रुद्राक्ष का उपयोग विभिन्न कार्यो के लिए किया जाता है. जैसे- रोग चिकित्सा, सुख शांति एवं ग्रह दोष निवारण. इसके अलावा रुद्राक्ष का वास्तु दोष दूर करने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। जैसे- दस मुखी रुद्राक्ष को दस दिशाओं के दोष दूर करने के लिए धारण किया जाता है। यह कैसे निर्धारित करें कि रत्न धारण करना सही होगा या रुद्राक्ष? रुद्राक्ष धारक के शरीर की नकारात्मक शक्तियों को स्वयं में खिंचता है इसके विपरीत रत्न अपनी सकारात्मक शक्तियों को शरीर में प्रवाहित करते है। रुद्राक्ष शरीर की औरा शक्ति को बढ़ाता है। हमारे शरीर में नकारात्मक शक्तियों को कम कर सकारात्मक शक्तियों को बल प्रदान करता है। अभिमंत्रित रुद्राक्ष में आध्यात्मिक शक्तियों का केन्द्र होता है। रुदाक्ष धारण का काई भी विपरीत प्रभाव नहीं होता है। रत्न रश्मियों को शरीर में प्रवाहित करते है। जबकि रुद्राक्ष नकारात्मक शक्तियों को अवशोषित करता है। रत्न केवल शुभ ग्रहों का धारण किया जाता है। रत्न धारण से शुभ ग्रह की शुभता बढ़ती है। परन्तु रुद्राक्ष शुभ ग्रह और अशुभ ग्रह दोनों का धारण किया जा सकता है। सभी लग्न के व्यक्ति रुद्राक्ष धारण कर सकते है। इसके विपरीत सभी लग्न के व्यक्तियों को सभी रत्न धारण करने की सलाह नहीं दी जा सकती है। रत्न को एक अवधि विशेष के बाद बदलने की सलाह दी जाती है। परन्तु रुद्राक्ष को बदलने की जरुरत नहीं पड़ती है। इसके अलावा रुद्राक्ष को मंत्र जाप के लिए प्रयोग किया जाता है। इस कारण इनकी आन्तरिक शक्तियां बनी रहती है। रुद्राक्ष को स्वर्ण, रजत और ताम्र तीनों धातुओं में जड़ित कर पहना जा सकता है। खंडित होने अथवा माला के दाने बिखर जाने की स्थिति में रुदाक्ष को वापस धारण नहीं करना चाहिए। ऐसे में इन्हें जल में प्रवाहित कर दूसरा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष से विशेष लाभ प्राप्त करने के लिए इसे स्वर्ण या रजत धातु में धारण करना चाहिए। जो रुद्राक्ष माला रूप में पहने जाते है वो सामान्यत: मलेशिया के रुद्राक्ष दानों से निर्मित होते है। नेपाल के रुद्राक्ष का आकार बड़े होने के कारण माला रूप में कम ही प्रयोग किए जाते है। रुद्राक्ष धारण करने के बाद इन्हें लैब टेस्ट अवश्य कराना चाहिए। इससे इनकी गुणवत्ता निर्धारित होती है।
व्यूस : 1रुद्राक्ष के रहस्यधीरज गुप्तारुद्राक्ष क्या हैं। रुद्राक्ष की जांच कैसे करें। रुद्राक्ष को भगवान शिव का अश्रु कहा गया ...देखे
Members Onlyव्यूस : 1रुद्राक्ष के मुखों की जांचधीरज गुप्तारुद्राक्ष कितने मुखी है यह जानने का सही तरीका क्या हैं? रुद्राक्ष एक अमूल्य रत्न है। जिसे...देखे
Members Onlyव्यूस : 1रुद्राक्ष के प्राप्ति स्थान कौन से हैधीरज गुप्ताकिस स्थान का रुद्राक्ष सबसे उत्तम माना जाता है। रुद्राक्ष के वृक्ष भारत समेत विश्व के अनेक...देखे
Members Onlyव्यूस : 1कृत्रिम रुद्राक्ष कैसे निर्मित किए जाते हैधीरज गुप्तानकली रुद्राक्ष तैयार करने के लिए अनेक तकनीकों का प्रयोग किया जाता है। कृत्रिम रुद्राक्षों को बादा...देखे
Members Onlyव्यूस : 1रुद्राक्ष कब धारण करना चाहिएधीरज गुप्ताभगवान शिव के आंसुओं से रुद्राक्ष का निर्माण हुआ है। सिद्धि में इनका उपयोग किया जाता है। रुद्राक्ष...देखे
ज्योतिष उपायज्योतिष में संपूर्ण ज्ञान होते हुए भी तबतक वह अधूरा है जबतक कि उसके उपाय न मालूम हो। यह ठीक उसी तरह ...देखे
प्रारंभिक ज्योतिषआप ज्योतिष क्षेत्र में रूचि रखते हैं लेकिन सीखने का माध्यम अभी तक प्राप्त नहीं हुआ था या ज्योतिष में...देखे
रुद्राक्षरुद्राक्ष को भगवान शिव का अश्रु कहा गया है। शास्त्रों में रुद्राक्ष सिद्धिदायकए पापनाशकए पुण्यवर्धकए...देखे
सनातन धर्म और अध्यात्मज्योतिष पूर्णत: वैज्ञानिक हैं। ज्योतिष मानव कल्याण का एक बहुत बड़ा साधन हैं। इसका प्रयोग कर व्यक्ति स...देखे