कालपुरुष की पत्रिका में शनि दशम व एकादश भाव तथा मंगल प्रथम व अष्टम भाव
का प्रतिनिधित्व करते हैं। किसी की भी पत्रिका में इन दोनों ग्रहों का युति अथवा
दृष्टि संबंध जातक विशेष को गुप्त रूप से कर्म कर लाभ प्राप्त करने जैसे फलांे की
पुष्टि करता है जिससे जातक विशेष के चरित्र पर एक प्रश्न चिह्न लग जाता है। इसके
अतिरिक्त प्रत्येक कुंडली में इन दोनों ग्रहों के भाव, स्थान व उनके संबन्धित कारकों
को भी देखा जाना चाहिए।
प्रस्तुत लेख में ऐसी ही लगभग 300 कुंडलियों का
अध्ययन कर कुछ इस प्रकार के नतीजे प्राप्त किए
गए:
ज्योतिष का हर जानकार शनि ग्रह को धरती पर होने
वाली सभी बुरी घटनाओं का प्रतीक व कारक मानता
है। संसार में होने वाले कष्ट, दुःख, संताप, मृत्यु,
अपंगता, विकलता, दुष्टता, पतन, युद्ध, क्रूरता
भरे कार्य, अव्यवस्था, विद्रोह इत्यादि का कारक ग्रह
शनि ही माना जाता है। किसी की भी कुंडली में
इसकी स्थिति बहुत महत्व रखती है जैसे यह कहा
जा सकता है कि दूसरे भाव में शनि वैवाहिक जीवन
व धन हेतु अशुभ होता है जबकि चतुर्थ भाव में यह
कष्टपूर्ण बचपन का प्रतीक बनता है। इसी प्रकार
दशम भाव का शनि पाप प्रभाव में होने से अपनी दशा
में जातक को ऊंचाई से गिराता है अथवा ऊंचे पद
से धरातल पर ले आता है। इस शनि का सूर्य चन्द्र
से सप्तम में होना हमेशा बुरे परिणाम देता है वहीं
गुरु के साथ होने पर यह शनि गुरु दशा में परेशानी
अवश्य प्रदान करता है।
इसी प्रकार मंगल ग्रह को धरती पर होने वाले
विस्फोटों, हमलों, अग्निकांडों, युद्धों, भूकंपांे इत्यादि
का कारक माना जाता है। जातक विशेष की पत्रिका
में यह मंगल दोष के अतिरिक्त कुछ अन्य भावों में भी
हानि ही करता है जैसे तृतीय भाव में यह भातृ सुख में
कमी प्रदान कर अत्यधिक साहसी प्रवृŸिा देता है तथा
पंचम भाव में यह तुरंत निर्णय लेने की सोच प्रदान
करता है जो कभी-कभी घातक साबित होती है।
हमारे ज्योतिष शास्त्रों में शनि मंगल के संबंध वाले
जातक के विषय में निम्न बातें कही गयी हैं “ऐसा
जातक वक्ता, जादू जानने वाला, धैर्यहीन, झगड़ालू,
विष व मदिरा बनाने वाला, अन्याय से द्रव प्राप्ति करने
वाला, कलहप्रिय, सुख रहित, दुःखी, निंदित, झूठी
प्रतिज्ञा करने वाला अर्थात् झूठा होता है। अध्ययन
में काफी हद तक ये बातें सही पायी गई हैं। इसके
अतिरिक्त भी कुछ अन्य बातें हमें अपने इस अध्ययन
के दौरान प्राप्त हुयीं।
इन दोनों ग्रहांे का एक अजीब सा रिश्ता है। मंगल
जहां शनि के घर में उच्च का होता है वहीं शनि
मंगल के घर में नीच का हो जाता है। ये दोनों
