लक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु सिद्ध शाबर मंत्र

लक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु सिद्ध शाबर मंत्र  

सुनील जोशी जुन्नकर
व्यूस : 195326 | अकतूबर 2008

लक्ष्मी प्राप्ति मंत्रों में लक्ष्मी प्राप्ति के शाबर मंत्र शीघ्र फलदायी माने जाते हैं। सिद्धिदायक शाबर मंत्रों की रचना गुरु गोरखनाथ आदि योगियों ने की थी। इन मन्त्रों में प्रत्येक देवता तथा हर प्रकार के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु मंत्र दिये गये हैं। इनमें लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र भी सम्मिलित हैं। आधुनिक परिवेश में इन मंत्रों को सिद्ध करना सरल है तथा इसमें विपरीत प्रभाव होने की सम्भावनाएं भी कम रहती हैं परन्तु इस प्रकार के लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र दुर्लभ हैं। इस लेख में दिये गये लक्ष्मी प्राप्ति शाबर मंत्रों को शुभ मुहूर्त में जपें व मनोवांछित फल की प्राप्ति करें।

उच्चारण की अशुद्धता की संभावना और चरित्र की अपवित्रता के कारण कलियुग में वैदिक मंत्र जल्दी सिद्ध नहीं होते। ऐसे में लोक कल्याण और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सरल तथा सिद्धिदायक शाबर मंत्रों की रचना गुरु गोरखनाथ आदि योगियों ने की थी। शाबर मंत्रों की प्रशंसा करते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है-

‘अनमलि आखर अरथ न जापू।
शाबर सिद्ध महेश प्रतापू।।’

लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए ‘जाल शम्बरम्’ से चुने हुए कुछ शाबर मंत्र एवं उनके प्रयोग की विधि यहां प्रस्तुत हैं।

    विष्णुप्रिया लक्ष्मी, शिवप्रिया सती से प्रकट हुई कामेक्षा भगवती आदि शक्ति युगल मूर्ति महिमा अपार, दोनों की प्रीति अमर जाने संसार, दुहाई कामाक्षा की, आय बढ़ा व्यय घटा, दया कर माई। ऊँ नमः विष्णुप्रियाय, ऊँ नमः शिवप्रियाय, ऊँ नमः कामाक्षाय ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा।

    प्रयोग विधि- धूप-दीप से पूजन और नैवेद्य अर्पित करके इस मंत्र का सवा लाख जप करें, लक्ष्मी का आगमन व चमत्कार प्रत्यक्ष दिखाई देगा। प्रत्येक कार्य सफल होगा, लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।

      श्री शुक्ले महाशुक्ले, महाशुक्ले कमलदल निवासे श्री महालक्ष्मी नमो नमः। लक्ष्मी माई सबकी सवाई, आओ चेतो करो भलाई, ना करो तो सात समुद्रों की दुहाई, ऋद्धि नाथ देवों नौ नाथ चैरासी सिद्धों की दुहाई।

      इस मंत्र का एक माला जप नियमित रूप से करें, कारोबार में उन्नति होगी। जप के बाद दुकान पर चारों दिशाओं को नमस्कार करके धूप-दीप देकर फिर लेन-देन करें, धन लाभ होगा।

      ऊँ क्रीं श्रीं चामुंडा सिंहवाहिनी कोई हस्ती भगवती रत्नमंडित सोनन की माल, उत्तर पथ में आप बैठी हाथ सिद्ध वाचा, सिद्धि धन धान्य कुरु-कुरु स्वाहा।

      दुर्गा के उपासक लक्ष्मी प्राप्ति के इस मंत्र का सवा लाख जप करें, सभी कार्य सिद्ध होंगे और राजे गार तथा लक्ष्मी की प्राप्ति होगी।

      ऊँ ह्रीं श्रीं ठं ठं ठं नमो भगवते, मम सर्वकार्याणि साधय, मां रक्ष रक्ष शीघ्रं मां धनिनं।

      कुरु कुरु फट् श्रीयं देहि, ममापति निवारय निवारय स्वाहा।।

      धन प्राप्ति, कार्य सिद्धि या विपत्ति के निवारण के लिए इस मंत्र का जप करते हुए बेल के सात पत्ते शिवलिंग पर चढ़ाएं और घर अथवा शिव मंदिर में इसका 108 बार जप नियमित रूप से करें, मनोकामना पूर्ण होगी।

      ऊँ श्रीं श्रीं श्रीं परमाम् सिद्धिं श्रीं श्रीं श्रीं।

      इस मंत्र की सिद्धि के लिए प्रदोष के दिन संध्या के समय शिवजी की पूजा के उपरांत इसका 3 माला जप करें। तत्पश्चात् अगर, तगर, केसर, लाल तथा, श्वेत चंदन, देवदारु, कपूर, गुग्गुल और अश्वगंध के फूल घी में मिलाकर उपर्युक्त मंत्र से 108 आहुतियां दें। लगातार सात प्रदोष यह प्रयोग करने से धन और ऐश्वर्य की वृद्धि होती है।

      ऊँ भंवर वीर तू चेला मेरा, खोल दुकान बिकरा कर मेरा। उठे जो डण्डी बिके जो माल भंवर वीर सो नहीं जाय।।

      शनिवार को प्रातःकाल नहा धोकर हाथ में काले उड़द के इक्कीस साबुत दानें लेकर उक्त मंत्र को 21 बार पढ़कर दुकान के भीतर चारों ओर बिखेर देने से दुकान की बिक्री अभूतपूर्व रूप से बढ़ जाती है।

      • दुकान खोलने के बाद सफाई करके लक्ष्मी की फोटो के सामने ‘ऊँ लक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का एक माला जप करें, दुकान की बिक्री और लाभ में वृद्धि होगी। उक्त मंत्रों के अतिरिक्त निम्न मंत्र का भी 108 बार जप करें-

      ऊँ श्री शुक्ला महाशुक्ले निवासे।
      श्री महाक्ष्मी नमो नमः।।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.