लियो पाम में लाल किताब

लियो पाम में लाल किताब  

विनय गर्ग
व्यूस : 12802 | जून 2010

लियो पाम में लाल किताब विनय गर्ग पिछले अंक में आपने लियो पाम मे मुहूर्त के बारे में पढ़ा होगा। जैसा कि पहले भी बताया जा चुका है कि लियो पाम कंप्यूटर ज्योतिष सॉफ्टवेयर अब उन सभी मोबाइल फोन परं चलाया जा सकेगा जिनमें ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज़ मोबाइल हो। यह बताने की आवश्यकता नहीं कि लाल किताब एवं उसके उपाय सामान्य जन में कितने अधिक लोकप्रिय एवं उपयोगी हैं। लेकिन लाल किताब की मूल प्रति की उपलब्धि एवं उस पुस्तक की भाषा समझ पाना अत्यंत कठिन ही नहीं बल्कि दुर्लभ भी है। जिसके अभाव में आम व्यक्ति लाल किताब के फलों एवं उसके उपायों से वंचित रह जाता है। यह भी सर्वविदित है कि लाल किताब के उपाय बेहद सरल एवं आर्थिक दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी है।


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इन उपायों को कोई भी साधारण व्यक्ति आसानी से कर सकता है। जिसमें अधिक धन एवं प्रयास की आवश्यकता नहीं होती जबकि रत्न धारण एवं तांत्रिक उपाय सभी लोगों के लिए संभव नहीं हो पाते हैं। इसी आवश्यकता को समझते हुए फ्यूचर पॉइंट ने लाल किताब जैसे गूढ़ विषय को लियो पाम में डालकर अत्यंत सरल एवं जनोपयोगी बना दिया है। इसके द्वारा साधारण व्यक्ति के साथ-साथ ज्योतिषीगण भी इसकी सहायता से लाल किताब कुंडली का निर्माण तथा लाल किताब के उपायों को जान सकते हैं। जिसके द्वारा वे जातक को अधिक आसानी से एवं अधिक सटीक उपाय बता सकते हैं। लियो पाम में लाल किताब कुंडली निर्माण के लिए लियो पाम के सबसे निचले भाग में ज्योतिष के स्थान पर लाल किताब का चयन करना होता है।

इसके पश्चात जातक का जन्म विवरण दिया जाता है तथा स्क्रीन के निचले भाग में बनी कुंडली पर क्लिक करते ही लाल किताब कुंडली स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाती है। इसके ऊपर मेन्यू में देखें तो हमें दिखाई देगा जन्मांग, ऋण, फलित, वर्षफल, उपायविधि एवं अवकहड़ा। जन्मांग जन्मांग के अंतर्गत उसका उप-मेन्यू देखने पर हमको मिलता है लाल किताब कुंडली, जन्म कुंडली, लाल किताब चंद्र, चंद्र कुंडली, ग्रह स्पष्ट, ग्रह स्थिति, भाव विवरण एवं भाव स्थिति। जन्मांग के अंतर्गत हम लाल किताब कुंडली और सामान्य जन्म कुंडली एक बटन दबाने से बदल कर देख सकते हैं। इसी प्रकार लाल किताब चंद्र एवं चंद्र कुंडली भी सिर्फ एक बटन दबाने से परिवर्तित करके देखी जा सकती है। यदि जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति राशि व अंश सहित देखनी हो तो 'ग्रह स्पष्ट' पर बटन दबाकर देखा जा सकता है। 'ग्रह स्थिति' के अंतर्गत बटन दबाने पर हमको एक ही स्क्रीन पर ग्रहों का अंधा होना, सोया होना, धर्मी होना, नेक/मंदा होना आदि की जानकारी प्राप्त होती है।

'भाव विवरण' के अंतर्गत द्वादश भावों के मालिक, पक्का घर एवं उन भावों की किस्मत जगाने वाले ग्रहों की जानकारी प्राप्त होती है। 'भाव स्थिति' शीर्षक में 12 खानों की स्थिति की जानकारी होती है। इसमें यह पता चलता है कि अमुक भाव के लिए कौना सा ग्रह उच्च का है और कौन सा ग्रह नीच का है साथ ही वह खाना सोया है या नहीं। इसी प्रकार मैत्री चक्र के अंतर्गत नवग्रहों का परस्पर संबंध क्या है अर्थात शत्रु, मित्र और सम ग्रहों की जानकारी होती है। 'ग्रह राशिफल' के अंतर्गत नव ग्रहों के फल और उन ग्रहों से संबंधित फल लाल किताब के वाक्यों द्वारा दिखाए गए हैं जैसे - 'दूसरों के लिए जोड़ जोड़कर मरे' या 'परमात्मा की मदद का मालिक' आदि। इसके बाद 'टेवा विवरण' के अंतर्गत आप जान सकेंगे कि जातक का टेवा 'रतांध टेवा' है या नहीं 'धर्मी टेवा' है या नहीं या 'नाबालिग टेवा' है या नहीं।

