ में जीवन का वरदान है। इसका तात्पर्य यह है कि ये आसानी से निवासियों को सबकुछ दे देते हैं। इनकी सवारी हिरण है। ये कापफी शक्तिशाली हैं तथा बेहिचक इनमें शुभ अथवा अशुभ करने की योग्यता है।

यह दिशा महिलाओं के लिए अध्कि महत्वपूर्ण है। उनका जीवन तथा बच्चों का जन्म तथा उनका विकास इस दिशा के उपयोग पर निर्भर करता है। जो लोग अच्छी तरह से उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर निर्मित भवन में रहते हैं उन्हें हर प्रकार का सम्मान प्राप्त होता है तथा उनकी उन्नति वैज्ञानिक रूप से होती है। यह भ्रूण के निर्माण, उसके विकास एवं सुगमता से प्रसव के लिए भी उत्तरदायी है। इस दिशा में दोष होने से महिलाओं का गर्भपात होता रहता है। वायु निवासियों को शिक्षा एवं सुख भी प्रदान करते हैं।

हिंदू पुराणों में कहा गया है कि ईश्वर के ऊर्जा की 6 बूंदें वायुदेव द्वारा एक तालाब में लायी गयीं। उसी से भगवान कार्तिक की उत्पत्ति हुई जिनके छः मुख हैं। इससे यह प्रदर्शित होता है कि वायु ही महिलाओं में भ्रूण के विकास के लिए उत्तरदायी है। यदि इस दिशा की ओर वृ(ि हो तो लोगों को हमेशा यात्राएं करनी पड़ती हैं तथा इध्र से उध्र घूमना पड़ता है। वायु कोने में वृ(ि का मतलब है ईशान का कम हो जाना जोकि शुभ नहीं है। इसके कारण लोगों को अकारण घर से बाहर रहना पड़ता है तथा अनेक प्रकार की कठिनाइयां एवं दुःख झेलने पड़ते हैं। इन्हें दूसरे स्थान पर जाकर भी रहना पड़ सकता है।

इनके खर्च नियंत्राण में नहीं रहते जिसके कारण दरिद्रता आ जाती है। यदि यह दिशा किसी कारण से बढ़ा हुआ है अथवा इस दिशा में गड्ढा, तालाब, कुआं इत्यादि है तो इससे अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। महिलाएं झगड़ालू हो जाती हैं तथा अनेक प्रकार के विवाद उत्पन्न हो जाते हैं। इस दिशा का उचित तरीके से उपयोग होना चाहिए। इससे अध्कि समृ(ि, सुख, संतान होंगे।

यह लंबी आयु, स्वास्थ्य एवं सम्मान तथा सरकारी अधिकारियों से सहायता भी प्रदान करेगा। आगे दिए हुए चित्रा में उत्तर की सड़क आगे जा रही है जबकि पश्चिम की सड़क उत्तर की सड़क से मिलने के बाद रूक जाती है। यह भूखंड सुखी जीवन के लिए शुभ है। आपको पता है कि उत्तर-पश्चिम खंड का प्रभाव महिलाओं पर तथा तीसरे बच्चे एवं ध्न तथा कर्ज पर पड़ता है।

यहां यह भूखंड परिवार के सदस्यों के लिए सुखदायक है। भूखंड के विपरीत दिशा की जांच करें अर्थात निर्माण शुरू करने से पूर्व उत्तर के भूखंड का ध्यान रखें। यदि उत्तर दिशा में कोई भी निर्माण नहीं हुआ हो अथवा उत्तर दिशा के भूखंड पर आध निर्माण हुआ हो तो आप अपने भूखंड पर निर्माण रोक दें। जब भी वे मकान का निर्माण करें तभी आप अपने मकान का निर्माण कार्य प्रारंभ करें। यदि आपके भूखंड के उत्तर दिशा की ओर कम से कम आपके भूखंड के आध्े हिस्से के बराबर भाग में कोई मकान न हो तो यह शुभ लक्षण है तथा आपके घर में ध्न का आगमन अध्कि तेजी से होगा।

उत्तर-पश्चिम खंड के मकान के लिए यह कापफी अच्छा है। इस चित्रा को देखंे, यहां एक उत्तर-पश्चिम भूखंड खाली है तथा दूसरा मकान उत्तर दिशा में है अथवा पत्थर या स्लैब से अवरु( है तो यह आपके भूखंड के उत्तर एवं उत्तर-पूर्वी कोने को भी बाध्ति करेगा। अध्किांश समय में यह आपके मकान में नकारात्मक परिणाम देगा। कृपया यहां ध्यान दें कि बाह्य वातावरण का भी हमारे मकान पर प्रभाव पड़ता है।

उदाहरण के लिए यदि आपके मकान के दक्षिण दिशा में कोई एपार्टमेंट है तो इस खाली स्थान का नकारात्मक प्रभाव उतना अध्कि नहीं होगा अथवा इसकी नकारात्मकता लंबे समय तक नहीं बनी रहेगी। यहां आप शुभ मकान देख सकते हैं। मकान के उत्तर एवं पश्चिम के सड़क के समीप उत्तर एवं उत्तर-पूर्व की ओर एक खाली स्थान है तथा उत्तर-पश्चिम कोने पर एक मकान है तथा यह मकान आपके मकान की ओर आने वाली अशुभ वीथि शूलों को रोक रहा है तथा खाली स्थान हर प्रकार का शुभत्व प्रदान कर रहा है।