एकमात्र ऐसे ग्रह हैं जो समसप्तक हुए बिना भी एक
दूसरे से दृष्टि संबंध बना सकते हैं। ऐसे में इन दोनों
ग्रहों की युति अथवा दृष्टि जातक विशेष की कुंडली
में क्या परिणाम देती है, आइए कुछ कुंडलियों द्वारा
जानने का प्रयास करते हैं।
यह संबंध जातक विशेष को आत्महत्या करने
पर मजबूर करता है। उदाहरण के लिए निम्न
कुण्डलियां देखी जा सकती हैं:
1)श्री राम जी की कर्क लग्न की पत्रिका में शनि
और मंगल (सप्तमेश-अष्टमेश व प ंचमेश-कर्मेश ) की
लग्न व दशम भाव पर दृष्टि है जिनके मिले-जुले प्रभावों से सभी जानते हैं कि श्री राम ने जलसमाधि
लेकर आत्महत्या की थी।
2)29/4/1837 को मिथुन लग्न में जन्मंे इस जातक
ने फ्रांसीसी सेना में जनरल के पद पर रहते हुये
फ्रांस के युद्धांे में बहुत नाम कमाया था। 1889 में इन्हंे
शत्रुतापूर्ण कारवाई के चलते पद से हटा दिया गया।
1890 में इनकी पत्नी की भी मृत्यु हो गयी जिससे
निराश होकर इन्होंने 30/9/1891 में आत्महत्या कर
ली थी। इनकी पत्रिका में भी मंगल शनि का दृष्टि
संबंध है।
3)हिटलर (20/4/1889) तुला लग्न की इस पत्रिका
में शनि मंगल का दृष्टि संबंध है जो सप्तमेश चतुर्थेश
का संबंध है जिससे हिटलर को सिंहासन व पद
प्राप्ति की अदम्य असंतुष्टि की भावना प्राप्त हुई और
वह अपनी तानाशाही प्रवृŸिा की ओर उन्मुख होकर
विश्व में विवादित व्यक्ति के रूप में जाना गया।
इन्हीं ग्रहांे के लग्न पर प्रभाव ने उसे आत्महत्या
करने को मजबूर किया। इसी प्रकार 4)25/7/1966
सिंह लग्न, 5)27/4/1967 मीन लग्न,
6)18/3/1957 कर्क लग्न, 7)31/1/1973 कन्या
लग्न, 8)9/3/1989 कन्या लग्न, 9)6/10/1985
कर्क लग्न, 10)18/12/1959 वृश्चिक लग्न,
11)25/7/1966 सिंह लग्न, 12)11/9/1905
मकर लग्न, 13)20/10/1912 तुला लग्न,
14)9/3/1894 धनु लग्न, 15)27/12/1974
मीन लग्न, 16)25/12/1917 कन्या लग्न,
17)5/9/1967 मीन लग्न, 18)23/7/1931
वृश्चिक लग्न, 19)13/11/1970 मीन लग्न,
20)2/4/1929 मिथुन लग्न, 21)20/4/1934
मकर लग्न, 22)28/10/1994 कर्क लग्न इन सभी
जातकांे की पत्रिका में शनि मंगल का संबंध है अथवा
शनि मंगल किसी एक भाव पर दृष्टि दे रहे हैं जिसके
कारण इन सभी जातकांे ने आत्महत्या की।
यह संबंध हिंसात्मक रूप से हत्या या दुर्घटना
द्वारा मृत्यु प्रदान करता है।
1) ईसा मसीह (25/12/7बी सी) कन्या लग्न की
इस पत्रिका में शनि और मंगल की दृष्टि लग्न में है।
सर्वविदित है कि इनकी मृत्यु हत्या के रूप में हुई थी।
2) मुसोलिनी 29/7/1883 वृश्चिक लग्न की इस
पत्रिका में शनि मंगल की सप्तम भाव में युति होने
से इनका प्रभाव लग्न पर है इनका कार्य व व्यक्तित्व