अंत में आप देखेंगे ग्रहों की लाल किताब की दशाएं। इसमें महादशा और अंतर्दशा दी गई है तथा इनको क्रमानुसार 5 स्तर तक नीचे स्तर देखा जा सकता है। ऋण यूं तो ज्योतिष में पूर्व जन्म के कर्मों के फलों को पूरा-पूरा महत्व दिया जाता है परंतु लाल किताब में पूर्व जन्म में किए गए कार्य एवं पूर्व जन्म के ऋणों को अत्यंत महत्व दिया गया है। लाल किताब के अनुसार इस जीवन में मिलने वाले सुख और दुःख पूर्व जन्म के ऋणों का ही फल है। यदि व्यक्ति को पूर्व जन्म के ऋणों की जानकारी नहीं होगी तो वह अपने इस जन्म के फलों को नहीं सुधार पाएगा। इसके लिए लियो पाम में पूर्व जन्मों के ऋणों की जानकारी दी गई है। कौन सा ऋण कुंडली में किस ग्रह के किस भाव में होने के कारण है यह भी 'ग्रह चाल' के द्वारा बताया गया है।

इसके अतिरिक्त उन ऋणों की 'निशानियां' भी दी गई हैं। जिसके द्वारा आप यह निश्चित सकेंगे कि जातक के जीवन में पूर्व जन्म का अमुक ऋण है। 'घटनाओं' के अंतर्गत बताया गया है कि अमुक ऋण होने के कारण जातक के जीवन में क्या फल घटित होता है। अंत में उस नकारात्मक घटना को रोकने के लिए 'उपाय' के अंतर्गत अमुक ग्रह के लाल किताब पर आधारित सरल उपाय भी बताए गए हैं। इसके अंतर्गत स्व ऋण, मातृ ऋण, पारिवारिक ऋण, कन्या/बहन का ऋण, पितृ ऋण, स्त्री ऋण, निर्दयी का ऋण, आजन्मकृत ऋण, ईश्वर ऋण आदि की जानकारी उपर्युक्त रूप में दी गई है। फलित लाल किताब कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर ग्रहों के क्या फल होंगे इसकी विस्तृत जानकारी फलित शीर्षक के अंतर्गत दी गई है। फलित पर बटन दबाने के बाद एक उप मेन्यू प्रदर्शित होगा इसके अंतर्गत नव ग्रहों के फल के लिए अलग-अलग स्थान दिए गए हैं।

जिस ग्रह का फल आपको देखना हो उस ग्रह के बटन पर दबाकर देखा जा सकता है। विशिष्ट ग्रह का फल कुंडली में खाने में स्थिति के आधार पर दिया गया है। इसका शुभाशुभ फल क्या होगा तथा अशुभ फलों को रोकने के लिए हमें क्या-क्या परहेज या उपाय किए जाने चाहिए इनकी विस्तृत जानकारी दी गई है। ऐसा आप सूर्य से लेकर केतु तक सभी नव ग्रहों के बारे में जान सकते हैं। जैसा कि आपको पहले भी बताया गया है कि लाल किताब के उपाय सरल एवं सटीक है उन्हीं उपायों को यहां वर्णित किया गया है। वर्षफल लाल किताब में जन्म तिथि पर उपाय किए जाने का अत्यंत महत्व है ऐसा माना जाता है कि आने वाले वर्ष को शुभ बनाने के लिए यदि जन्म दिवस पर कुछ उपाय किए जाएं तो आने वाले वर्ष में शुभ फलों की प्राप्ति होती है एवं अशुभ फलों का ह्रास होता है

जिससे जीवन अधिक सुखमय एवं समृद्धिशाली बनता है। इसके लिए सर्वप्रथम लाल किताब पर आधारित वर्ष कुंडली का निर्माण करना होता है तथा उसके विश्लेषण के आधार पर किए जाने वाले उपायों का निश्चय किया जाता है। जिस प्रकार लाल किताब कुंडली का निर्माण किया जाता है उसी प्रकार वर्ष कुंडली का निर्माण भी प्रत्येक वर्ष किया जाता है तथा जन्मांग के समान ही वर्ष ग्रह स्थिति, वर्ष भाव स्थिति, वर्ष कुंडली, वर्ष चंद्र कुंडली, वर्ष लाल किताब दशा, वर्ष ग्रह स्पष्ट, वर्ष लाल किताब कुंडली, वर्ष चंद्र स्थिति आदि गणना करनी होती है जो कि लियो पाम में दी गई है।इसके अतिरिक्त वर्ष भर किए जाने वाले उपाय तथा वर्ष पर्यंत नव ग्रहों अर्थात सूर्य से लेकर केतु तक के सभी ग्रहों का वर्षकुंडली में क्या प्रभाव रहेगा इसके फल, परहेज, आदि की विस्तृत जानकारी दी गई है। जिस ग्रह का वर्षफल फलित उपाय एवं परहेज जानना हो उस ग्रह के बटन को दबाकर देखा जा सकता है।

