फिर से आएगा भूकंप
फिर से आएगा भूकंप

फिर से आएगा भूकंप  

फ्यूचर पाॅइन्ट
व्यूस : 5473 | जुलाई 2015

क्यों आता है भूकंप ? ग्रहमंडल में जब अधिकतर ग्रह पृथ्वी के एक तरफ आ जाते हैं तो इनके गुरुत्वाकर्षण से सारा खिंचाव पृथ्वी के एक ओर पड़ता है जिससे पृथ्वी कुछ समय के लिए असंतुलित हो जाती है तथा भूगर्भ में तोड़-फोड़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। पृथ्वी और अन्य सभी ग्रहों में गुरुत्वाकर्षण होता है

जिसकी वजह से प्रत्येक वस्तु इन ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश करने पर इनकी तरफ खींची चली जाती है। जब अधिकतर ग्रहों का गुरुत्वाकर्षणीय प्रभाव पृथ्वी के एक कोण में आ जाए तो असंतुलन की स्थिति उत्पन्न होती है। उदाहरणस्वरूप यदि सभी ग्रहों के एक तरफ आ जाने पर चंद्रमा भी लगभग अमावस्या, पूर्णिमा या प्रतिपदा का हो तथा 180 डिग्री के अंतर पर हो तो भूकंप आता है और एक महीने के बाद इस भूकंप की पुनरावृत्ति होती है।

दूसरी स्थिति में यदि सभी ग्रहों का ध्रुवीकरण 180 अंशों पर हो रहा हो, एक ध्रुव पर सूर्य और कुछ ग्रह और दूसरे ध्रुव पर अन्य कुछ ग्रह हों और चंद्रमा मध्य में अर्थात सूर्य से 90 या 270 डिग्री पर हो और साथ में कोई अन्य ग्रह भी हो तो भूकंप की स्थिति बनती है और इस स्थिति में जो भूकंप आता है उसकी पुनरावृत्ति 15 दिन के बाद ही हो जाती है।

भूकंप की इन्टेनसिटी कितनी होगी ? भूकंप की इन्टेनसिटी का अनुमान लगाने के लिए यह देखना होगा कि पृथ्वी के एक तरफ आ जाने वाले ग्रह कितने पास-पास हैं। पृथ्वी के एक कोण में आ जाने पर ये सभी ग्रह 90 डिग्री के जितना अंदर होंगे उतनी ही तीव्रता वाला भूकंप आएगा। यदि यह अंतर 60 डिग्री से कम हो जाए तो भूकंप तीव्र इन्टेनसिटी वाला हो सकता है।

यदि यह अंतर 30 डिग्री से कम हो जाए तो भूकंप अत्यधिक खतरनाक इन्टेनसिटी वाला हो सकता है। कहां आते हैं भूकंप ? भूकंप के आने की संभावना अक्सर भूमध्य भाग पर होती है क्योंकि ग्रहों की गुरुत्वाकर्षण शक्ति का प्रभाव भूमध्य भाग पर सबसे अधिक पड़ता है और ध्रुवों पर न्यून हो जाता है।


अपनी कुंडली में राजयोगों की जानकारी पाएं बृहत कुंडली रिपोर्ट में


शीत ऋतु में जब पृथ्वी थोड़ी टेढ़ी हो जाती है तो गुरुत्वाकर्षणीय प्रभाव का केंद्र बदल जाने से भूकंप की संभावना दक्षिण क्षेत्र जैसे इण्डोनेशिया आदि में बढ़ जाती है एवं ग्रीष्म ऋतु में उत्तरी गोलार्द्ध अर्थात हिमालय रेंज या जापान में अधिक भूकंप आते हैं। कैसी ग्रह स्थिति में आया नेपाल में भूकंप ? 25 अप्रैल 2015 को 11 बजकर 56 मिनट पर दोपहर में नेपाल में भीषण भूकंप आया जिसमें हजारों लोगों की जानें गईं।

बहुत से लोग लापता हो गये, लाखों लोग बेघर हो गये तथा शताब्दियों पुरानी ऐतिहासिक इमारतों के साथ-साथ लाखों लोगों के घर ढह गये। इस समय की ग्रह स्थिति का नक्शा बनायें तो हम देखते हैं कि अधिकतर ग्रह जैसे सूर्य, मंगल, बुध व शुक्र एक कोण में आ गए थे और इस कोण में ये ग्रह केवल 40 डिग्री के अंदर थे।

यही कारण था कि भूकंप की इन्टेनसिटी अत्यधिक तीव्र थी। चंद्रमा सप्तमी का और सूर्य से 90 डिग्री की दूरी पर था। इसी कारणवश 17 दिन के बाद 12 मई 2015 को 12 बजकर 50 मिनट पर इस भूकंप की पुनरावृत्ति हुई। इस दिन पृथ्वी के एक कोण में आए ग्रहों की दूरी 40 डिग्री से बढ़कर 84 डिग्री हो गई थी जिस कारण ये वाला भूकंप पिछले भूकंप की अपेक्षा कम इन्टेनसिटी का था। इस स्थिति को उपर्युक्त चित्र से आसानी से समझा जा सकता है- कै

होगी संभावित भूकंप वाले दिन की ग्रह स्थिति? 16 अक्तूबर 2016 के दिन सूर्य, गुरु, बुध, शुक्र व शनि पृथ्वी के एक कोण में आ जाएंगे। एक कोण में आए इन ग्रहों द्वारा निर्मित कोण का माप 65 डिग्री है इसलिए भूकंप की तीव्रता काफी अधिक होगी। उस दिन प्रतिपदा तिथि है अर्थात सूर्य व चंद्रमा में लगभग 180 डिग्री का अंतर है इसलिए एक महीने बाद इसकी पुनरावृत्ति होगी।


अपनी कुंडली में सभी दोष की जानकारी पाएं कम्पलीट दोष रिपोर्ट में


इसी तरह वर्ष 2017 में 3 दिसंबर 2017 को सभी ग्रह एक कोण में आ जाएंगे। इस दिन सूर्य और चंद्रमा के बीच की दूरी 1800 है अतः 1 महीने बाद इस भूकंप की पुनरावृत्ति होगी। एक कोण में आए ग्रहों द्वारा निर्मित कोण का माप 60 डिग्री होगा। इसलिए ऐसा लगता है कि 16 अक्तूबर 2016 व 3 दिसंबर 2017, इन दोनों दिनों में आने वाले भूकंपों की तीव्रता समान होगी

इसी प्रकार 27 अक्तूबर 2015 के दिन सभी ग्रह अर्थात मंगल, गुरु, शुक्र, बुध, सूर्य व शनि एक तरफ हैं और चंद्रमा दूसरी तरफ। पृथ्वी के एक कोण में आए ग्रहों द्वारा निर्मित कोण का माप लगभग 78 डिग्री है इसलिए भूकंप की तीव्रता सामान्य होनी चाहिए। चंद्रमा पूर्णिमा का अर्थात सूर्य व चंद्रमा में लगभग 180 डिग्री का अंतर है इसलिए एक महीने बाद अर्थात् 26 नवंबर 2015 को इस भूकंप की पुनरावृत्ति होगी।

इस दिन पृथ्वी के एक कोण में आए ग्रहों द्वारा निर्मित कोण का माप 27 अक्तूबर 2015 के दिन के कोण के बराबर यानि लगभग 78 डिग्री ही है इसलिए ऐसा लगता है कि 27 अक्तूबर 2015 व 26 नवंबर 2015 इन दोनों दिनों में आने वाले भूकंपों की तीव्रता समान होगी।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.