भी काफी विवादास्पद रहा तथा इनकी 28/4/1945
को हिंसात्मक रूप से गोली मारकर हत्या कर दी
गयी।
इनके अतिरिक्त 3) जॉन केनेडी (29/5/1917) कन्या
लग्न, 4) महात्मा गांधी (2/10/1869) तुला लग्न,
5) राजीव गांधी (20/8/1944) सिंह लग्न, 6) मैरी
एंटोनिटी फ्रांसीसी रानी (2/11/1755) मिथुन लग्न,
7) नाथु राम गोडसे (19/5/1910) मिथुन लग्न, 8)
3/8/1911 कन्या लग्न की पत्रिकाओं में अष्टम भाव
पर तथा 9) ओसामा बिन लादेन 10/3/1957 वृषभ
लग्न प्रथम भाव, 10) बेनजीर भुट्टो 21/6/1953 ध्
ानु लग्न दशम भाव, 11) 17/10/1951 वृषभ लग्न
सप्तम भाव, 12) अब्राहम लिंकन 12/2/1809 कुम्भ
लग्न, 13) जुल्फिकर अली भुट्टो (5/1/1928) मिथुन
लग्न, 14)2/2/1923 तुला लग्न, 15) मुजीब उर
रहमान 17/3/1920 वृश्चिक लग्न, 16)फूलन देवी
(15/9/1959) मकर लग्न, इन सभी के द्वादश भाव
पर मंगल शनि की दृष्टि थी जबकि 17) झांसी की
रानी, 18) नेपाल नरेश दोनों तुला लग्न व दोनों के
लग्न पर इन दोनों ग्रहांे का प्रभाव था 19) मार्टिन
लूथर किंग 15/1/1929 मेष लग्न की पत्रिका में
भी मंगल की शनि पर दृष्टि थी हम सब जानते ही हैं
की इन सबकी भी हत्या की गयी थी। वहीं संजय
गांधी 14/12/1946 मकर लग्न सप्तम भाव, माध्
ाव राव सिंधिया (9/3/1945) वृश्चिक लग्न दशम
भाव पर इन दोनों ग्रहों की दृष्टि होने से इन दोनों
की वायुयान दुर्घटना में हिंसात्मक मृत्यु हुई तथा
24/7/1911 को तुला लग्न (सप्तम भाव ) में जन्मे
इस जातक की भी वाहन दुर्घटना में मौत हुई थी।
यह संबंध जातक को हिंसात्मक व तानाशाही
प्रवृŸिा देता है
1) औरंगजेब 3/11/1618 कुम्भ लग्न की इस पत्रिका
में लग्न व दशम पर शनि म ंगल का प्रभाव है जातक
की प्रवृŸिा हिंसात्मक व तानाशाही थी। 2) च ंगेज खान
14/9/1186 कर्क लग्न, 3) तैमूर लंग 9/4/1336
धनु लग्न, 4) फिडेल कास्त्रो 13/8/1926 मिथुन
लग्न, 5) निकोलस जार 19/5/1868 धनु लग्न, 6) ओसामा बिन लादेन 10/3/1957 वृषभ लग्न, 7)
हिटलर तुला लग्न, सभी की हि ंसात्मक व तानाशाही
प्रवृŸिा थी।
4) यह संबंध जातक विशेष को आपराधिक कार्य
करने पर मजबूर करता है जिससे यह जातक हत्या,
चोरी व बलात्कार जैसे कार्य कर सकते हंै।
1) 12/2/1944 तुला लग्न के इस जातक ने अपनी
प्रेमिका की हत्या की थी।
2) 5/4/1959 मिथुन लग्न के इस जातक ने
दुश्मनी के चलते अपने शत्रु की हत्या की थी।
3) 1/2/1946 सिंह लग्न का यह जातक एक
आपराधिक गैंग का सरगना था जिसकी हत्या कर
दी गयी।
4) 27/4/1965 मीन लग्न के इस जातक को
बलात्कार करने पर सजा हुई।
5) 10/1/1958 वृश्चिक लग्न में जन्मे इस जातक