इसके अंतर्गत दिए गए उपाय जन्म दिन से या जन्म दिन से 40 दिन के अंतर्गत शुरू किए जाने चाहिए ऐसा इसमें हिदायत के रूप में दिया गया है। जन्मांग की जन्म कुंडली के समान ही इसमें वर्ष ग्रह स्थिति के अंतर्गत ग्रहों का अंधा होना, सोया होना, धर्मी होना, नेक/मंदा होना आदि की जानकारी दी गई है। वर्ष भाव स्थिति में 12 खानों की स्थिति 'सोया' है या नहीं इसकी जानकारी दी गई है। वर्षकुंडली के अंतर्गत लाल किताब वर्ष कुंडली दी गई है। इसी प्रकार वर्ष चंद्र कुंडली दी गई है तथा जन्म कुंडली के दशा के समान लाल किताब की वर्ष भर की दशाएं दी गई हैं। वर्ष कुंडली में ग्रहों की राशि, अंश एवं स्थिति दी गई है। वर्ष पर आधारित लाल किताब कुंडली का निर्माण इसमें किया गया है और 'जन्म ग्रह स्थिति' के अंतर्गत वर्ष भर ग्रहों के अंधा होने, सोया होने, धर्मी होने, नेक/मंदा होने की जानकारी दी गई है। उपाय विधि कई बार जातक उपाय तो करना चाहता है

परंतु उसकी विधि और नियम आदि की जानकारी के अभाव में जातक को अपने उपाय का पूरा फल नहीं मिल पाता है इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए लियो पाम में लाल किताब के उपायों के विधि का वर्णन विस्तृत रूप से किया गया है। इसके अंतर्गत यह बताया गया है कि यदि जातक उपाय करने में असमर्थ हो तो उसके स्थान पर कौन उपाय कर सकते हैं एक दिन में कितने उपाय किए जा सकते हैं। परहेज का ध्यान कैसे रखें कोई उपाय कब तक किया जाना चाहिए, यदि कोई उपाय बीच में बंद करना पड़ जाय तो क्या करें। किस ग्रह का उपाय करें, कब उपाय किया जाना चाहिए या कब नहीं किया जाना चाहिए आदि की जानकारी विस्तृत रूप से दी गई है।

अवकहड़ा जन्म कुंडली से संबंधित जातक के बारे में जानकारी जैसे लग्न, राशि, नक्षत्र, करण, गण, योनि, वश्य, जन्म नामाक्षर, पाया और सूर्य राशि आदि के बारे में इस शीर्षक के अंतर्गत दी गई है। इसी के अंतर्गत उप मेन्यू में निम्न शीर्षक हैं जैसे घात चक्र, सूर्य स्थिति, तारा चक्र, जन्म विवरण, राहु काल एवं पंचांग आदि। 'घात चक्र' में जातक से संबंधित अशुभ मास, तिथि, दिन, नक्षत्र, योग, करण, प्रहर, लग्न, नवग्रहों की अशुभ राशियां आदि की जानकारी दी गई है। 'सूर्य स्थिति' के अंतर्गत सूर्योदय, सूर्यास्त, दिनमान, सूर्य स्थिति, ऋतु, अयनांश एवं वेलांतर की जानकारी दी गई है। 'तारा चक्र' में जातक से संबंधित शुभ और अशुभ नक्षत्रों की जानकारी दी गई है जैसे - विपत, प्रत्यारी और वध से संबंधित कौन से अशुभ नक्षत्र हैं

वह इसमें बताये गए हैं। 'जन्म विवरण' के अंतर्गत जातक का नाम, लिंग, जन्म तिथि, दिन, जन्म समय, जन्म स्थान, समय संस्कार आदि की जानकारी दी गई है। 'राहु काल' के अंतर्गत जातक के जन्म दिन के समय होरा, चौघड़िया, राहुकाल, गुलिक काल और यमघंटक काल की जानकारी दी गई है। 'पंचांग' के अंतर्गत दी गयी तिथि पर दिवस पर विक्रमी संवत्, मास, पक्ष, तिथि, तिथि का समाप्ति काल, दिन, नक्षत्र एवं समाप्ति काल, जन्म नक्षत्र, जन्म योग, जन्म करण एवं इनके समाप्ति काल भी प्रदर्शित हैं।


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निष्कर्षतः हम कह सकते हैं कि लियो पाम में लाल किताब से संबंधित सभी गणनाएं, फलित, उपाय, एवं परहेज आदि की जानकारी विस्तृत एवं सरल रूप में दी गई है तथा इसके पश्चात लाल किताब से संबंधित अन्य गणना, फल एवं उपाय की जानकारी की आवश्यकता नहीं रह जाती है। विस्तृत जानकारी के लिए आप फ्यूचर पॉइंट के कार्यालय से ईमेल, फोन, फैक्स या पत्र व्यवहार द्वारा संपर्क कर सकते हैं।



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