यहां ध्यान दें, हम आपके मकान के उत्तर, उत्तर-पूर्व एवं उत्तर-पश्चिम दिशा की बात कर रहे हैं। हमलोग पश्चिम दिशा की ओर के मकानों की जांच नहीं कर रहे हैं। यदि उत्तर की सड़क आपके मकान का थोड़ा वेध् भी कर रहा हो तो यह सिपर्फ वीथिशूल है तथा यह आपके मकान के उत्तर-पश्चिम भाग को प्रभावित कर रहा है जो आपके नाम एवं मान-सम्मान को बढ़ाएगा।

यहां भी उत्तर एवं पश्चिम में सड़कें हैं। किंतु यहां थोड़ा सा परिवर्तन है, पश्चिम की सड़क आगे जा रही है जबकि उत्तर की सड़क पश्चिम की सड़क से मिलने के बाद रूक जाती है। अतः यह मकान शुभ नहीं है। पश्चिम की सड़क उत्तर की ओर जा रही है किंतु उत्तर की सड़क पश्चिम दिशा की ओर नहीं जाकर रूक जा रही है। एक मकान उत्तर-पश्चिम में निर्मित है तथा आपके मकान के उत्तर एवं उत्तर-पूर्व की ओर खाली स्थान ै। यह शुभ है। अब इसके विपरीत परिणामों की जांच करें। सभी उत्तर-पश्चिम संपत्ति निवासियों के लिए शुभ नहीं होते।

अब इस चित्रा को देखें। पश्चिम की सड़क आगे जा रही है जबकि उत्तर की सड़क रूक गई है। एक मकान उत्तर एवं उत्तर-पूर्व कोने की ओर है तथा खाली स्थान उत्तर-पश्चिम हिस्से पर है। यह आपके मकान के लिए शुभ नहीं है। यदि इस खाली स्थान पर कोई निर्माण हो जाता है तब आपके मकान में शुभ परिणाम आना शुरू होंगे।

कई बार यह खाली स्थान आपके मकान के लिए वीथिशूल की भांति कार्य करता है तथा यह आपको केस, मुकदमे, डकैती, अग्नि दुर्घटना, पुरुष संतान की मृत्यु एवं मानसिक चिंता खासकर आर्थिक हानि अथवा कर्ज जैसी समस्याओं में डाल सकता है। उत्तर-पश्चिम खंड में निवासियों को खरबपति अथवा भिखारी बना देने की क्षमता है। इसकी शक्ति अनेक स्थानों पर निर्भर करती है। अर्थात यदि भूखंड की वृ(ि माध्यमिक दिशाओं की ओर है तो इसका परिणाम मित्राता, सपफलता अथवा दूसरे रूप में कोर्ट केस, विवाद, )ण आदि के रूप में होता है।

इस चित्रा में उत्तर-पश्चिम खंड का मकान है जिसमें उत्तर एवं पश्चिम दिशा की सड़कें आगे नहीं बढ़ रहीं बल्कि मकान के कोने पर रूक जा रही हैं। इस प्रकार के मकान कापफी देखे जाते हैं अतः चिंता न करें। यह उत्तर-पश्चिम -पश्चिम सड़क के खंड से बेहतर ही साबित होता है किंतु हम इस प्रकार के मकान को खरीदने की अनुशंसा बिना उचित मार्गदर्शन के नहीं करंेगे। यहां सड़क की बनावट थोडी मुड़ी हुई है तथा यह थोड़ा गोलाकार है अतः मकान का निर्माण भी इसी के अनुसार थोड़ा गोलाकार किया गया है। यह बुरा नहीं है। किंतु निवासियों को अपने आसपास के वातावरण से सावधान रहना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में इस भूखंड पर दक्षिण-पश्चिम -पश्चिम की ओर द्वार नहीं होना चाहिए।

यदि इस भूखंड का झुकाव उत्तर- उत्तर-पश्चिम की ओर कम्पास के अनुसार 11 डिग्री से अध्कि है तो मकान में उत्तर-पूर्व-उत्तर में द्वार बनाना चाहिए। सामान्यतया उत्तर-पश्चिम कोने के मकान को खरीदने से बचें। यदि आपके पास इस उत्तर-पश्चिम के मकान को छोड़कर कोई दूसरा मकान खरीदने का विकल्प न हो तो इनमें से सबसे अच्छे का चयन करें। अर्थात जिसमें उत्तर की सड़क पश्चिम दिशा की ओर जा रही हो तथा पश्चिम की सड़क ऊपर के चित्रा के अनुसार रूक जाती हो तब ऐसा मकान आर्थिक दृष्टिकोण से सुरक्षित होगा। यदि उत्तर की सड़क रूक जाती हो तथा पश्चिम की सड़क आगे जाती हो तो ऐसी संपत्ति को न खरीदें।

यदि उत्तर एवं पश्चिम दोनों सड़कें आगे जा रही हों तो पहले आसपास पूर्व, पश्चिम, उत्तर एवं दक्षिण दिशा को देखें कि क्या दक्षिण एवं पश्चिम दिशा की ओर कोई खाली भूखंड है। यदि ऐसा है तो अपने मकान का निर्माण शुरू न करें जब तक कि इन दिशाओं के भूखंड के स्वामी उस पर निर्माण कार्य प्रारंभ न कर दें। यदि उत्तर दिशा की ओर खाली भूखंड है तथा पश्चिम एवं दक्षिण में निर्माण है तो मकान का निर्माण रोक दें। यदि पश्चिम, दक्षिण एवं उत्तर में निर्माण किया हुआ है तथा पूर्व की ओर खाली भूखंड है तब मकान का निर्माण शुरू कर दें। ऐसे घर में सामान्यतः निवासियों को नाम, मान एवं सम्मान की प्राप्ति होती है तथा इन्हें अच्छा ज्ञान होता है तथा इनके बच्चे बु(िमान होते हैं।

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