को गबन के आरोप में अपनी नौकरी से हाथ धोना
पड़ा।
6) 11/9/1862 वृषभ लग्न, बैंक फंड में गड़बड़ी के
कारण 1898 में 5 वर्ष की जेल हुई।
7) 19/8/1946 कर्क लग्न में जन्मे बिल क्लिंटन के
दशम भाव में मंगल शनि का प्रभाव है जिसके कारण
इन्हें अपने जीवन के स्वर्णिम काल में राष्ट्रपति रहते
हुए भी सेक्स स्कैण्डल का सामना करना पड़ा और
इन्होंने बाद में अपना गुनाह कबूल भी किया।
यह योग वायु दुर्घटनाएं कराता है
1) 7/4/1922, 2) 25/12/1924,3) 18/8/1926,
4) 2/10/1926, 5) 22/8/1927, 6) 13/7/1928,
7) 30/12/1933, 8) 9/5/1934, 9) 2/10/1934,
10) 14/1/1936, 11) 7/4/1936, 12) 5/8/1936,
13) 6/5/1937, 14) 16/11/1937, 15) 1/3/1938,
16) 25/10/1938, 17) 4/11/1938, 18) 28/12/1972,
19) 20/7/2010, 20) 2/4/2012, 21) 20/4/2012,
22) 12/9/2012, 23) 28/9/2012, 24) 16/5/2013,
25) 3/10/2013, 26) 8/3/2014
इन सभी तारीखों में वायु दुर्घटनाएं हुई हैं जिस
दौरान गोचर में मंगल शनि की युति बनी हुई थी।
इस प्रकार यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है
कि जातक की पत्रिका में मंगल शनि का संबंध उसे
किसी न किसी प्रकार से संदेहास्पद व शंकालु चरित्र
अवश्य प्रदान करता है और इन दोनों ग्रहों के प्रभाव
में आकर वह कुछ भी अनैतिक तथा असामाजिक
कार्य कर सकता है।
इन सब प्रभावों के अतिरिक्त गोचर में भी जब इन
दोनों ग्रहांे का किसी भी प्रकार से संबंध बनता है
तब धरती पर बहुत ही विध्वंसकारी प्रभाव पड़ते हैं
हमने यहाँ कुछ प्रभावों के विषय में जानकारी देने का
प्रयास किया है:
1) 13/4/1919 को अमृतसर जालियावाला बाग
कांड हुआ।
2) 22/11/1933 को जॉन कैनेडी की हत्या हुई।
3) 1/4/1939 विश्व युद्ध आरंभ हुआ।
4)18/10/1962 चीन ने भारत पर हमला किया।
5) 5/6/1984 अमृतसर स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन
ब्लू स्टार चलाया गया।
6) 2/5/2011 ओसामा बिन लादेन की हत्या
अमरीकी फौज के द्वारा की गयी।
7) 24/4/1974 भारत में रेलवे की हड़ताल के
कारण ट्रेनें रद्द कर दी गयी।
8) 30/4/1945 हिटलर ने आत्महत्या की थी।
9) 23/8/1939 रूस व जर्मनी के बीच समझौता
हुआ।
10) 15/6/1973 को अमरीका व वियतनाम के बीच
शांति समझौता रोक दिया गया।
11) 10/2/2014 केजरीवाल की सरकार दिल्ली में
बनी व ज्यादा नहीं चली।
12) 8/3/2014 मलेशिया का विमान लापता हो
गया।
इन सभी उदाहरणांे से यह स्पष्ट हो जाता है कि
शनि मंगल का संबंध सच में ही एक विध्वंसक संबंध
है जो कुंडली में जातक विशेष के अतिरिक्त धरती पर
भी अपना विध्वंसक प्रभाव ही देता है।