शकुन एक ऐसा जाना माना
माध्यम है जो व्यक्ति के जीवन
में होने वाली शुभाशुभ घटनाओं
का संकेत बनता है। आदिकाल से
व्यक्ति शकुन में विश्वास करता चला
आ रहा है। शकुन को दो श्रेणियों
में विभाजित किया जा सकता है।
अशुभ से बचने के लिए शुभ शकुन
का निर्माण करना और दूसरा स्वयं
घटने वाले शुभाशुभ शकुन।
घर से निकलते समय कोई कौवा
तीव्रता से कांव-कांव करने लगे
तो यात्रा विघ्नकारी होती है। मुहूर्त
विचारकर भी यात्रा के लिए प्रस्थान
करते समय कोई बिल्ली रास्ता काट
जाये तो यात्रा में हानि होती है। यात्रा
पर जाने के समय कौवा गाय पर
बैठे, गोबर पर बैठे या हरे पत्ते वाले
वृक्षों पर बैठे तो यात्री को स्वादयुक्त
भोजन प्राप्त होता है। कहीं जाते
समय कौवा चोंच में तिनका उठाए
दिखे तो यह शकुन उस व्यक्ति को
लाभ ही लाभ कराता है। ये ऐसे
शकुन हैं जिन पर व्यक्ति का कोई
नियंत्रण नहीं है। निर्मित शकुन में
सवत्सा गौ का नूतन गृह-प्रवेश के
समय द्वार पर व्यवस्था कर लेना,
यात्रा के लिए प्रस्थान करते समय
दही का सेवन कर लेना आदि
शामिल है।
शकुन का शुभाशुभ प्रभाव व्यक्ति और
समाज सदियों से अनुभव करता आ
रहा है। आज वैज्ञानिक युग में समाज
जी रहा है। कुछेक लोग शकुन के
महत्व को नकाराते हैं। परंतु ऐसे
लोग भी अपनी अभिव्यक्ति के माध्यम
से यह अहसास करा ही देते हैं कि
शकुन का अस्तित्व है। जैसे बायीं
आंख फड़कने पर यह कहते हुए
सुना जाता है कि आज मेरी बायीं
आंख फड़क रही है। शकुन न सिर्फ
शरीरांग के स्वतः अप्रत्याशित रूप से
संचालन से अभिव्यक्ति पाता है वरण
यह विभिन्न पशु, पक्षियों एवं पदार्थ
द्वारा भी व्यक्त होता है। इनमें कौवा,
उल्लू, कुत्ता, बिल्ली, चमगादड़,
खरगोश, गिरगिट, तोता, मुर्गा, मेंढ़क,
मोर, उड़ता हुआ पत्ता आदि अनेक
ऐसी चीजे हैं जो भविष्य के संदर्भ
में अपना शुभाशुभ प्रभाव बतलाते हैं।
आइए इनमें से कुछ की चर्चा करें।
कौवा
(क) किसी पुरूष के माथे से उड़ते
हुए कौवा का स्पर्श खुले वातावरण
में हो जाय तो उस व्यक्ति का
सुख-सौभाग्य समाप्त हो जाता है।
(ख) कहीं जाते समय कोई कौवा
किसी व्यक्ति के कंधे से टकरा
जाय तो उसका दुश्मन उसे अपने
अधिकार में लेता है।
(ग) प्रातः समय कोई व्यक्ति कहीं
जा रहा हो और कोई कौवा उड़ता
हुआ पांव को स्पर्श कर जाय तो
यह शकुन उसे तमाम खुशियों से
भर देता है। उसे जीवन में उन्नति
मिलती है, अधिक धन की प्राप्ति
होती है और शत्रु उसके सामने झुक
जाते हैं।
(घ) कहीं पर बैठकर कोई कुछ खा
रहा हो और कोई कौवा उस खाने
में से कुछ लेकर उड़ जाय तो उस
व्यक्ति को हार स्वीकार कर लेनी
चाहिए क्योंकि जो झगड़ा शत्रु के
साथ चल रहा है उसमें उसकी
पराजय होने वाली है।
(ड़) किसी दिन तीसरे प्रहर में कौवा
किसी के ऊपर मंडराते हुए बोले तो
उस आदमी को अपना कपड़ा धोकर
तैयार कर लेना चाहिए क्योंकि उसे
सम्मानपूर्वक किसी भोज में आने का
निमंत्रण मिलने वाला है।
उड़ता हुआ पत्ता
किसी काम से जाते समय किसी
वृक्ष का पत्ता उड़ता हुआ सिर पर
आकर गिरे तो यह शकुन व्यक्ति को
कार्य में सफलता प्राप्त करने का शुभ
संदेश देता है।
पूजा-पाठ: किसी कार्य के समय
कहीं पूजा-पाठ होने का स्वर सुनाई
पड़े तो यह समझना चाहिए कि उसे
कार्य में सिद्धि मिलेगी और सम्मान
मिलेगा।
गायों का झुंड: यदि किसी आदमी
के दरवाजे के पास गायें झुंड बनाकर
बैठना प्रारंभ करें तो यह शकुन उस
घर के निवासियों के लिए प्रगति का
सूचक है।
पैसे गिरना: कहीं जाते समय
कपड़ा पहनते हुए हड़बड़ी में पैसे
नीचे गिर जाते हैं। यह शुभ शकुन
है और व्यक्ति को धन लाभ होने का
संकेतक है।