आगामी विडियोज़ देखें

आगामी क्लिप्स देखने के लिए, फ्यूचर समाचार के ऑनलाइन सदस्य बने

बच्चों का श्रेष्ठ पालन पोषण कैसे किया जाएं? (1 व्यूस)

बच्चों का श्रेष्ठ पालन पोषण करने के लिए सर्वप्रथम स्वयं को संस्कार दें। उनमें श्रेष्ठ आदतों का विकास करने के लिए सबसे पहले इन आदतों को स्वयं में लाएं। आप अपने बच्चों को जैसा चाहते हैं ठिक वैसा आप स्वयं बनें। यदि आप ऐसा करने में सफल हो जाते है तो समझना चाहिए कि आप अपने बच्चों के उत्तम अभिभावक है। अक्सर देखने में आता है कि हम अपने बच्चों को उत्तम गुण, संस्कार और आदतें देना चाहते है परन्तु स्वयं इन सब से कोसों दूर रहते है। बच्चों के सामने ही अनेक बार झूठ बोलते है, बड़ों का अनादर करते है अथवा आपस में झगड़ा करते है और बच्चॊं से उम्मीद करते है कि वो ऐसा कुछ न करें। व्यवहारिक रूप में यह संभव नहीं हैं क्योंकि बच्चे वही सिखते है जो अपने आसपास देखते हैं। यदि हम बच्चों को दबाव, क्रोध या जबरदस्ती से सिखाने का प्रयास करते है तो बच्चे इन गुणों को अपनाते ही नहीं है। इसके विपरीत यदि अभिभावक अपने में उत्तम गुण, संस्कार और अच्छी आदतों का विकास करने में सफल हो जाते हैं तो बच्चों को कुछ सिखाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। ऐसे में बच्चे अपने माता-पिता को देख कर स्वयं ही सब कुछ ग्रहण कर लेंगे। इसलिए देखा जाए तो आज के समय में श्रेष्ठ पालन पोषण की जरुरत बच्चों को नहीं अपितु अभिभावकों को हैं। माता-पिता बनने से पूर्व यदि माता-पिता इस विषय का गहराई से अध्ययन कर लेते है कि व्यक्तित्व के सर्वश्रेष्ठ गुण जैसे - सत्यता, ईमानदारी, संवेदनशीलता और आदर का पालन करने की आदत डालें तो समाज को एक उत्तम भविष्य युक्त संतान दे सकते है। सुधार की जरुरत अभिभावकों के लिए हैं, बच्चें तो केवल अपने माता-पिता का ,प्रतिबिंब मात्र होते हैं। भावी माता-पिता यदि संतान पालन की शिक्षा ले, शिशु निर्माण में अभिभावकों का उत्तरदायित्व समझें तो बालकों का समुचित विकास कठिन कार्य नहीं हैं।


ज्योतिष में संपूर्ण ज्ञान होते हुए भी तबतक वह अधूरा है जबतक कि उसके उपाय न मालूम हो। यह ठीक उसी तरह ...देखे

आप ज्योतिष क्षेत्र में रूचि रखते हैं लेकिन सीखने का माध्यम अभी तक प्राप्त नहीं हुआ था या ज्योतिष में...देखे

रुद्राक्ष को भगवान शिव का अश्रु कहा गया है। शास्त्रों में रुद्राक्ष सिद्धिदायकए पापनाशकए पुण्यवर्धकए...देखे

put right adv here

अपने विचार व्यक्त करें

blog comments powered by Disqus